धन शोधन निवारण (एएमएल)/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) - मानक - आरबीआई - Reserve Bank of India
धन शोधन निवारण (एएमएल)/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) - मानक
आरबीआई/2010-11/434 17 मार्च, 2011 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय धन शोधन निवारण (एएमएल)/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) - मानक ईरान, डेमोक्रेटेक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके), और साओ टोम तथा प्रिंसिपे में एएमएल/सीएफटी प्रणाली में पायी गयी कमियों से उत्पन्न होनेवाले जोखिमों पर दिनांक 12 अगस्त, 2010 का हमारा परिपत्र शबैंवि(पीसीबी).केंका.बीपीडी.परि. सं. 07/14.01.062 /2010 -11 दे खें। 2. वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने उक्त विषय पर 22 अत्तुबर 2010 को एक और वक्तव्य जारी किया है (प्रतिलिपि संलग्न)। यह देखा जा सकता है कि वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स के इस वकमतव्य में एएमएल/सीएफटी संबंधी नीतिगत कमियों वाले क्षेत्रों को निम्नानुसार दो समूहों में बाँटा गया है: क) ईरान : ऐसे क्षेत्र जिससे उत्पन्न होनेवाले धनशोधन निवारण और आतंकवाद के वित्तपोषण संबंधी लगातार जारी तथा महत्वपूर्ण जोखिमों से अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली को बचाने के लिये एफएटीएफ अपने सदस्यों तथा अन्य क्षेत्रों से प्रतिरोधी उपाय लागू करने की अपेक्षा करता है। ख) डेमोक्रेटेक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके): ऐसे क्षेत्र जिनमें धन शोधन निवारण/आतंकवाद के वित्तपोषण के प्रतिरोध संबंधी नीतिगत कमियां हैं तथा जिन्होंने प्रमुख कमियों को दूर करने के लिए अक्तूबर 2010 तक वित्तीय कार्रवाई टॉस्क फोर्स (एफएटीएफ) के साथ विकसित की गयी कार्य नीति को कार्यान्वित करने के प्रति प्रतिबद्धता नहीं दर्शायी है । एफएटीएफ अपने सदस्यों से अनुरोध करता है कि वे उक्त में से प्रत्येक क्षेत्र से जुड़ी कमियों से उत्पन्न जोखिम पर विचार करें। 3. सभी शहरी सहकारी बैंको को तदनुसार सूचित किया जाता है कि वे इन देशों / क्षेत्रों के व्यक्तियों (जिनमें विधिक व्यक्ति और अन्य वित्तीय संस्थाएँ भी शमिल हैं ) के साथ कारोबारीसंबंध बनाते समय और लेन देन करते समय इन देशों की एएमएल/सीएफटी प्रणाली में पायी गयी कमियों से उत्पन्न होनेवाले जोखिमों को ध्यान में रखें । 4. कृपया अपने बैंक के अनुपालन अधिकारी/प्रधान अधिकारी को इसकी प्रप्ति सूचना संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को भेजने के लिए सूचित करें । भवदीय (एम नंदकुमार) सं: यथोपरि |