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भारत में इलेक्‍ट्रॉनिक निधि अंतरण अवसंरचना – आरटीजीएस और एनईएफटी का प्रयोग

आरबीआई/2010-11/265
डीपीएसएस(केका) आरटीजीएस.सं.1051/04.04.002/2010-2011

9 नवम्‍बर 2010

आरटीजीएस और एनईएफटी में सहभागी सभी बैंकों के
अध्‍यक्ष और प्रबंध निदेशक / मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी

महोदया / प्रिय महोदय,

भारत में इलेक्‍ट्रॉनिक निधि अंतरण अवसंरचना – आरटीजीएस और एनईएफटी का प्रयोग

कृपया उपयुक्‍त विषय पर हमारे परिपत्र डीपीएसएस (केका) आरटीजीएस. सं1008/04.04.002/2010-2011 दिनांक 3 नवम्‍बर 2010 का अवलोकन कीजिए।

2. सहभागी सदस्‍य बैंकों से प्राप्‍त अनुरोधों के आधार पर यह स्‍पष्‍ट किया जाता है कि रु. 2 लाख और इससे अधिक की धनराशि के लिए आरटीजीएस के माध्‍यम से किए गए संव्‍यवहारों के लिए संशोधित ग्राहक प्रभार अनुमेय हैं।

3. तदनुसार रु. 2 लाख से रु. 5 लाख तक के मूल्‍य के बैन्‍ड हेतु रु.25 का अधिकतम ग्राहक प्रभार लगाया जाएगा।

कृपया पावती भिजवाएं।

भवदीय,

(जी. श्रीनिवास)
महाप्रबंधक

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