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एक्ज़िम बैंक द्वारा ईस्टर्न एंड सदर्न अफ्रीकन ट्रेड और डिवेलपमेंट बैंक (पीटीए) को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता - आरबीआई - Reserve Bank of India

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एक्ज़िम बैंक द्वारा ईस्टर्न एंड सदर्न अफ्रीकन ट्रेड और डिवेलपमेंट बैंक (पीटीए) को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई 400 001

ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 47

नवंबर 12, 2002

सेवा में
विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी

महोदया/महोदय

एक्ज़िम बैंक द्वारा ईस्टर्न एंड सदर्न अफ्रीकन
ट्रेड और डिवेलपमेंट बैंक (पीटीए) को
10 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहायता

एक्ज़िम बैंक ऑफ इंडिया (एक्ज़िम बैंक) ने अगस्त 2, 2002 को ईस्टर्न एंड सदर्न अफ्रीकन ट्रेड और डिवेलपमेंट बैंक (पीटीए) को 10 मिलियन अमरीकी डॉलर (दस मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) की राशि तक स्वीकृत अधिकत ऋण सीमा/ऋण सहायता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है । ऋण सितंबर 18, 2002 को लागू होगा । पीटीए बैंक सदस्य देश्ांटं नामत: बुरुंडी, कॉमोरोस, जिबौटी, इजिप्ट, इरिट्रिया, इथियोपिया, केन्या, मालवी, मौरीशस, रवांडा, सोमालिया, सुडान, तान्ज़ानिया, युगांडा, ज़ाम्बिया तथा ज़िम्बाबवे के क्रेताओं को पात्र माल (अनुबद्ध में सूचीबद्ध और दउधारकर्ता के देश में क्रेताओं के पात्र माल (अनुबद्ध में सूचीबद्ध) और संबंधित सेवाओं के निर्यात के लिए उपलब्ध रहेगा । पात्र माल में प्रारंभिक कलपुर्जे, ड्राइंग और डिजाइन और उनसे सबंधित सेवाएं भी शामिल होंगे । भारत से माल के निर्यात और पीटीए बैंक सदस्य देश देश में उक्त आयात दोनों देशों में प्रचलित कानूनों और विनियमावली के अधीन होंगे ।

2. ऋण के प्रमुख नियम ओर शर्ते इस प्रकार हैं ।

(क) ऋण के अंतर्गत प्रत्येक संविदा के लिए एक्ज़िम बैंक की पूर्वानुमति आवश्यक होगी ।

(ख) पात्र संविदा के अंतर्गत जहाज तक न:शुल्क (एफओबी) अथवा लागत और भाड़ा (सी एंड एफ) अथवा लागत, बीमा और भाड़ा (सीआईएफ) के 90 प्रतिशत तक की राशि के लिए वित्तपोषण उपलब्ध रहेगा ।

(ग) संविदा मूल्य अमरिकी डॉलर में निर्दिष्ट होना चाहिए और 50,000 अमरीकी डॉलर (पचास हजार अमरीकी डॉलर मात्र) अथवा ऐसी राशि जो समय समय पर एक्ज़िम बैंक और उधारकर्ता के बीच सहमत राशि से कम नहीं होनी चाहिए ।

(घ) ऋण के अधीन हस्ताक्षरित संविदा में निम्नलिखित बातें शामिल होनी चाहिए :

i) क्रेता विक्रेता को निर्यात-आयात बैंक द्वारा संविदा के अनुमोदन की तारीख के 10 कार्य दिवस के भीतर संविदागत मूल्य के 10 प्रतिशत (दस प्रतिशत) का अग्रिम भुगतान करें ।

ii) क्रेता जहाज़ तक न:शुल्क (एफओबी) भाड़ा लागत और भाड़ा (सी एण्ड एफ) संविदागत मूल्य शेष 90 प्रतिशत का भुगतान विक्रेता करें जो आनुपातिक रूप से अप्रतिसंहरणीय साख पत्र द्वारा रक्षित हो ।

iii) पात्र मालों की जांच क्रेता की ओर से लदान के पहले की जाएगी और साख पत्र व्यवस्था के अंतर्गत मध्यस्थ बैंक को विक्रेता द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेज में जांच प्रमाणपत्र शामिल किया जाना चाहिए ।

3. साख पत्र, भारत में बैंक के ऐसे कार्यालयों द्वारा सूचित किया जाना चाहिए जो एक्ज़िम बैंक द्वारा समय-समय पर बैंका कॅमर्शियाला रोमाना (बीसीआर) के परामर्श से भारत में नामित किया गया हो । साख पत्र अंतरराष्ट्रीय चेम्बर ऑफ कॉमर्स (प्रकाशन सं. 500) द्वारा प्रकाशित प्रलेखी ऋणों के लिए एक समान रूढ़ि और प्रथा (1994 संस्करण) के अधीन होंगे और वह अप्रतिसंहरणीय और यदि विक्रेता चाहता है तो वह विभाज्य और हस्तांतरणीय भी होगा ।

4. हिताधिकारी द्वारा मध्यस्थ बैंक को दस्तावेज प्रस्तुत करने पर, मध्यस्थ बैंक हिताधिकारी को जहाज तक न:शुल्क अथवा लागत और भाड़ा अथवा लागत, बीमा और भाड़ा के संविदा मूल्य के 90% तक की राशि, संबंधित लदान के लिए विनियोज्य हाज़िर दर पर समतुल्य भारतीय रुपयों में भुगतान करेगा बशर्ते कि प्रस्तुत दस्तावेज़ सही और संबंध्ंति साख पत्र के अनुरूप हों ।

5. यदि बेचान किसी रिज़र्व के बिना की गई हो तो एक्ज़िम बैंक मध्यस्थ बैंक से लिखित सूचना की प्राप्ति पर उसे हिताधिकारी द्वारा अदा की गई संबंधित पोतलदान के पात्र विनियोजन मूल्य की राशि की प्रतिपूर्ति अमरीकी डॉलर मध्यस्थ बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट न्यूयार्क, यूएसए स्थित किसी ऐसे बैंक में रखे गए खाते में अंतरण द्वारा करेगा । यदि रिज़र्व के अधीन बेचान की गई हो तो एक्ज़िम बेचानकारी बैंक को उससे इस आशय की सूचना मिलने पर कि जारीकर्ता बैंक जिसने साख पत्र खोला/जारी किया है रिज़र्व हटा दिया है और प्रलेखों को स्वीकार कर लिया है अथवा उधारकर्ता अथवा मध्यस्थ बैंक के जरिए जारी कर्ता बैंक से उस आशय की सूचना मिलने पर भुगतान करेगा ।

6. बेचानकारी बैंक द्वारा साख पत्रों के टमामले में या उसके अंतर्गत दस्तावेज पर बातचीत करते समय किसी भी चूक के लिए एक्ज़िम बैंक जबाबदेह या उत्तरदायी नहीं होगा ।

7. भारत में देय बैंक प्रभार, व्यय, कमीशन अथवा स्टाम्प डयूटी विक्रेता/हिताधिकारी के खाते और जो जारीकर्ता देश में देय है वह खरीददार के खाते में देय होगा ।

8. निर्यातक क्रेता के साथ करार को अंतिम रूप देने से पहले एक्ज़िम बैंक से स्वीकृत अधिकतक सीमा के लिए किए जाने वाले करार के संबंध में देय सेवा शुल्क का अग्रिम रूप से ज्ञात कर ले ।

9. साख पत्र खोलने की और ऋण उपयोग करने की सीमा तिथि क्रमश: मार्च 17, 2004 और सितंबर 17, 2004 है ।

10. ऋण के अंतर्गत किए जानेवाले पोतलदान को सामान्यतौर पर जीआर/एसडीएफ फार्मों में घोषित करना होगा । जीआर/एसडीएफ की सभी प्रतियों पर इस सुस्पष्ट उल्लेख के साथ घोषित किया जाना चाहिए कि ‘एक्ज़िम बैंक के दिनांक अगस्त 2, 2002 की ऋण सीमा स्वीकृति के अंतर्गत ईस्टर्न एंड सदर्न अफ्रीकन ट्रेड और डिवेलपमेंट बैंक (पीटीए) को दिए गए ऋण के लिए निर्यात किया गया ।’ इस परिपत्र की संख्या और तारीख इसके लिए उपलब्ध किए गए स्थान पर लिखि जानी चाहिए । उक्त स्वरूप में, बिल के पूर्ण भुगतान की प्राप्ति पर प्राधिकृत व्यापारी संबंधित जीआर/एसडीएफ की अनुलिपि प्रति/प्रतियों पर प्रमाणित करके उसे सामान्य तरीके से रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को भेजें ।

11. उक्त ऋण सीमा के अधीन वित्तपोषित निर्यात के संबंध में कोई एजेंसी कमीशन देय नहीं होगा । तथापि, अनुरोध करने पर अनुबंध में उल्लिखित और विक्री सेवा के पश्चात आवश्यक माल के संबंध में जहाज तक न:शुल्क लागत और भाड़ा/लागत, बीमा और भाड़ा के अधिकतक 5 प्रतिशत तक कमीशन के भुगतान के लिए गुण दोष के आधार पर, रिज़र्व बैंक विचार कर सकता है । इस प्रकार के मामलों में कमीशन संबंधित जहाज के बीजक में से कटौती द्वारा सिफ्द उधारकर्ता/क्रेता के देश में ही अदा किया जाएगा और मध्यस्थ बैंक एक्ज़िम बैंक द्वारा प्रतिपूर्ति की राशि, अदा किए गए कमीशन को घटाकर जहाज तक न:शुल्क /लागत और भाड़ा/ लागत, बीमा और भाड़ा के मूल्य के 90 प्रतिशत होगी । कमीशन के भुगतान के लिए अनुमोदन संबंधित पोतलदान से पहले प्राप्त करें ।

12. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें ।

13. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फ्टमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11 (1) के अंतर्गत जारी किए गए है ।

भवदीया

(ग्रेस कोशी)
मुख्य महाप्रबंधक

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