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अवसंरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) वित्तीय कंपनियाँ

भारिबैं/2009-10/316
गैबैंपवि.नीति प्रभा.कंपरि. सं.168/03.02.089/2009-10

12 फरवरी 2010

सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ
(अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियों को छोड़कर)

प्रिय महोदय,

अवसंरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) वित्तीय कंपनियाँ

कृपया वर्ष 2009-10 के लिए मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही की समीक्षा के पैराग्राफ 178 का अवलोकन करें। प्रमुखत: इंफ्रास्ट्रक्चर वित्तीय कारोबार में लगी संपूर्ण प्रणाली की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण जमाराशियॉ न स्वीकारने/ धारण करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी-एनडी-एसआई) ने भारतीय रिज़र्व बैंक को अभिवेदन किया था कि इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र को ऋण उपलब्ध कराने की महत्त्वूपर्ण भूमिका अदा करने के मद्दे नज़र इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र को वित्तीय सुविधा प्रदान करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए अलग से एक श्रेणी होनी चाहिए/बनायी जाए। संप्रति रिज़र्व बैंक ने गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को तीन श्रेणियों अर्थात परिसंपत्ति वित्त कंपनियों, ऋण कंपनियों एवं निवेश कंपनियों में वर्गीकृत कर रखा है। अब यह निर्णय लिया गया है कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की एक चौथी श्रेणी "इंफ्रास्ट्रक्चर वित्त कंपनियों (आईएफसी) के रूप में प्रारंभ की जाए।

2. तदनुसार, यह सूचित किया जाता है कि इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों की नई श्रेणी को शामिल करने के लिए गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के मौजूदा वर्गीकरण/श्रेणीकरण को संशोधित किया जा रहा है। एक इंफ्रास्ट्रक्चर वित्त कंपनीं (आईएफसी) ऐसी कंपनी के रूप में परिभाषित है जो जमाराशियाँ न स्वीकारने वाली और निम्नलिखित मानदण्डों को पूरा करने वाली कंपनी है:

  1. जिस कंपनी की कुल परिसंपत्तियों के 75% को इंफ्रास्ट्रक्चर ऋणों के रूप में दिया गया हो जैसाकि गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशियाँ न स्वीकारने या धारण करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदण्ड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2007 के पैरा 2 (viii) में परिभाषित है;

  2. जिसकी निवल स्वाधिकृत निधियाँ (एनओएफ) 300 करोड़ रुपए या अधिक हें;

  3. जिसकी न्यूनतम क्रेडिट रेटिंग "ए" या क्रिसिल, फिच, केयर, इक्रा की समतुल्य रेटिंग या अन्य मान्यताप्राप्त रेटिंग एजेंसियों द्वारा प्रदत्त समतुल्य रेटिंग हे;

  4. जिसकी जोखिम भारित परिसंपत्तियों की तुलना में पूंजी का अनुपात (सीआरएआर) 15% हे (जिसमें से न्यूनतम 10 % बिन्दु टियर 1 पूंजी से है)।

3. इंफ्रास्ट्रक्चर वित्त कंपनियाँ उक्त निदेश के पैरा 18 में क्रेडिट मानदण्डों के संव्रेंदन के संबंध में विनिर्दिष्ट सीमा को निम्न सीमा तक पार कर सकती हैं :

(i) ऋण देने के संबंध में :

(क) किसी एक उधारकर्ता को अपनी स्वाधिकृत निधियों के दस प्रतिशत बिन्दु तक; तथा
(ख) किसी एक उधारकर्ता समूह को अपनी स्वाधिकृत निधियों के पंद्रह प्रतिशत बिन्दु तक;

(ii) ऋण देने और निवेश करने (ऋण/निवेश मिलाकर) के संबंध में :

(क) किसी एक पार्टी को अपनी स्वाधिकृत निधियों के पांच प्रतिशत बिन्दु तक; और
(ख) पार्टियों के एक समूह को अपनी स्वाधिकृत निधियों के दस प्रतिशत बिन्दु तक;

(iii) एक पार्टी और पाटिर्यों के एक समूह दोनों के लिए निवेश संबंधी मौजूदा मानदण्ड वही होंगे जो उक्त निदेश के पैरा 20 में दिए गए हैं।

4. इंफ्रास्ट्रक्चर वित्त कंपनियों के रूप में वर्गीकृत होने संबंधी उल्लिखित मानदण्डों को पूरा न कर पाने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा दिए गए/जाने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर ऋणों के बारे में उक्त निदेश के पैरा 20 में वर्णित मौजूदा मानदण्ड लागू रहेंगे।

5. चूंकि आय निर्धारण, परिसंपत्ति वर्गीकरण तथा प्रावधानीकरण मानदण्ड के प्रयोजनार्थ वर्गीकरण परिसंपित्त विनिर्देशन पर आधारित हैं, अस्तु विवेकपूर्ण मानदण्ड अब तक की भांति लागू रहेंगे।

6. उल्लिखित मानदण्ड पूरे करने वाली कंपनियाँ इंफ्रास्ट्रक्चर वित्त कंपनी के रूप में वर्गीकृत होने के लिए बैंक द्वारा जारी मूल पंजीकरण प्रमाणपत्र के साथ हमारे उस क्षेत्रीय कार्यालय से संपर्क करें जिसके अधिकार क्षेत्र में कंपनी का पंजीकृत कार्यालय आता हो। कंपनी अपने अनुरोध के साथ 31 मार्च को समाप्त नवीनतम वित्तीय वर्ष की परिसंपत्ति/आय पैटर्न की पुष्टि करने वाला अपने सांविधिक लेखापरीक्षक का प्रमाणपत्र संलग्न करे। वर्गीकरण परिवर्तन बैंक द्वारा जारी पंजीकरण प्रमाणपत्र में एनबीएफसी-एनडी-आईएफसी के रूप में अंकित किया जाएगा।

7. इंफ्रास्ट्रक्चर वित्त कंपनी के रूप में वर्गीकृत होने के लिए केवल पात्र परिसंपत्तियों को शामिल करने का दायित्व संबंधित कंपनी का होगा।

8. इस संबंध में 12 फरवरी 2010 की संशोधनकारी अधिसूचना सं. गैबैंपवि.213/मुमप्र(एएसआर)-2010 की प्रतिलिपि अनुपालन के लिए संलग्न है।

भवदीय

(ए.एस. राव)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

सं. यथोक्त


भारतीय रिज़र्व बैंक
गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग
केंद्रीय कार्यालय
सेंटर-1, विश्व व्यापार केंद्र
कफ परेड, कोलाबा
मुंबई-400 005

अधिसूचना सं. गैबैंपवि. 213/मुमप्र (एएसआर)-2010, दिनांक 12 फरवरी 2010

भारतीय रिज़र्व बैंक, जनता के हित में यह आवश्यक समझकर और इस बात से संतुष्ट होकर कि देश के हित में ऋण प्रणाली को विनियमित करने के लिए बैंक को समर्थ बनाने के प्रयोजन से 22 फरवरी 2007 की अधिसूचना सं. डीएनबीएस.193/डीजी(वीएल)-2007 में अंतर्विष्ट गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशियाँ न स्वीकारने या धारण करने वाली) कंपनियाँ विवेकपूर्ण मानदण्ड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2007 (जिन्हें इसके बाद निदेश कहा गया है) को संशोधित करना आवश्यक है, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) की धारा 45-ञ, 45-ञक तथा 45-ठ द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में प्राप्त समस्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उक्त निदेश को तत्काल प्रभाव से निम्नवत संशोधित करने का निदेश देता है अर्थात-

1. पैराग्राफ 1 में संशोधन-

उप पैराग्राफ (3) में, खंड (i) के अंत में "अवसंरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) वित्त कंपनी सहित" जोड़ा जाएगा।

2. पैराग्राफ 2 में संशोधन-

(1) उप पैराग्राफ (1) में, खंड (vii) के बाद, निम्नलिखित खंड (viiक) जोड़ा जाएगा।

"(viiक) "अवसंरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) वित्त कंपनी का अर्थ उस गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी से है जो अपनी कुल परिसंपत्तियों के न्यूनतम 75% को इंफ्रास्ट्रक्चर ऋणों में लगाती हो"

(2) उप पैराग्राफ 1 में , खंड (viii) में, उपख्डां (ज) के बाद , उपख्डां (जक) जोड़ा जाएगा।

"(जक) गैस, कच्चा तेल(क्रूड आयल) तथा पट्रोलियम पाइप लाइनें बछाने और /या के रख-रखाव"

3. उप पैराग्राफ 1 में , खंड (viii) में, उपख्डां (ट) अर्थात शिक्षा संस्थाओं एवं अस्पतालों का निर्माण" शब्दों को हटाया जाएगा।

3. नया पैराग्राफ जोड़ना-

पैराग्राफ 19 के बाद निम्नलिखित पैराग्राफ 19ए जोड़ा जाएगा-

"अवसंरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) वित्त कंपनी के लिए अपेक्षाएं-

19ए. एक "अवसंरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) वित्त कंपनी" -

  1. जनता से जमाराशियाँ स्वीकार नहीं करेगी;
  2. के पास निवल स्वाधिकृत निधियाँ 300 करोड़ रुपए या अधिक होंगी;
  3. की न्यूनतम क्रेडिट रेटिंग "ए" या क्रिसिल, फिच, केयर, इक्रा की समतुल्य रेटिंग या अन्य मान्यताप्राप्त रेटिंग एजेंसियों द्वारा प्रदत्त समतुल्य रेटिंग होगे;
  4. की जोखिम भारित परिसंपत्तियों की तुलना में पूंजी का अनुपात (सीआरएआर) 15% होगा (जिसमें से न्यूनतम 10 % बिन्दु टियर 1 पूंजी से होगी)।

4. पैराग्राफ 20 में संशोधन-

(1) उप पैराग्राफ (12) के बाद निम्नलिखित उप पैराग्राफ (12ए) जोड़ा जाएगा।

"(12ए) अवसंरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) वित्त कंपनियाँ उक्त निदेश के पैरा 18 में वर्णित क्रेडिट मानदण्डों के संव्रेंदन को निम्न सीमा तक पार कर सकती हैं :

(i) ऋण देने के संबंध में :

(क) किसी एक उधारकर्ता को अपनी स्वाधिकृत निधियों के दस प्रतिशत बिन्दु तक; तथा
(ख) किसी एक उधारकर्ता समूह को अपनी स्वाधिकृत निधियों के पंद्रह प्रतिशत बिन्दु तक;

(ii) ऋण देने और निवेश करने (ऋण/निवेश मिलाकर) के संबंध में :

(क) किसी एक पार्टी को अपनी स्वाधिकृत निधियों के पांच प्रतिशत बिन्दु तक; और
(ख) पार्टियों के एक समूह को अपनी स्वाधिकृत निधियों के दस प्रतिशत बिन्दु तक;

(ए.एस. राव)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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