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मास्टर परिपत्र-मुद्रा तिजोरी लेनदेनों की विलम्ब से सूचना देने/गलत सूचना देने/सूचना न देने पर दंडात्मक ब्याज लगाना और तिजोरी शेषों/तिजोरी प्रेषणों में कमी/जाली नोटों के समावेश के मामलों में दंडात्मक कारवाई

आरबीआई/2009-10/89
डीसीएम(सीसी)सं.जी-1/03.35.01/2009-10

01 जुलाई 2009

1.अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी मुद्रा तिजोरी वाले सभी बैंक

2.कोषागार निदेशक (राज्य सरकार - संलग्न सूची के अनुसार)

प्रिय महोदय/महोदया

मास्टर परिपत्र-मुद्रा तिजोरी लेनदेनों की विलम्ब से सूचना देने/गलत सूचना देने/सूचना न देने पर दंडात्मक
ब्याज लगाना और तिजोरी शेषों/तिजोरी प्रेषणों में कमी/जाली नोटों के समावेश के मामलों में दंडात्मक कारवाई

मुद्रा तिजोरी लेनदेनों की विलम्ब से सूचना देने / गलत सूचना देने / सूचना न देने और तिजोरी शेषों / तिजोरी प्रेषणों में कमी / जाली नोटों के समावेश पर दण्डात्मक ब्याज लगाने से संबंधित प्रचलित समस्त अनुदेशों / दिशा-निर्देशों का अधिक्रमण करते हुए निम्नलिखित नवीन अनुदेश / दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं :

1. मुद्रा तिजोरी लेनदेनों की सूचना

(क) मुद्रा तिजोरियों में जमा करने/मुद्रा तिजोरियों से आहरण करने की न्यूनतम राशि 1,00,000/- रुपये होगी और उसके बाद से यह 50,000/- रुपये के गुणकों में होगी ।

(ख) सूचना देने की मियाद

(i) मुद्रा तिजोरियां अपने समस्त लेनदेनों की सूचना संपर्क कार्यालयों को अनिवार्यत: उसी दिन सिक्योर्ड वेबसाईट पर अपलोडिंग करके अधिकतम्9 बजे रात तक दें तथा संपर्क कार्यालय समेकित स्थिति की सूचना निर्गम कार्यालयों को अनवार्यत: उसी दिन11 बजे रात्रि तक दें ।

(ii) उपकोषागार अपने समस्त लेनदेनों की सूचना सीधे भारतीय रिज़र्व बैंक के निर्गम कार्यालय को उसी दिन रात्रि 11.00 बजे तक दें ।

(ग) बैंकों में हड़ताल के दौरान छूट

सामान्य/विशिष्ट हड़ताल की स्थिति में, सूचना देने की अवधि में छूट देने पर विचार हर मामले में अलग-अलग किया जाएगा ।

(घ) विलम्ब से सूचना देने पर दण्डात्मक ब्याज लगाना

(i) विलंब से सूचना देने के मामलों में इस परिपत्र के पैरा 3 में निर्दिष्ट दर पर विलंब की अवधि के लिए दण्डात्मक ब्याज लगाया जायेगा । दण्डात्मक ब्याज टी+0 आधार पर लगाया जायेगा अर्थात् संपर्क कार्यालय द्वारा तिजोरी लेनदेनों की सूचना निर्गम कार्यालय को उसी दिन 11 बजे रात तक न देने पर दण्डात्मक ब्याज लगाया जायेगा । तथापि, भारतीय रिज़र्व बैंक अपने विवेक से दण्डात्मक ब्याज लगाने के लिए समय सीमा में उचित अनुग्रह अवधि प्रदान कर सकता है ।

(ii) निर्गम कार्यालयों से सीधे संबध्द उस क्षेत्र के एकल मुद्रातिजोरी/उप कोषागार द्वारा तिजोरी पर्चियों देने में विलंब होने पर भी उपरोक्त दर से दंड लगाया जाए ।

(iii) इस प्रकार का दण्डात्मक ब्याज तिजोरी वाले बैंक से प्राप्य राशि पर लगाया जायेगा ।

(ङ) गलत सूचना देना और दण्डात्मक ब्याज लगाया जाना

गलत सूचना देने के सभी मामलों में भी बैंक से संशोधित सूचना प्राप्त होने की तारीख तक की अवधि के लिये उपर्युक्त की भाँति दण्डात्मक ब्याज लगाया जायेगा । संपर्क कार्यालयों से यह अपेक्षा है कि वे संबंधित मुद्रा तिजोरियों द्वारा दिये गये आंकड़ों की परिशुध्दता सुनिश्चित करें । यह सुनिश्चित करते हेतु कि संपर्क कार्यालय विवरणी में प्रेषण लेन-देन जमा के रुप में न दिखाए जाएं, विशेष सावधानी बरती जाए ।

(च) मुद्रा तिजोरियों से प्राप्त प्रेषणों में जाली नोटों का पाया जाना

मुद्रा तिजोरियों से प्राप्त प्रेषणों में जाली नोट पाए जाने के मामलो में, जाली नोटों के मूल्य के बराबर राशि संबंधित बैंक के चालू खाते में नामे डाल दी जाएगी तथा उस समय लागू ’प्रोत्साहन एवं दंड’ की योजना के आधार पर बैंक से दंड वसूला जाएगा । मुद्रा तिजोरी प्रेषणों में प्राप्त जाली बैंक नोटों के सभी मामलों में पुलिस विभाग में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कराई जाएगी ।

(छ) मुद्रा तिजोरियों से प्राप्त प्रेषणें में पुनर्निर्गमनीय नोटों का पाया जाना

गंदे नोटों के किसी प्रेषण में 5% से अधिक पुन: जारी करने योग्य नोट पाए जाने की स्थिति में संपूर्ण प्रेषण सम्बन्धित बैंक को, उनकी लागत पर, वापस लौटा दिया जाएगा तथा प्रेषण की पूरी राशि से, भारतीय रिज़र्व बैंक में, उनके चालू खाते को नामे किया जायेगा।

(ज) दंडात्मक ब्याज की न्यूनतम राशि

गलत/विलंब से सूचना देने की स्थिति में लगाए जाने वाले दंडात्मक ब्याज की न्यूनतम राशि के संबंध में कोई सीमा निर्धारित नहीं है ।चूँकि उद्देश्य मुद्रा तिजोरी के लेन-देनों की समय पर और सही सूचना सुनिश्चित करना है, अत: दंडात्मक ब्याज, लेन-देन की राशि/दंडात्मक ब्याज की राशि पर ध्यान दिए बिना, निकटतम रुपए में पूर्णांकित करते हुए सभी प्रयोज्य मामलों में वसूल किया जायेगा ।

2. चोरी जालसाजी अथवा अन्य कारणों से तिजोरी शेषों में कमी तथा सेफ कस्टडी की राशि को तिजोरी शेष में मिला देना

ऐसे सभी मामलों में दंडात्मक ब्याज लगाया जाएगा जहाँ पर कि तिजोरी शेषों में/लेनदेनों की सूचना देने में विसंगति (विलम्ब से सूचना देने/गलत सूचना देने/सूचना न देनें),के कारण बैंक को भारतीय रिज़र्व बैंक में उसके चालू खाते में अपात्र क्रेडिट मिल गया हो ।तिजोरी शेषों/तिजोरी प्रेषणों में कमी, चोरी/जालसाजी के कारण कमी, तिजोरी शेषों/तिजोरी प्रेषणों में जाली नोटों के पाये जाने पर उस समय लागू ’प्रोत्साहन एवं दंड’ की योजना के अनुसार दंडात्मक कारवाई की जाएगी ।इसके अतिरिक्त, केवल संयुक्त अभिरक्षकों की अभिरक्षा में रखी तथा उन्हें निर्बाध रुप से उपलब्ध नकदी राशि ही तिजोरी शेषों में शामिल किये जाने योग्य है । इस प्रकार, किसी भी कारण से सील कवर में रखी नकदी राशि/संयुक्त अभिरक्षकों के अलावा किसी अधिकारी/अधिकारियों के ताले से बंद ट्रंकों/बिनों में रखी नकदी राशि/संयुक्त अभिरक्षकों के दो तालों के अलावा किसी अन्य अधिकारी द्वारा तीसरा ताला लगाये जाने पर वह राशि तिजोरी शेषों में शामिल किये जाने योग्य नहीं होगी । इस प्रकार की नकदी राशि यदि तिजोरी शेषों में मिला दी जाती है तो उस पर दंडात्मक ब्याज लगाया जाएगा ।

उपर्युक्त सभी मामलों में (तिजोरी श्टाष/प्रेषण में चोरी/जालसाजी के कारण कमी, तिजोरी श्टाष/प्रेषण में जाली नोटों के पाये जाने को छोड़कर) अपात्र राशि को तिजोरी शेषों में शामिल किये जाने की तारीख (यदि मालूम हो सके) से लेकर तिजोरी शेषों से यह राशि निकाल दिये जाने की तारीख तक के लिए दंडात्मक ब्याज लगाया जाएगा । मुद्रातिजोरी शेष/तिजोरी प्रेषण में कमी, चोरी/जालसाजी के कारण कमी, तिजोरी शेषों/प्रेषण में जाली नोटों के पये जाने पर उस समय लागू ’प्रोत्साहन एवं दंड’ की योजना के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी ।

3. दंडात्मक ब्याज की दर

अनियमितता की अवधि के दौरान लागू बैंक दर + 2% के हिसाब से दंडात्मक ब्याज लगाया जायेगा ।

4. कोषागारों की मुद्रा तिजोरियों के लिए दंडात्मक ब्याज

उपर्युक्त अनुदेश कोषागारों/उप कोषागारों की मुद्रा तिजोरियों पर भी लागू होंगे ।

5. प्रत्यावेदन

चूँकि विलम्ब से सूचना के मामलों में दिनों की संख्या दंडात्मक ब्याज लगाये जाने का मुख्य मानदंड है, अत: सामान्यतया बैंकों के लिये इस बात की गुंजाइश नहीं बचती है कि वे किसी मामले में बैंक के निर्णय पर पुनर्विचार हेतु अनुरोध करें । तथापि, खासकर पहाड़ी/दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित मुद्रा तिजोरियों/पाकृतिक आपदाओं आदि से पीड़ित अन्य मुद्रा तिजोरियों के प्रत्यावेदन यदि कोई हों, तो वास्तविक कठिनाइयों के आधार पर केवल संबधित निर्गम कार्यालय को भेजे जा सकते हैं । गलत सूचना देने के मामलों में छूट देने हेतु अभ्यावेदनों पर विचार नही किया जाएगा (देखे उपर्युक्त अनुच्छेद 1 (ङ)) । दंडात्मक ब्याज लगाये जाने के पीछे मंशा यह है कि बैंकों में त्वरित/सही सूचना सुनिश्चित करने के लिये अनुशासन की भावना उत्पन्न हो, अत: बैंकों द्वारा दिये गये तर्क जैसे कि भारतीय रिज़र्व बैंक की निधियों का उपयोग न करना, नकदी प्रारक्षित अनुपात/सांविधिक तरलता अनुपात मे कोई कमी न होना, लिपिकीय त्रुटि, गैर इरादतन अथवा अंकगणितीय त्रुटि/प्रथम त्रुटि आदि को दंडात्मक ब्याज से छूट के लिये वैध कारण नहीं माना जायेगा । चूँकि बैंक के चालू खातों में नामे/जमा संपर्क कार्यालय विवरणी में सूचित की गई सूचना के आधार पर किए जाते हैं अत: दंडात्मक ब्याज उन सभी मामलों पर अनिवार्यत: लगाया जाएगा जिनमें यद्यपि मुद्रा तिजोरी पर्ची में सही सूचना दी गई हो परंतु संपर्क कार्यालय विवरणी में गलत सूचना दी गई है ।

6. यह मास्टर परिपत्र हमारी वेब-साईट www.rbi.org.in पर उपलब्ध है ।

7. कृपया प्राप्ति सूचना दें ।

भवदीय

(यू.एस. पालीवाल)
मुख्य महाप्रबंधक

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