जिम्मेदार उधार आचरण – वैयक्तिक ऋणों के पुनर्भुगतान/निपटान पर चल/अचल संपत्ति दस्तावेज़ मुक्त करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
जिम्मेदार उधार आचरण – वैयक्तिक ऋणों के पुनर्भुगतान/निपटान पर चल/अचल संपत्ति दस्तावेज़ मुक्त करना
आरबीआई/2023-24/60 13 सितम्बर 2023 सभी वाणिज्यिक बैंक (भुगतान बैंकों को छोड़कर, लघु वित्त बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित) महोदया / महोदय, जिम्मेदार उधार आचरण – वैयक्तिक1 ऋणों के पुनर्भुगतान/निपटान पर चल/अचल संपत्ति दस्तावेज़ मुक्त करना विभिन्न विनियमित संस्थाओं (आरई) को उचित व्यवहार संहिता पर 2003 से जारी दिशानिर्देशों के संदर्भ में, आरई को पूर्ण पुनर्भुगतान प्राप्त करने और ऋण खाता बंद करने पर सभी चल/अचल संपत्ति दस्तावेज मुक्त करने की आवश्यकता होती है। हालाँकि, यह देखा गया है कि आरई ऐसे चल/अचल संपत्ति दस्तावेजों को मुक्त करने में अलग-अलग प्रथाओं का पालन करते हैं, जिससे ग्राहकों की शिकायतें और विवाद उत्पन्न होते हैं। उधारकर्ताओं के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान करने और आरई के बीच जिम्मेदार उधार आचरण को बढ़ावा देने के लिए, निम्नलिखित दिशानिर्देश जारी किए जा रहे हैं: चल/अचल संपत्ति के दस्तावेज़ मुक्त करना 2. ऋण खाते के पूर्ण पुनर्भुगतान/निपटान के बाद 30 दिनों की अवधि के भीतर आरई द्वारा सभी मूल चल/अचल संपत्ति दस्तावेजों को मुक्त किया जाएगा और किसी भी रजिस्ट्री में पंजीकृत चार्ज हटा दिया जाएगा। 3. उधारकर्ता को उसकी पसंद के अनुसार मूल चल/अचल संपत्ति दस्तावेजों को या तो उस बैंकिंग आउटलेट/शाखा जहां ऋण खाता संचालित किया गया था या आरई के किसी अन्य कार्यालय, जहां दस्तावेज उपलब्ध हैं, से प्राप्त करने (वापस लेने) का विकल्प दिया जाएगा । 4. प्रभावी तिथि को या उसके बाद जारी किए गए ऋण स्वीकृति पत्रों में मूल चल/अचल संपत्ति दस्तावेजों की वापसी की समयसीमा और स्थान का उल्लेख किया जाएगा। 5. एकमात्र उधारकर्ता या संयुक्त उधारकर्ताओं की मृत्यु की आकस्मिक घटना के मामले का निपटान करने के लिए, कानूनी उत्तराधिकारियों को मूल चल/अचल संपत्ति दस्तावेजों की वापसी के लिए आरई के पास एक सुपरिभाषित निर्धारित प्रक्रिया होनी चाहिए। ऐसी प्रक्रिया को ग्राहक जानकारी के लिए अन्य समान नीतियों और प्रक्रियाओं के साथ आरई की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए। चल/अचल संपत्ति दस्तावेजों को मुक्त करने में देरी के लिए मुआवजा 6. ऋण के पूर्ण पुनर्भुगतान/निपटान के बाद 30 दिनों के भीतर मूल चल/अचल संपत्ति दस्तावेजों को मुक्त करने में या संबंधित रजिस्ट्री के साथ चार्ज संतुष्टि फॉर्म दाखिल करने में विफल रहने के मामले में, आरई द्वारा उधारकर्ता को इस तरह की देरी के कारणों के बारे में बताया जाएगा। ऐसे मामले में जहां देरी आरई के कारण होती है, तब आरई द्वारा उधारकर्ता को देरी के प्रत्येक दिन के लिए ₹5,000/- की दर से मुआवजा दिया जाएगा। 7. मूल चल/अचल संपत्ति दस्तावेजों के, या तो आंशिक रूप से या पूर्ण रूप से, खो जाने/क्षतिग्रस्त हो जाने की स्थिति में आरई द्वारा उधारकर्ता को चल/अचल संपत्ति दस्तावेजों की डुप्लिकेट/प्रमाणित प्रतियां प्राप्त करने में सहायता की जाएगी और उपर्युक्त पैरा 6 में बताए अनुसार मुआवजे का भुगतान करने के अलावा, संबंधित लागत भी वहन किया जाएगा। हालाँकि, ऐसे मामलों में, आरई को इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 30 दिनों का अतिरिक्त समय उपलब्ध होगा और विलंबित अवधि के जुर्माने की गणना उसके बाद (यानी, 60 दिनों की कुल अवधि के बाद) की जाएगी । 8. इन निर्देशों के तहत प्रदान किया गया मुआवजा किसी भी लागू कानून के अनुसार किसी भी अन्य मुआवजे को प्राप्त करने के उधारकर्ता के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना होगा। प्रयोज्यता 9. ये निर्देश उन सभी मामलों पर लागू होंगे जहां मूल चल/अचल संपत्ति दस्तावेजों का निर्मोचन 1 दिसंबर 2023 को या उसके बाद होने वाली है। 10. उपर्युक्त निर्देश बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 21, 35ए और 56, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45जेए और 45एल, और राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 30ए के अंतर्गत जारी किये गये हैं। भवदीय, (संतोष कुमार पाणिग्राही) 1 जैसा कि 04 जनवरी 2018 के 'एक्सबीआरएल विवरणी - बैंकिंग सांख्यिकी को सुसंगत बनाना' पर जारी परिपत्र के अनुबंध में परिभाषित किया गया है |