बैंककारी विनियमन अधिनियम (सहकारी समितियों पर यथा लागू), 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के तहत निदेश – लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उ.प्र) - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम (सहकारी समितियों पर यथा लागू), 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के तहत निदेश – लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उ.प्र)
28 जुलाई 2022 बैंककारी विनियमन अधिनियम (सहकारी समितियों पर यथा लागू), 1949 की धारा 56 के साथ पठित जनसाधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उप धारा (1) के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 27 जुलाई 2022 के निदेश संदर्भ सं. एलकेओ.डीओएस.एसईडी.सं.एस256/10-03-556/2022-2023 द्वारा लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ (उ.प्र) को कतिपय निदेश जारी किए हैं, जिसके द्वारा 28 जुलाई 2022 को कारोबार की समाप्ति से बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक की लिखित पूर्वानुमोदन के बिना आरबीआई के दिनांक 27 जुलाई 2022 के निदेशों, जिसकी एक प्रति इच्छुक जन साधारण के अवलोकनार्थ बैंक के परिसर में प्रदर्शित की गई है, में यथा अधिसूचित को छोड़कर, किसी ऋण और अग्रिम की स्वीकृति या नवीनीकरण और कोई निवेश नहीं करेगा, अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, जिसमें उधार लेना और नई जमाराशि स्वीकार करना शामिल है, किसी भी भुगतान का संवितरण या संवितरित करने के लिए सहमति नहीं देगा चाहे वह उसकी देनदारियों और दायित्वों के निर्वहन में हो या अन्यथा, कोई भी समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का विक्रय और स्थानांतरण या अन्यथा निपटान नहीं करेगा। विशेष रूप से, सभी बचत बैंक या चालू खातों या जमाकर्ता के किसी अन्य खाते में कुल शेष राशि के ₹30,000 (तीस हज़ार रुपये मात्र) तक की राशि को निकालने की अनुमति दी जा सकती है जो आरबीआई द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों में उल्लेखित शर्तों के अधीन है। 2. आरबीआई द्वारा उपर्युक्त निदेशों को जारी करने का यह अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिए कि आरबीआई द्वारा बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है। 3. ये निदेश 28 जुलाई 2022 को कारोबार की समाप्ति से छह महीने की अवधि के लिए लागू रहेंगे और ये समीक्षाधीन होंगे। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/612 |