भारतीय रिज़र्व बैंक ने जी पी पारसिक सहकारी बैंक लिमिटेड, ठाणे पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने जी पी पारसिक सहकारी बैंक लिमिटेड, ठाणे पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 7 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा जी पी पारसिक सहकारी बैंक लिमिटेड, ठाणे (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'ग्राहक संरक्षण - अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन में सहकारी बैंकों के ग्राहकों की सीमित देयता' और 'बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' (बीएसबीडी खाता) संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹26.60 लाख (छब्बीस लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण, तथा जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट, निरीक्षण रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक ने (i) ग्राहकों द्वारा अधिसूचना की तारीख से 10 कार्य दिवसों के भीतर कुछ अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन में शामिल राशि को ग्राहकों के खातों में जमा (वापस जमा करना) नहीं किया था (ii) बीएसबीडी खातों में एटीएम कार्ड जारी करने का शुल्क और एटीएम कार्ड वार्षिक रखरखाव शुल्क लगाया था। परिणामस्वरूप, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अननुपालन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर बैंक के उत्तर, इसके द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(श्वेता शर्मा) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1919 |