बैंक ऋण का क्षेत्रवार नियोजन – मार्च 2014
2 मई 2014 बैंक ऋण का क्षेत्रवार नियोजन – मार्च 2014 चयनित 47 अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से संग्रह किए गए मार्च 2014 के महीने के लिए सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा नियोजित कुल गैर-खाद्य ऋण के लगभग 95 प्रतिशत की गणना वाले ऋण के क्षेत्रवार नियोजन पर आंकड़े विवरण I और II में दिए गए हैं। ये आंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था पर सांख्यिकी की तत्काल पुस्तिका (http://dbie.rbi.org.in) पर भी उपलब्ध हैं। इन आंकड़ों की मुख्य-मुख्य बातें नीचे प्रस्तुत हैं : -
वर्ष-दर-वर्ष (वाई-ओ-वाई) आधार पर, गैर-खाद्य बैंक ऋण में मार्च 2013 के 13.5 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में मार्च 2014 में 14.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई। -
कृषि तथा संबंधित कार्यकलापों के लिए ऋण में मार्च 2013 में 7.9 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में मार्च 2014 में 13.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। -
उद्योग के लिए ऋण में मार्च 2013 में 15.1 प्रतिशत की तुलना में मार्च 2014 में 13.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। ऋण वृद्धि में गिरावट खान तथा खनन, वस्त्र, लकड़ी और लकड़ी उत्पादों, पेट्रोलियम और कोयला उत्पादों, रसायन और रसायन उत्पादों, कांच और कांच के बर्तन, सिमेंट और सिमेंट उत्पादों, मूल धातुओं, अभियांत्रिकी, रतन और जवाहरात और मूलभूत सुविधाओं में देखी गई। -
सेवा क्षेत्र के लिए ऋण में मार्च 2013 में 12.6 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में मार्च 2014 में 16.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। -
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए ऋण में वृद्धि मार्च 2013 में 11.6 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में मार्च 2014 में 13.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। -
वैयक्तिक ऋण में मार्च 2013 में 14.7 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में मार्च 2014 में 15.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अजीत प्रसाद सहायक महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी : 2013-2014/2127 |