प्रेस प्रकाशनियां - प्रवर्तन - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा जनता को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड मालेगांव, नाशिक, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के 'अग्रिमों का प्रबंधन-शहरी सहकारी बैंक’ तथा 'एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध- शहरी सहकारी बैंक' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹5.00 लाख (पाँच लाख रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा जनता को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड मालेगांव, नाशिक, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के 'अग्रिमों का प्रबंधन-शहरी सहकारी बैंक’ तथा 'एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध- शहरी सहकारी बैंक' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹5.00 लाख (पाँच लाख रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा प्रगति महिला नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, भिलाई, छत्तीसगढ़ (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के ‘एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध- शहरी सहकारी बैंक और 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016 संबंधी निदेश के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 27 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा प्रगति महिला नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, भिलाई, छत्तीसगढ़ (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के ‘एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध- शहरी सहकारी बैंक और 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) निदेश, 2016 संबंधी निदेश के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 4 मार्च 2024 के आदेश द्वारा दि कालूपुर कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए (2) के प्रावधानों के उल्लंघन और 'निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिनमें उनका हित है, को ऋण और अग्रिम' पर भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के लिए ₹26.60 लाख (छब्बीस लाख साठ हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 4 मार्च 2024 के आदेश द्वारा दि कालूपुर कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए (2) के प्रावधानों के उल्लंघन और 'निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिनमें उनका हित है, को ऋण और अग्रिम' पर भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के लिए ₹26.60 लाख (छब्बीस लाख साठ हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 1 मार्च 2024 के आदेश द्वारा कराड अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कराड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘जमाराशियों पर ब्याज दर' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹13.30 लाख (तेरह लाख तीस हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 1 मार्च 2024 के आदेश द्वारा कराड अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कराड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘जमाराशियों पर ब्याज दर' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹13.30 लाख (तेरह लाख तीस हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 मार्च 2024 के आदेश द्वारा तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक लिमिटेड (बैंक) पर 'भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अग्रिम पर ब्याज दर’ और 'बड़े ऋण पर सूचना का केंद्रीय भंडार (सीआरआईएलसी) - रिपोर्टिंग में संशोधन' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1,31,80,000/- (एक करोड़ इकतीस लाख अस्सी हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 मार्च 2024 के आदेश द्वारा तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक लिमिटेड (बैंक) पर 'भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अग्रिम पर ब्याज दर’ और 'बड़े ऋण पर सूचना का केंद्रीय भंडार (सीआरआईएलसी) - रिपोर्टिंग में संशोधन' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1,31,80,000/- (एक करोड़ इकतीस लाख अस्सी हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 मार्च 2024 के आदेश द्वारा डीसीबी बैंक लिमिटेड (बैंक) पर 'भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अग्रिम पर ब्याज दर’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹63,60,000/- (तिरसठ लाख साठ हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 मार्च 2024 के आदेश द्वारा डीसीबी बैंक लिमिटेड (बैंक) पर 'भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अग्रिम पर ब्याज दर’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹63,60,000/- (तिरसठ लाख साठ हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 4 मार्च 2024 के आदेश द्वारा बंधन बैंक लिमिटेड (बैंक) पर 'भारतीय रिज़र्व बैंक (जमाराशि पर ब्याज दर) निदेश, 2016' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹29.55 लाख (उनतीस लाख पचपन हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का पर्यवेक्षी मूल्यांकन हेतु सांविधिक निरीक्षण (आईएसई 2022) किया गया। विनियामक अनुदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि अनुदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने और इसके द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतियों के परीक्षण के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक ने अन्य बातों के साथ-साथ यह पाया कि एक अपात्र संस्था का बचत जमा खाता खोलने से संबंधित आरोप सिद्ध हुआ है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 4 मार्च 2024 के आदेश द्वारा बंधन बैंक लिमिटेड (बैंक) पर 'भारतीय रिज़र्व बैंक (जमाराशि पर ब्याज दर) निदेश, 2016' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹29.55 लाख (उनतीस लाख पचपन हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का पर्यवेक्षी मूल्यांकन हेतु सांविधिक निरीक्षण (आईएसई 2022) किया गया। विनियामक अनुदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि अनुदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने और इसके द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतियों के परीक्षण के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक ने अन्य बातों के साथ-साथ यह पाया कि एक अपात्र संस्था का बचत जमा खाता खोलने से संबंधित आरोप सिद्ध हुआ है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा बैंक ऑफ़ इंडिया (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'जमाराशि पर ब्याज दर', 'बैंकों में ग्राहक सेवा', 'अग्रिम पर ब्याज दर', 'बृहद क्रेडिट पर सूचना का केंद्रीय भंडार (सीआरआईएलसी)- रिपोर्टिंग में संशोधन', और 'साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन तथा प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी नियम, 2006 (सीआईसी नियम) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹1,40,76,000 (एक करोड़ चालीस लाख छिहत्तर हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) तथा प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनयम, 2005 की धारा 23(4) के साथ पठित धारा 25(1)(iii) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा बैंक ऑफ़ इंडिया (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'जमाराशि पर ब्याज दर', 'बैंकों में ग्राहक सेवा', 'अग्रिम पर ब्याज दर', 'बृहद क्रेडिट पर सूचना का केंद्रीय भंडार (सीआरआईएलसी)- रिपोर्टिंग में संशोधन', और 'साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन तथा प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी नियम, 2006 (सीआईसी नियम) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹1,40,76,000 (एक करोड़ चालीस लाख छिहत्तर हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) तथा प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनयम, 2005 की धारा 23(4) के साथ पठित धारा 25(1)(iii) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 21 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा इंडोस्टार कैपिटल फाइनेंस लिमिटेड (कंपनी) पर 'एनबीएफसी में धोखाधड़ी की निगरानी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016' और भारतीय रिज़र्व बैंक (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016 के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹13.60 लाख (तेरह लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58बी की उप-धारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58जी उप-धारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 21 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा इंडोस्टार कैपिटल फाइनेंस लिमिटेड (कंपनी) पर 'एनबीएफसी में धोखाधड़ी की निगरानी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016' और भारतीय रिज़र्व बैंक (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016 के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹13.60 लाख (तेरह लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58बी की उप-धारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58जी उप-धारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 22 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा सोलापुर डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलापुर, महाराष्ट्र (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए के प्रावधानों और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि संबंधी निदेशों के उल्लंघन के लिए ₹5.00 लाख (पांच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 22 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा सोलापुर डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सोलापुर, महाराष्ट्र (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए के प्रावधानों और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि संबंधी निदेशों के उल्लंघन के लिए ₹5.00 लाख (पांच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 21, 2024