प्रेस प्रकाशनियां - प्रवर्तन - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रेस प्रकाशनियां
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 3 अक्तूबर 2024 के आदेश द्वारा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, भिंड, मध्य प्रदेश (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए के प्रावधानों के उल्लंघन और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘सहकारी बैंकों द्वारा साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.75 लाख (दो लाख पचहत्तर हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) और प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 25 के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 3 अक्तूबर 2024 के आदेश द्वारा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, भिंड, मध्य प्रदेश (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए के प्रावधानों के उल्लंघन और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘सहकारी बैंकों द्वारा साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की सदस्यता’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.75 लाख (दो लाख पचहत्तर हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) और प्रत्यय विषयक जानकारी कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 25 के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 4 अक्तूबर 2024 के आदेश द्वारा श्री कालहस्ती को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, आंध्र प्रदेश (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 31 के प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 4 अक्तूबर 2024 के आदेश द्वारा श्री कालहस्ती को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, आंध्र प्रदेश (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 31 के प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 1 अक्तूबर 2024 के आदेश द्वारा एसजी फिनसर्व लिमिटेड (पूर्व में मेसर्स मूंगिपा सिक्योरिटीज लिमिटेड के नाम से जाना जाती थी) (कंपनी) पर उन विशिष्ट शर्तों, जिनके अंतर्गत कंपनी को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (आरबीआई अधिनियम) की धारा 45आईए(5) के अंतर्गत पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) जारी किया गया था, के अननुपालन के लिए ₹28.30 लाख (अट्ठाईस लाख तीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड आरबीआई अधिनियम की धारा 58बी की उप-धारा (6) के साथ पठित धारा 58जी की उप-धारा (1) के खंड (ए) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 1 अक्तूबर 2024 के आदेश द्वारा एसजी फिनसर्व लिमिटेड (पूर्व में मेसर्स मूंगिपा सिक्योरिटीज लिमिटेड के नाम से जाना जाती थी) (कंपनी) पर उन विशिष्ट शर्तों, जिनके अंतर्गत कंपनी को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (आरबीआई अधिनियम) की धारा 45आईए(5) के अंतर्गत पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) जारी किया गया था, के अननुपालन के लिए ₹28.30 लाख (अट्ठाईस लाख तीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड आरबीआई अधिनियम की धारा 58बी की उप-धारा (6) के साथ पठित धारा 58जी की उप-धारा (1) के खंड (ए) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 सितंबर 2024 के आदेश द्वारा जयहिंद अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘जमा खातों का रखरखाव – प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 सितंबर 2024 के आदेश द्वारा जयहिंद अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘जमा खातों का रखरखाव – प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 सितंबर 2024 के आदेश द्वारा मानसिंग को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, दुधोंडी, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले- शहरी सहकारी बैंक संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 सितंबर 2024 के आदेश द्वारा मानसिंग को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, दुधोंडी, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले- शहरी सहकारी बैंक संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 1 अक्तूबर 2024 के आदेश द्वारा सोनभद्र नगर सहकारी बैंक लिमिटेड, सोनभद्र (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹2.50 लाख (दो लाख पचास हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 1 अक्तूबर 2024 के आदेश द्वारा सोनभद्र नगर सहकारी बैंक लिमिटेड, सोनभद्र (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए ₹2.50 लाख (दो लाख पचास हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 1 अक्तूबर 2024 के आदेश द्वारा दि परवाणू अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, परवाणू (बैंक) पर पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹5.00 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 1 अक्तूबर 2024 के आदेश द्वारा दि परवाणू अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, परवाणू (बैंक) पर पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹5.00 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 सितंबर 2024 के आदेश द्वारा कोयना सहकारी बैंक लिमिटेड, कराड, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले- यूसीबी' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 सितंबर 2024 के आदेश द्वारा कोयना सहकारी बैंक लिमिटेड, कराड, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले- यूसीबी' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 सितंबर 2024 के आदेश द्वारा दि मुस्लिम को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘जमा खातों का रखरखाव – प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 सितंबर 2024 के आदेश द्वारा दि मुस्लिम को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘जमा खातों का रखरखाव – प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 सितंबर 2024 के आदेश द्वारा दि कोल्हापुर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोल्हापुर, महाराष्ट्र पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 सितंबर 2024 के आदेश द्वारा दि कोल्हापुर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोल्हापुर, महाराष्ट्र पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जून 09, 2025