भाषण - आरबीआई - Reserve Bank of India
भाषण
It is my pleasure to be part of the Annual FIMMDA-PDAI Conference today. I take this opportunity to place on record the Reserve Bank’s deep appreciation of the key role played by FIMMDA and PDAI in the development of financial markets in India. Both organizations have played a significant role in improving the depth and liquidity of interest rate markets and in supporting primary issuance by the Government. Introduction 2. During May last year, in one of my statements
It is my pleasure to be part of the Annual FIMMDA-PDAI Conference today. I take this opportunity to place on record the Reserve Bank’s deep appreciation of the key role played by FIMMDA and PDAI in the development of financial markets in India. Both organizations have played a significant role in improving the depth and liquidity of interest rate markets and in supporting primary issuance by the Government. Introduction 2. During May last year, in one of my statements
श्री एम.वी.नायर, अध्यक्ष, सिबिल; सुश्री अरुंधती भट्टाचार्य, अध्यक्ष, एसबीआई; श्री टी.एम.भसीन, अध्यक्ष, आईबीए; श्री अरुण ठुकराल प्रबंध निदेशक, सिबिल; सम्मेलन के प्रतिनिधियों; देवियों और सज्जनों! मुझे आज सातवें वार्षिक सिबिल ट्रांस यूनियन साख सूचना सम्मेलन में मुख्य भाषण करते हुए प्रसन्नता हो रही है।
पृष्ठभूमि
2. रिज़र्व बैंक द्वारा भारत में साख सूचना ब्यूरो स्थापित करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए वर्ष 1999 में गठित कार्यदल (अध्यक्ष: एन.एच.सिद्दीकी), जिसका एक सदस्य होने का सौभाग्य मुझे भी था, की सिफारिशों के परिणामस्वरूप साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की स्थापना की गई थी। सिबिल ऐसी पहली कंपनी थी। साख सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम (सीआईसीआरए) 2005 से लागू किया गया।
श्री एम.वी.नायर, अध्यक्ष, सिबिल; सुश्री अरुंधती भट्टाचार्य, अध्यक्ष, एसबीआई; श्री टी.एम.भसीन, अध्यक्ष, आईबीए; श्री अरुण ठुकराल प्रबंध निदेशक, सिबिल; सम्मेलन के प्रतिनिधियों; देवियों और सज्जनों! मुझे आज सातवें वार्षिक सिबिल ट्रांस यूनियन साख सूचना सम्मेलन में मुख्य भाषण करते हुए प्रसन्नता हो रही है।
पृष्ठभूमि
2. रिज़र्व बैंक द्वारा भारत में साख सूचना ब्यूरो स्थापित करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए वर्ष 1999 में गठित कार्यदल (अध्यक्ष: एन.एच.सिद्दीकी), जिसका एक सदस्य होने का सौभाग्य मुझे भी था, की सिफारिशों के परिणामस्वरूप साख सूचना कंपनियों (सीआईसी) की स्थापना की गई थी। सिबिल ऐसी पहली कंपनी थी। साख सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम (सीआईसीआरए) 2005 से लागू किया गया।
आज मुझे आपके गांव ‘लालपुर करौता’ में आकर और आप लोगों से मिलकर बहुत खुशी हो रही है । 2. मैं यहाँ भारतीय रिजर्व बैंक, मुम्बई से आया हूँ । रिजर्व बैंक का एक कार्यालय लखनऊ में भी है, और उधर से मेरे साथी भी आज मेरे साथ आये हैं । हमारे साथ आज यहां बैंक ऑफ इंडिया और अन्य बैंकों के साथ-साथ, आपके संसद सदस्य श्री पी. एल. पुनिया, ग्राम्य विकास मंत्री श्री अरविंद सिंह गोप, और उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद हैं । 3. आप सोच रहे होंगे कि भला रिजर्व बैंक को आप लोगों के पास आने की क्या जरूरत पड़ गई। आप में से कई तो ये भी सोच रहे होंगे कि रिजर्व बैंक क्या काम करता है, और वह काम किस प्रकार से आपके लिए उपयोगी है । 4. मैं आज आपके गांव लालपुर करौता में आउटरीच कार्यक्रम के लिए आया हूँ । ताकि मैं इस कार्यक्रम के दौरान आपके साथ कुछ समय बिता सकूं और आप की चिंताओं, आपकी समस्याओं को समझ सकूं । साथ ही रिजर्व बैंक के कार्य के बारे में भी आप लोगों को बता सकूं ।
आज मुझे आपके गांव ‘लालपुर करौता’ में आकर और आप लोगों से मिलकर बहुत खुशी हो रही है । 2. मैं यहाँ भारतीय रिजर्व बैंक, मुम्बई से आया हूँ । रिजर्व बैंक का एक कार्यालय लखनऊ में भी है, और उधर से मेरे साथी भी आज मेरे साथ आये हैं । हमारे साथ आज यहां बैंक ऑफ इंडिया और अन्य बैंकों के साथ-साथ, आपके संसद सदस्य श्री पी. एल. पुनिया, ग्राम्य विकास मंत्री श्री अरविंद सिंह गोप, और उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद हैं । 3. आप सोच रहे होंगे कि भला रिजर्व बैंक को आप लोगों के पास आने की क्या जरूरत पड़ गई। आप में से कई तो ये भी सोच रहे होंगे कि रिजर्व बैंक क्या काम करता है, और वह काम किस प्रकार से आपके लिए उपयोगी है । 4. मैं आज आपके गांव लालपुर करौता में आउटरीच कार्यक्रम के लिए आया हूँ । ताकि मैं इस कार्यक्रम के दौरान आपके साथ कुछ समय बिता सकूं और आप की चिंताओं, आपकी समस्याओं को समझ सकूं । साथ ही रिजर्व बैंक के कार्य के बारे में भी आप लोगों को बता सकूं ।
खुशियों के इस शहर कोलकाता में होना ही हमेशा एक आनन्द विभोर करनेवाला अनुभव रहा है। क्रिसमस-पूर्व मौसम में यहाँ होने का एक विशेष आनन्द है और व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए यह घर की याद आनेवाली एक स्मृति है। आज शाम को यहाँ पर भाषण देने हेतु मुझे आमंत्रित करने के लिए बैंकर क्लब को मेरी ओर से विशेष धन्यवाद। मुझे इस क्लब में पिछले साल हुई हमारी मुलाकात याद आ रही है जब हम अपने समय के सबसे गहरे वित्तीय संकट में थे और हम सब अपने कल के भविष्य को जानने के लिए उत्सुक और अनिश्चित थे। मेरा मानना है कि सबसे बुरा समय हमारे पीछे लगा हुआ है। दुनिया भर में और यहाँ भारत में भी ध्यान संकट प्रबंध से हटकर सुधारात्मक प्रबंध पर जा रहा है। जैसाकि होता है, हम भी करीब आधे बिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकालने की दीर्घावधि चुनौतियों का सामना करने की ओर लौट रहे हैं। उस विशाल कार्य को पूरा करने के लिए हमें बहुत से काम करने होंगे। उनमें से एक वित्तीय समावेशन है। आज शाम मैं अपनी बात वित्तीय समावेशन की चुनौतियों और अवसरों पर केंद्रित करना चाहूंगा।
खुशियों के इस शहर कोलकाता में होना ही हमेशा एक आनन्द विभोर करनेवाला अनुभव रहा है। क्रिसमस-पूर्व मौसम में यहाँ होने का एक विशेष आनन्द है और व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए यह घर की याद आनेवाली एक स्मृति है। आज शाम को यहाँ पर भाषण देने हेतु मुझे आमंत्रित करने के लिए बैंकर क्लब को मेरी ओर से विशेष धन्यवाद। मुझे इस क्लब में पिछले साल हुई हमारी मुलाकात याद आ रही है जब हम अपने समय के सबसे गहरे वित्तीय संकट में थे और हम सब अपने कल के भविष्य को जानने के लिए उत्सुक और अनिश्चित थे। मेरा मानना है कि सबसे बुरा समय हमारे पीछे लगा हुआ है। दुनिया भर में और यहाँ भारत में भी ध्यान संकट प्रबंध से हटकर सुधारात्मक प्रबंध पर जा रहा है। जैसाकि होता है, हम भी करीब आधे बिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकालने की दीर्घावधि चुनौतियों का सामना करने की ओर लौट रहे हैं। उस विशाल कार्य को पूरा करने के लिए हमें बहुत से काम करने होंगे। उनमें से एक वित्तीय समावेशन है। आज शाम मैं अपनी बात वित्तीय समावेशन की चुनौतियों और अवसरों पर केंद्रित करना चाहूंगा।
मित्रो,
मुझे खुशी है कि मैं करमचेडु गांव में फिर से आया हूं। विभिन्न क्षेत्रों की महत्वपूर्ण हस्तियां जैसेकि स्वतंत्रता सेनानी , जहाजरानी के अग्रज, वैज्ञानिक, कवि, मंत्रीगण और चिकित्सकीय डॉक्टर आदि इसी गांव में पैदा हुए हैं। श्री यलीगड्डा रंगानाथकुलु गारू जो कि एक प्रशिक्षित इंजीनियर रहे हैं, का भी इन्हीं हस्तियों में शुमार है। हम तीस वर्ष पहले हैदराबाद में अकस्मात मिले। हम दोस्त बने और हमने कई क्षेत्रों में कुछ उपयोगी सामाजिक कार्य करने का प्रयास किया परंतु हम सफल हुए हैदराबाद अध्ययन मंच स्थापित करने में। मेरा उनसे व्यक्तिगत लगाव है और हमारे पारिवारिक रिश्ते हैं। मोटे तौर पर इस पारिवारिक कड़ी में हमसे जुड़े डॉ.वाय.जी.सी.एस.राव गारू और श्री लक्ष्मीनारायण गारू। जब उनके परिवार के सदस्यों ने मुझे सुझाव दिया कि मैं अपने दोस्त रंगानाथकुलु गारू की स्मृति में ठोस सामाजिक योगदान दूं तो मुझे गर्व का अहसास हुआ और करमचेडु आने का तथा आप सबसे मिलने का सौभाग्य मिला। ग्रामीण विकास और विशेषकर पीने के पानी के लिये समर्पित ट्रस्ट का निर्माण युवा पीढ़ी द्वारा किया गया एक आदर्श अनुकरणीय कार्य है। आज की युवा पीढ़ी यलीगड्डा रंगानाथकुलु की पीढ़ी द्वारा बोये बीजों के फलों का आनंद ले रही है।
मित्रो,
मुझे खुशी है कि मैं करमचेडु गांव में फिर से आया हूं। विभिन्न क्षेत्रों की महत्वपूर्ण हस्तियां जैसेकि स्वतंत्रता सेनानी , जहाजरानी के अग्रज, वैज्ञानिक, कवि, मंत्रीगण और चिकित्सकीय डॉक्टर आदि इसी गांव में पैदा हुए हैं। श्री यलीगड्डा रंगानाथकुलु गारू जो कि एक प्रशिक्षित इंजीनियर रहे हैं, का भी इन्हीं हस्तियों में शुमार है। हम तीस वर्ष पहले हैदराबाद में अकस्मात मिले। हम दोस्त बने और हमने कई क्षेत्रों में कुछ उपयोगी सामाजिक कार्य करने का प्रयास किया परंतु हम सफल हुए हैदराबाद अध्ययन मंच स्थापित करने में। मेरा उनसे व्यक्तिगत लगाव है और हमारे पारिवारिक रिश्ते हैं। मोटे तौर पर इस पारिवारिक कड़ी में हमसे जुड़े डॉ.वाय.जी.सी.एस.राव गारू और श्री लक्ष्मीनारायण गारू। जब उनके परिवार के सदस्यों ने मुझे सुझाव दिया कि मैं अपने दोस्त रंगानाथकुलु गारू की स्मृति में ठोस सामाजिक योगदान दूं तो मुझे गर्व का अहसास हुआ और करमचेडु आने का तथा आप सबसे मिलने का सौभाग्य मिला। ग्रामीण विकास और विशेषकर पीने के पानी के लिये समर्पित ट्रस्ट का निर्माण युवा पीढ़ी द्वारा किया गया एक आदर्श अनुकरणीय कार्य है। आज की युवा पीढ़ी यलीगड्डा रंगानाथकुलु की पीढ़ी द्वारा बोये बीजों के फलों का आनंद ले रही है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: सितंबर 26, 2024