शैक्षणिक चैनल - सीएबी - Reserve Bank of India
शैक्षणिक चैनल
कृषि, एमएसएमई और वित्तीय समावेशन (एएमआई)

डॉ. के. सुब्रमण्यन
शिक्षा
बी.ई. (कृषि इंजीनियरिंग), आईआईटी, खड़गपुर से एम.टेक. (जल संसाधन), तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, कोयम्बटूर से पीएच.डी. (सिंचाई), सर्टिफाइड एसोसिएट ऑफ इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस (सीएआईआईबी), आईसीएफ़एआई से डीबीएफ़ (बिजनेस फाइनेंसिंग)।
डॉ. सुब्रमण्यन अप्रैल 2023 से नाबार्ड से प्रतिनियुक्ति पर हैं और उन्हें नाबार्ड में ग्रामीण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्तपोषण, कृषि परियोजनाओं के मूल्यांकन, वाटरशेड परियोजनाओं, जनजातीय विकास परियोजनाओं, किसान उत्पादक संगठनों, मूल्य श्रृंखला वित्तपोषण, ग्रामीण सहकारी ऋण संरचनाओं के पुनरुद्धार, आदि से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने का दो दशकों का अनुभव प्राप्त है। उन्होंने तमिलनाडु के तंजावुर जिले में जिला विकास प्रबंधक (डीडीएम) के रूप में छह वर्ष तक सेवा की है तथा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और संस्थागत ऋण प्रवाह के माध्यम से कृषि क्षेत्र और ग्रामीण गैर-कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। उन्होंने कृषि और ग्रामीण वित्तपोषण से संबंधित विभिन्न विषयों पर कई अध्ययन किए हैं। वह हितधारकों यथा बैंकरों, एनजीओ, एफपीओ, एसएचजी और किसानों के लिए जागरूकता और क्षमता संवर्धन कार्यक्रमों के संचालन में भी शामिल रहे हैं।
अनुसंधान: डॉ. सुब्रमण्यन ने सीएसआईआर रिसर्च फेलोशिप के सहयोग से टीएनएयू, कोयम्बटूर से अपने डॉक्टरेट कार्यक्रम के लिए "हाइड्रोलिक परफॉरमेंस ऑफ़ ड्रिप इरीगेशन सिस्टम अंडर एमिटर क्लॉगिंग" पर और आईआईटी, खड़गपुर से अपने पीजी कार्यक्रम के लिए "हाइड्रोलॉजिकल मॉडलिंग ऑफ़ ए वाटरशेड फॉर इरीगेशन प्लानिंग" पर अनुसंधान किया है। उनके 10 से अधिक अनुसंधान पत्र अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के जर्नल में प्रकाशित हो चुके हैं।
विशेषज्ञता: उनकी रुचि के क्षेत्रों में जल संसाधन और सिंचाई प्रणाली, वाटरशेड प्रबंधन, उच्च तकनीक कृषि, भंडारण और कृषि में मूल्यवर्धन, किसानों के समूह और कृषि उपज का विपणन शामिल हैं।

श्री सचिन कांबले
शिक्षा
बी.टेक (कृषि इंजीनियरिंग), मृदा और जल संरक्षण इंजीनियरिंग में एम.टेक.।
श्री सचिन कांबले 2004 में नाबार्ड में शामिल हुए और अप्रैल 2023 से सीएबी पुणे में प्रतिनियुक्ति पर हैं। उन्हें नाबार्ड में प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन कार्यक्रमों के कार्यान्वयन, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास परियोजनाओं के डिजाइन और कार्यान्वयन, कृषि परियोजना वित्तपोषण, कृषि परियोजना वित्तपोषण, किसान उत्पादक संगठन और ऋण योजनाओं को तैयार करने और निगरानी से संबंधित क्षेत्रों का अनुभव है। नाबार्ड के प्रधान कार्यालय में, वह अनुकूलन और राहत परियोजनाओं के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय जलवायु वित्त की व्यवस्था करने और भारत के साथ-साथ दक्षिण एशियाई क्षेत्र में हितधारकों की क्षमता संवर्धन में शामिल थे।
उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्रों में जलवायु और स्थायी वित्त, कृषि परियोजना वित्त, मूल्य श्रृंखला वित्त, जल संसाधन और बुनियादी ढांचा वित्त, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और ऋण आयोजना शामिल है।

श्री मुरली कृष्णा. एम
शैक्षणिक योग्यता
बी.ए.एल, एलएलबी, एमबीए (बैंकिंग एंड फाइनेंस), सर्टिफाइड एसोसिएट ऑफ इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस।
श्री मुरली 2006 में बैंक में शामिल हुए और उन्हें वित्तीय साक्षरता, वित्तीय समावेशन और विकास, वाणिज्यिक बैंकों के पर्यवेक्षण और आईटी परियोजना प्रबंधन से संबंधित क्षेत्रों का अनुभव है। उन्होंने जोखिम आधारित पर्यवेक्षण और कैमल दृष्टिकोण के अंतर्गत विभिन्न निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रधान कार्यालयों का निरीक्षण किया है। उनके पास गुजरात और केरल में बैंक के अग्रणी जिला अधिकारी के रूप में भी व्यापक अनुभव है। उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्रों में बैंकिंग विनियमन और पर्यवेक्षण, अनुपालन, जोखिम प्रबंधन, एमएसएमई वित्तपोषण, प्राथमिकता क्षेत्र ऋण, वित्तीय साक्षरता और बैंकों में ग्राहक सेवा शामिल हैं।

श्रीमती अनीता कुमारी
शिक्षा
बीएससी (कृषि) (गोल्ड मेडलिस्ट ), एमबीए (वित्त), सीएआईआईबी
श्रीमती अनीता कुमारी ने वर्ष 2008 में बैंक में कार्यभार ग्रहण किया। उन्हें ग्राहक सुरक्षा और शिकायत निवारण, सरकारी बैंकिंग, मानव संसाधन और मुद्रा प्रबंधन से संबंधित क्षेत्रों में अनुभव है। उन्होंने लोकपाल कार्यालय में उप लोकपाल के रूप में कार्य किया है और शिकायतों के निपटान संबंधी कार्यों में सीधे तौर पर शामिल थीं। वे एजेंसी कमीशन से संबंधित नीति निर्माण और सरकारी बैंकिंग का कार्य करने वाले एजेंसी बैंकों के निरीक्षण में सक्रिय रूप से शामिल थीं।

श्री नागार्जुन गौरीशंकर
शिक्षा
बीएससी (अर्थशास्त्र) (ऑनर्स), एमबीए, एफआरएम (जीएआरपी, यूएसए)
भारतीय रिज़र्व बैंक में शामिल होने से पहले, श्री नागार्जुन गौरीशंकर ने ‘शिक्षकों के लिए क्षमता निर्माण’, ‘विदेशी पर्यटकों के लिए भारतीय कार्यक्रमों का क्यूरेशन’ और ‘भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) में ऋण निगरानी’ जैसे विविध क्षेत्रों में काम किया। कृषि बैंकिंग महाविद्यालय में संकाय सदस्य (एमओएफ) के रूप में वर्तमान भूमिका निभाने से पहले, उन्होंने ‘वित्तीय समावेशन और विकास विभाग’ (एफआईडीडी), केंद्रीय कार्यालय (सीओ) और ‘पर्यवेक्षण विभाग’ (डीओएस), सीओ में काम किया। एफआईडीडी, सीओ में अपने कार्यकाल के दौरान, वह ‘वित्तीय समावेशन हेतु राष्ट्रीय कार्यनीति’ (एनएसएफआई: 2019-2024) और ‘वित्तीय शिक्षण हेतु राष्ट्रीय कार्यनीति’ (एनएसएफई: 2020-2025) का मसौदा तैयार करनेवाले टीम में शामिल थे । इसके अलावा, उन्होंने, ‘वित्तीय समावेशन के लिए वैश्विक भागीदारी’ (जीपीएफआई) के ‘विनियमन और मानक निर्धारण निकाय’ पर उपसमूह में भारत के सह-अध्यक्ष रह चुके आरबीआई अधिकारी को अनुसंधान सहायता प्रदान की ।
पर्यवेक्षण विभाग में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने शहरी सहकारी बैंकों का पर्यवेक्षण किया है, जिसमें उन्होंने बोर्ड और अभिशासन, पूंजी मूल्यांकन, ऋण, बाजार और तरलता जोखिम के क्षेत्रों में अनुभव प्राप्त किया है। उन्होंने डिजिटल ऋण व्यवस्था वाले गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की देखरेख करते हुए, वित्तीय प्रणाली में उभरते जोखिमों और चुनौतियों के बारे में गहन दृष्टिकोण प्राप्त किया।
उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को मजबूत करने और असमानता को कम करने के लिए विकासात्मक वित्त में नीति बनाना शामिल है। वह एक प्रमाणित योग प्रशिक्षक हैं और शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए योग के अनुप्रयोगों के प्रति उत्साही हैं।
अभिशासन और नेतृत्व चैनल (एचआरएल)

कैप्टन शुभाब्रत अग्रवाल
शिक्षा
बीए, एमबीए, सर्टिफाइड एसोसिएट ऑफ इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस
कैप्टन अग्रवाल को भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ काम करने का दो दशकों का अनुभव है। रिज़र्व बैंक में शामिल होने से पूर्व, वह भारतीय सेना के एक कमीशंड अधिकारी थे और सक्रिय संचालन के दौरान अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अपनी टीम का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया। उन्हें मुद्रा प्रबंधन, बैंकिंग, मानव संसाधन, परिसर और विकासात्मक बैंकिंग में कार्य करने का अनुभव है।
उनकी रुचि नेतृत्व, प्रेरणा, संचार और मानव संसाधन विकास में है।

श्रीमती पूजा शर्मा
शिक्षा
बीएससी (रसायन शास्त्र), एमए (बिजनेस इकोनॉमिक्स), एमबीए (बैंकिंग और वित्त) (गोल्ड मेडलिस्ट), भारतीय बैंकिंग और वित्त संस्थान के प्रमाणित एसोसिएट, ट्रेजरी और जोखिम प्रबंधन में प्रमाणित, आईआईबीएफ से प्रमाणित बैंक प्रशिक्षक।
श्रीमती शर्मा ने वर्ष 2002 में बैंक में कार्यभार ग्रहण किया । उनके पास मानव संसाधन प्रबंधन, प्रशिक्षण और विकास, उपभोक्ता संरक्षण और सहकारी बैंकों और एनबीएफसी के पर्यवेक्षण सहित विविध क्षेत्रों में दो दशकों से अधिक का अनुभव है। उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन, वित्तीय साक्षरता, वित्तीय उपभोक्ता संरक्षण, कार्यस्थल व्यवहार और पारस्परिक कौशल शामिल हैं।आईटी और भुगतान प्रणाली चैनल (आईटीपीएस)

श्री सौगत चक्रवर्ती
शैक्षणिक योग्यता
शैक्षणिक योग्यता: एम. कॉम. (कलकत्ता विश्वविद्यालय); सर्टिफाइड एसोसिएट ऑफ इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकर्स ; एसीआई डीलिंग सर्टिफिकेट
श्री चक्रवर्ती 2005 में भारतीय रिज़र्व बैंक में शामिल हुए और उन्हें बैंकिंग, मुद्रा प्रबंधन, परिसर, मानव संसाधन, बाजार परिचालन और आसूचना तथा गैर-बैंकिंग पर्यवेक्षण के क्षेत्रों में काम करने का अनुभव है। वह एक लेखक हैं और वित्तीय बाजारों और धोखाधड़ी पर एक वक्ता के रूप में बी-स्कूलों और पुलिस प्रशिक्षण अकादमियों से जुड़े रहे हैं।

श्री के. सुरेश कुमार
शिक्षा
बीएससी, एमबीए, सीएआईआईबी
श्री के. सुरेश कुमार वर्ष 2002 में बैंक में नियुक्त हुए और उन्हें मुद्रा प्रबंधन, गैर-बैंकिंग पर्यवेक्षण, जमा बीमा और आंतरिक लेखा परीक्षा का अनुभव है।

श्री परेश करडे
शिक्षा
कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग स्नातक, प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकर्स के प्रमाणित एसोसिएट और एक प्रमाणित सूचना प्रणाली सुरक्षा प्रोफेशनल
भारतीय रिज़र्व बैंक ज्वाइन करने से पहले, श्री करडे ने लगभग सात वर्षों तक बहुराष्ट्रीय आईटी कंपनियों में कार्य किया है । इस दौरान, उन्होंने परियोजना प्रबंधन, व्यवसाय विकास संबंधी मामलों, सॉफ्टवेयर विकास सहित कई जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है।
सीएबी में संकाय-सदस्य के रूप में वर्तमान भूमिका निभाने से पहले, उन्होंने लगभग नौ वर्षों तक पर्यवेक्षण विभाग में कार्य किया है। शुरुआत में, वरिष्ठ पर्यवेक्षी प्रबंधक टीम का हिस्सा होने के नाते, वह बैंकिंग क्षेत्र के पर्यवेक्षण में सक्रिय रूप से शामिल थे। उस भूमिका में बहुमूल्य अनुभव प्राप्त करने के बाद, उन्होंने साइबर सुरक्षा और आईटी जोखिम समूह (CSITE) में कार्य किया है ।
सीएसआईटीई में कार्यकाल के दौरान, उन्हें विभिन्न उत्तदायित्वों को पूरा करने का अवसर मिला। इनमें साइबर सुरक्षा के लिए नीतिगत दिशानिर्देश तैयार करना, विभिन्न विनियमित संस्थाओं के साइबर सुरक्षा नियंत्रणों का ऑनसाइट आकलन करना, एक ऑफसाइट निगरानी तंत्र स्थापित करना, सुपटेक परियोजनाओं को संभालना, साइबर घटना रिपोर्टिंग ढांचे को लागू करना, अनुपालन मूल्यांकन ढांचे को विकसित करना और डेटा विश्लेषण आदि शामिल थे ।
प्रबंधन, विनियमन और पर्यवेक्षण चैनल (एमआरएस)

शिक्षा
बीए (अर्थशास्त्र), एमए (विश्लेषणात्मक और अनुप्रयुक्त अर्थशास्त्र), एम.फिल. (अर्थशास्त्र)
श्री हरि प्रसाद ने वर्ष 2005 में बैंक में कार्यग्रहण किया और उन्हें मानव संसाधन प्रबंधन, सरकारी बैंकिंग, पर्यवेक्षण और प्रवर्तन से संबंधित विभागों में काम करने का अनुभव है। पर्यवेक्षण विभाग में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने लगभग आठ वर्षों तक कुछ सबसे बड़े निजी/सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ-साथ विदेशी बैंकों का निरीक्षण/पर्यवेक्षण किया है, और पूंजी, ऋण जोखिम, बाजार जोखिम, तरलता जोखिम, परिचालन जोखिम, पिलर II जोखिम आदि जैसे क्षेत्रों का ऑन-साइट मूल्यांकन किया है। वह जोखिम आधारित पर्यवेक्षण मॉडल और अनुपालन परीक्षण टूल शुरू करने वाली टीमों का हिस्सा रहे हैं और व्यवसाय जोखिम अनुकूलन टीम से भी जुड़े रहे हैं।
श्री हरि प्रसाद को केंद्रीय कार्यालय में प्रवर्तन विभाग में लगभग पांच वर्षों का अनुभव है, जिसके दौरान उनके अधिकार क्षेत्र में कई अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (निजी क्षेत्र, सार्वजनिक क्षेत्र, विदेशी बैंक) थे। इस अवधि के दौरान उन्हें एफएटीएफ की सभी पारस्परिक मूल्यांकन संबंधी गतिविधियों के लिए नोडल अधिकारी के रूप में भी नियुक्त किया गया था।

शिक्षा
बी. एससी (गणित), एमबीए (वित्त), वारविक बिजनेस स्कूल से वित्तीय बाजार और वित्तीय जोखिम प्रबंधन में स्नातकोत्तर पुरस्कार, यूके, एफआरएम (जीएआरपी, यूएसए), सीएफए (सीएफए इंस्टीट्यूट, यूएसए)
अनुभव: श्री पांडे को बैंक विनियमन में 9 वर्ष का अनुभव था। उन्होंने बेसल II और बेसल III के कार्यान्वयन, घरेलू व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण बैंकों के ढांचे के निर्माण और मूल्यांकन, बैंकों के बाजार जोखिम मॉडल का आकलन और क्रेडिट जोखिम से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर दिशानिर्देश तैयार करने का काम संभाला। उनके पास पूंजी, ऋण जोखिम, बाजार जोखिम और तरलता जोखिम, जोखिम विशेषज्ञ डिवीजन में प्रमुख बाजार जोखिम समूह, डीओएस, सीओ जैसे क्षेत्रों को कवर करने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के ऑन-साइट निरीक्षण जैसे क्षेत्रों में पर्यवेक्षण में 5 साल का अनुभव था। एक साल के लिए। उन्होंने डेढ़ साल तक पंजाब एंड सिंध बैंक के वरिष्ठ पर्यवेक्षी प्रबंधक (एसएसएम) के रूप में भी काम किया।
अंतरराष्ट्रीय अनुभव: श्री पांडे 2014-15 में मैक्सिको के बैंकिंग पर्यवेक्षण के नियामक संगति मूल्यांकन कार्यक्रम पर बेसल समिति का हिस्सा थे। उन्होंने बेसल III नियामक सुधारों (2015-17) के प्रभाव का आकलन करने के लिए गठित बैंकिंग पर्यवेक्षण के मात्रात्मक प्रभाव अध्ययन (क्यूआईएस) कार्य समूह पर बेसल समिति के सदस्य के रूप में काम किया। वह वित्तीय संस्थानों (मार्च-अप्रैल 2021) पर लागू नियमों के निर्माण में सहायता करने के लिए पापुआ न्यू गिनी में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के तकनीकी सहायता मिशन का भी हिस्सा थे।

शिक्षा
बीएससी (एच) फिजिक्स, हिंदू कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय); भारतीय बैंकिंग और वित्त संस्थान (CAIIB) के प्रमाणित सहयोगी।
श्री अभिषेक 2008 में बैंक मे शामिल हुए। उनके अनुभव के क्षेत्रों में वाणिज्यिक बैंकों और शहरी सहकारी बैंकों का पर्यवेक्षण, आईटी परियोजना प्रबंधन, मानव संसाधन संचालन और बजट शामिल हैं। उन्होंने जोखिम आधारित पर्यवेक्षण दृष्टिकोण के तहत विभिन्न प्राइवेटएसबी, पीएसबी और एसएफबी के प्रधान कार्यालयों का निरीक्षण किया है। उन्होंने गुजरात में स्थित शहरी सहकारी बैंकों का भी निरीक्षण किया है। उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्रों में बैंकिंग विनियमन और पर्यवेक्षण, अनुपालन, जोखिम प्रबंधन, ग्राहक सेवा और पूंजी पर्याप्तता शामिल हैं।

शिक्षा
एम.कॉम, एमबीए (बैंकिंग और वित्त), भारतीय बैंकिंग और वित्त संस्थान की प्रमाणित एसोसिएट, जोखिम प्रबंधन में प्रमाणन, एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और अपने ग्राहकों को जानें (एएमएल/केवाईसी), सिस्टम एडमिनिस्ट्रेशन में डिप्लोमा (डीआईएसए) (इसमें तीन प्रमाणन शामिल हैं, अर्थात, (i) आईटी सुरक्षा में प्रमाणन, (ii) साइबर अपराध और धोखाधड़ी प्रबंधन की रोकथाम में प्रमाणन और (iii) सूचना प्रणाली बैंकर में प्रमाणन)
श्रीमती माला ने वर्ष 1999 में बैंक में कार्यभार ग्रहण किया। सीएबी, पुणे में शामिल होने से पहले उन्होंने एक दशक से अधिक समय तक केंद्रीय कार्यालय/क्षेत्रीय कार्यालयों के बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग और क्षेत्रीय कार्यालय के प्रवर्तन विभाग में काम किया। उन्होंने कैमल और जोखिम आधारित पर्यवेक्षण मॉडल के तहत वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों (ऑनसाइट और ऑफसाइट) दोनों का निरीक्षण किया है और निजी क्षेत्र के बैंकों के आरएआर की गुणवत्ता आश्वासन में शामिल थीं।
उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्रों में बैंकिंग विनियमन और पर्यवेक्षण, अनुपालन, जोखिम प्रबंधन, ग्राहक सेवा, एमएसएमई वित्तपोषण, अभिशासन, एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और अपने ग्राहकों को जानें (एएमएल/केवाईसी), प्रवर्तन और प्राथमिकता प्राप्त ऋण क्षेत्र शामिल हैं।