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निश्चित प्रति घंटा पारिश्रमिक पर संविदा के आधार पर बैंक में अंशकालिक चिकित्सा सलाहकार (एमसी) की नियुक्ति के लिए विज्ञापन, मुंबई

आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि का विस्तार दिनांक दिसंबर 28, 2024

आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि का विस्तार दिनांक दिसंबर 13, 2024

भारतीय रिज़र्व बैंक (बैंक) के मुंबई स्थित औषधालयों के लिए प्रति घंटे निश्चित पारिश्रमिक पर तीन (03) वर्षों के लिए विशुद्ध रूप से संविदा के आधार पर अंशकालिक बैंक चिकित्सा सलाहकार (एमसी) के चार (04) पदों को भरने के लिए पात्र उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। रिक्तियों की आरक्षण व्यवस्था इस प्रकार है:

श्रेणी 

अनुसूचित जाति

अनुसूचित जनजाति

अन्य पिछड़ा वर्ग

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग

सामान्य

कुल

रिक्तियों की संख्या

0

2(2)

1

1

0

4

कोष्ठक () में रिक्तियां बैकलॉग को दर्शाती हैं।
* बैंक के पास आवश्यकता के अनुसार रिक्तियों की संख्या बढ़ाने/घटाने या रिक्तियों को न भरने का अधिकार सुरक्षित है।
(ii) योग्य उम्मीदवार केवल अनुबंध-I में दिए गए प्रारूप के अनुसार आवेदन कर सकते हैं। आवेदन एक सीलबंद लिफाफे में क्षेत्रीय निदेशक, मानव संसाधन प्रबंध विभाग, भर्ती अनुभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय, शहीद भगत सिंह रोड, फोर्ट, मुंबई - 400001 को 13 दिसम्बर 2024 को शाम 17:00 बजे से पहले पहुंच जाना चाहिए। सीलबंद लिफाफे पर बड़े अक्षरों में 'प्रति घण्टे के निश्चित पारिश्रमिक पर संविदा के आधार पर चिकित्सा सलाहकार (एमसी) के पद के लिए आवेदन' लिखा होना चाहिए।
(iii) कृपया ध्यान दें कि इस विज्ञापन के संबंध में कोई शुद्धिपत्र यदि जारी होता है, वह केवल बैंक की वेबसाइट www.rbi.org.in पर प्रकाशित किया जाएगा।
(iv) अनुसूचित जनजाति (एसटी) / अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी)/ आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के रूप में आरक्षण के इच्छुक उम्मीदवार यह सुनिश्चित करें कि वे इस तरह के आरक्षण के हकदार हैं और आवेदन के साथ दावे के समर्थन में निर्धारित प्रारूप में सभी आवश्यक प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करें।
(v) अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप में आरक्षण के इच्छुक उम्मीदवारों को पदों पर नियुक्ति के लिए निर्धारित प्रपत्र में ही प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा, जो केवल भारत सरकार के तहत पदों पर नियुक्ति के नामित प्राधिकारी द्वारा जारी किया हुआ होना चाहिए, जिसमें उम्मीदवार की जाति, अधिनियम /आदेश जिसके तहत जाति को अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप में मान्यता प्राप्त है और उम्मीदवार का निवास-गांव / कस्बे का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए। उन्हें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनकी जाति/समुदाय का नाम और उनके जाति/समुदाय प्रमाण पत्र में उसकी वर्तनी ठीक उसी तरह होनी चाहिए जैसा कि केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित सूचियों में उल्लेख किया गया है [अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के लिए भारत सरकार द्वारा केंद्रीय सूची में ओबीसी के रूप में मान्यता प्राप्त जातियों की सूची साइट http://www.ncbc.nic.in पर उपलब्ध है और अनुसूचित जन जाति (एसटी) श्रेणी के लिए प्रत्येक राज्य की  जाति सूची साइट http://www.ncst.nic.in पर उपलब्ध है]।  जाति के नाम में किसी भी प्रकार की भिन्नता वाले प्रमाण पत्र को स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसके अलावा ओबीसी प्रमाण पत्र में यह भी स्पष्ट रूप से इंगित होना चाहिए कि उम्मीदवार केंद्र सरकार के तहत पदों और सेवाओं के लिए आवेदन करने के लिए भारत सरकार द्वारा परिभाषित क्रीमी लेयर से संबंधित नहीं है। ओबीसी श्रेणी से संबंधित लेकिन 'क्रीमी लेयर' के अंतर्गत आने वाले उम्मीदवार ओबीसी आरक्षण के हकदार नहीं हैं। उक्त श्रेणी के तहत आरक्षण का दावा करने वाले ओबीसी उम्मीदवारों को (वित्तीय वर्ष 2023-24, 2022-23 और 2021-22 के आय के आधार पर) भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार नॉन-क्रीमी लेयर शर्त के साथ ओबीसी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा, जो कि 01 अप्रैल 2024 को या उसके बाद जारी किया हुआ होना चाहिए।
(vi) एक उम्मीदवार के ओबीसी दावे का निर्धारण उस राज्य (या राज्य के हिस्से) के संबंध में किया जाएगा, जिससे उसके पिता मूल रूप से संबंधित हैं। एक उम्मीदवार जो एक राज्य (या राज्य के हिस्से) से दूसरे राज्य में स्थानांतरित हो गया है, उसे अपने पिता के  मूल राज्य के ओबीसी प्रमाण पत्र के आधार पर जारी ओबीसी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
(vii) भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार के कार्यालय ज्ञापन संख्या 36039/1/2019-स्था (आरईएस) दिनांक 31.01.2019 द्वारा अधिशासित है।
अस्वीकरण: ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत आरक्षण का लाभ भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रारूप में सक्षम प्राधिकारी द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए जारी और वर्ष 2024-25 के लिए वैध "आय और संपत्ति प्रमाण पत्र" प्रस्तुत कर  लिया जा सकता है।
(viii) उम्मीदवारों को सूचित किया  जाता है कि वे इस विज्ञापन को अच्छी तरह से पढ़ लें और आवेदन प्रस्तुत करने से पूर्व अपनी पात्रता के बारे में स्वयं संतुष्ट हो जाएँ।
(ix) जो आवेदन निर्धारित प्रारूप में नहीं हैं या अपेक्षित दस्तावेजों / प्रमाण पत्रों की प्रतियों के साथ नहीं हैं, उन्हें तत्काल खारिज कर दिया जाएगा।>
2. स्थान व कार्य समय (अनंतिम) निम्नानुसार है:

क्र.सं.

औषधालय का नाम व पता

कार्य दिवस

अनंतिम कार्य समय @

1

धनास्त्रा, आरबीआई ऑफिसर्स क्वार्टर धनास्त्रा, एन पी मार्ग, कोलाबा, मुंबई-400005

 

सोमवार से शनिवार

रात्रि 07:15 बजे से रात्रि 08:45 बजे तक

2

वरदा, आरबीआई ऑफिसर्स क्वार्टर औषधालय, वीर सावरकर मार्ग, बीटीसी के पास, दादर, मुंबई – 400028

सोमवार से शनिवार

सायं 04:30 बजे से सायं 05:30 बजे तक

3

ताड़देव, ऑफिसर क्वार्टर, ए.सी. मार्केट के सामने, ताड़देव रोड, मुंबई – 400034

सोमवार से शनिवार

प्रातः 08:30 बजे से प्रातः 09:30 बजे तक

4

तपोवन, आरबीआई ऑफिसर्स क्वार्टर, पठानवाड़ी, मलाड (पूर्व), मुंबई-400097

सोमवार से शनिवार

रात्रि 07:45 बजे से रात्रि 08:45 बजे तक

@ बैंक की आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन के अधीन

नोट - बैंक स्वविवेक से उपर्युक्त में से किसी भी औषधालय को आवंटित करने का अधिकार सुरक्षित रखता है। पद के लिए चयनित उम्मीदवार को बैंक की आवश्यकता के अनुसार उपर्युक्त में से किसी भी एक या अधिक औषधालयों में नियुक्त किया जा सकता है। इस संबंध में बैंक का निर्णय अंतिम होगा और बैंक इस संबंध में किसी भी पत्राचार पर विचार नहीं करेगा।
3. पात्रता मानदंड :
(i) आवेदक के पास चिकित्सा की एलोपैथिक प्रणाली में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त किसी भी विश्वविद्यालय की एम.बी.बी.एस. की डिग्री होनी चाहिए।
(ii) इस पद के लिए जनरल मेडिसिन में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री रखने वाले आवेदक भी आवेदन कर सकते हैं।
(iii) आवेदक के पास एलोपैथिक प्रणाली में मेडिकल प्रेक्टिशनर के तौर पर किसी भी अस्पताल या क्लिनिक में अर्हता पश्चात न्यूनतम 2 (दो) वर्ष का कार्य-अनुभव होना चाहिए।
(iv) आवेदक का अपना क्लिनिक / औषधालय या निवास स्थान बैंक औषधालय से 40 किलोमीटर के दायरे में होना चाहिए।

4. पारिश्रमिक, कार्य समय एवं अन्य शर्तें :

(i) संविदा अवधि के दौरान, प्रति घंटे रु. 1,000/- का पारिश्रमिक दिया जाएगा। देय मासिक पारिश्रमिक में से रु.1,000/- प्रति माह की राशि को वाहन व्यय के रूप में माना जाएगा और रु.1,000/- प्रति माह मोबाइल शुल्क की प्रतिपूर्ति के रूप में भुगतान किया जाएगा। संविदा के आधार पर नियुक्त बीएमसी को कोई अन्य सुविधाएं/अनुलाभ देय नहीं होंगे।

(ii) नियुक्ति विशुद्ध रूप से संविदा के आधार पर है। नियुक्ति पर कोई सेवानिवृत्ति लाभ जैसे पेंशन, भविष्य निधि या ग्रेच्युटी देय नहीं होंगे। कोई अवकाश, अनुलाभ/सुविधाएं स्वीकार्य नहीं होंगी। यदि किसी सार्वजनिक अवकाश के दिन किसी औषधालय में जाना आवश्यक हो तो रुपये 1,000/- प्रति घंटे की दर से मुआवजा/प्रतिकर का भुगतान किया जाएगा।

(iii) पारिश्रमिक का भुगतान वास्तविक ड्यूटी घंटों के अनुसार किया जाएगा और यह समावेशी होगा।

(iv) भारतीय रिज़र्व बैंक के पास समय-समय पर पारिश्रमिक दर की समीक्षा करने, यदि प्रशासनिक और परिचालन आवश्यकताओं के लिए यह समीचीन हो जाता है, तो अपने विवेक पर कार्य समय के साथ-साथ चिकित्सा सलाहकार (एमसी) के सम्बद्ध औषधालय को भी बदलने का अधिकार सुरक्षित है। औषधालय परिवर्तन के कारण, चिकित्सा सलाहकार के कार्य समय की संख्या तदनुसार बदल सकती है।

(v) बैंक की आवश्यकता के अनुसार एक चिकित्सा सलाहकार के कार्य समय के घंटों की संख्या को प्रति सप्ताह 30 घंटे तक बढ़ाया जा सकता है। तथापि, एक बीएमसी का कारी समय सभी औषधालयों मे कार्य समय को जोड़ने के बाद कुल प्रति सप्ताह 30 घंटे से अधिक नहीं होगा।

(vi) संविदा नियुक्ति तीन वर्ष की अवधि के लिए होगी। संविदा अवधि की समाप्ती पर संविदा का कोई नवीकरण नहीं होगा।

5. चयन प्रक्रिया

(i) बैंक शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों के लिए साक्षात्कार और दस्तावेज़ सत्यापन आयोजित करेगा। साक्षात्कार के लिए बुलाए जाने वाले उम्मीदवारों की संख्या को सीमित करने के लिए बैंक न्यूनतम पात्रता मानकों आदि को बढ़ाने का अधिकार सुरक्षित रखता है। इस संबंध में बैंक का निर्णय अंतिम होगा। केवल पात्रता मानदंड को पूरा करने से उम्मीदवार साक्षात्कार के लिए बुलाए जाने का हकदार नहीं होगा। बैंक साक्षात्कार के लिए संभावित पात्र आवेदकों को छोड़कर, अन्य आवेदकों के साथ, जो साक्षात्कार के लिए पात्र / विचाराधीन नहीं पाये जाते हैं, किसी भी प्रकार के पत्राचार पर विचार नहीं करेगा।

(ii) दस्तावेज़ सत्यापन प्रक्रिया और साक्षात्कार पश्चात चयनित आवेदकों को संविदा के आधार पर चिकित्सा सलाहकार (एमसी) के रूप में सूचीबद्ध किए जाने से पूर्व निर्धारित मानदंडों के अनुसार चिकित्सा परीक्षण से गुजरना होगा। इन चिकित्सा परीक्षण प्रक्रियाओं/टेस्ट्स की लागत आवेदक/आवेदकों को स्वयं वहन करनी होगी।

(iii) पद के लिए चयनित उम्मीदवार को चिकित्सकीय रूप से फिट पाए जाने और अनुबंध-II में दिए गए संविदा के नियमों और शर्तों और अनुबंध-III में दिए गए आचार संहिता को स्वीकार करने के अधीन नियुक्त किया जाएगा।

(iv) चयनित उम्मीदवार को प्रति घंटा निश्चित पारिश्रमिक पर चिकित्सा सलाहकार (संविदा के आधार पर) के रूप में बैंक सेवा में नियुक्त होने से पूर्व बैंक के साथ एक करार निष्पादित करना होगा।


अनुबंध – II     

निश्चित प्रति घंटा पारिश्रमिक पर संविदा के आधार पर अंशकालिक चिकित्सा सलाहकार (एमसी) की नियुक्ति
संविदा के नियम एवं शर्तें

1. निर्धारित घंटों कि ड्यूटी (या अगर आवश्यक हो तो लंबी अवधि के लिए) बैंक के औषधालय में सेवा के लिए सिवाय बैंक कि छुट्टी के दिन या अर्धवार्षिक समापन और वार्षिक समापन के प्रयोजनों के लिए छुट्टियों के रूप में घोषित दिनों के दिन बशर्ते औषधालय लगातार दो दिनों तक बंद नहीं रखा जाएगा। बैंक अपनी आवश्यकता के अनुसार औषधालयों के बीच चिकित्सा परामर्शदाता (एमसी) की नियुक्ति के स्थान को स्थानांतरित करने का अधिकार सुरक्षित रखता है। इसके अलावा, बैंक किसी भी आवश्यकता के मामले में अपने अन्य औषधालयों में एमसी की सेवाओं का उपयोग कर सकता है।

2. मुंबई घूमने या दौरे पर आए अन्य अधिकारियों सहित, मुंबई में भारतीय रिजर्व बैंक के कार्मिक सदस्यों, आश्रित माता-पिता सहित उनके परिवार के सदस्यों और सेवानिवृत्त कर्मचारी सदस्यों/उनके पति/पत्नी जो चिकित्सा सहायता कोष योजना (एमएएफएस) के सदस्य हैं [आगंतुकों के रूप में संदर्भित], जो क्लिनिक में परामर्श के लिए आते हैं उनको सलाह देना, दवाएं लिखना और नि:शुल्क इंजेक्शन देना। अत्यावश्यक मामले में, एमसी अपने निजी क्लिनिक में परामर्श के लिए किसी भी समय उपलब्ध रहेंगे और बैंक की अनुसूची के अनुसार शुल्क लेंगे। शुल्कों की यह अनुसूची जो बैंक के कर्मचारियों/अधिकारियों पर लागू होती है, अनुरोध पर एमसी को उपलब्ध कराई जाएगी।

3. कर्मचारियों/अधिकारियों के क्वार्टरों में उनके साथ रहने की अनुमति प्राप्त कर्मचारियों के रिश्तेदारों को उपरोक्त बिंदु संख्या 2 में निर्दिष्ट सुविधाएं प्रदान करना और कर्मचारियों से शुल्क की वसूली (बैंक की निर्धारित दर के अनुसार) कर समय-समय पर बैंक के खाते में जमा करने की सुविधा प्रदान करना।

4. एक सामान्य चिकित्सा व्यवसायी के समान कर्तव्यों का पालन करना चाहे एमसी के पास जो भी स्नातकोत्तर या अन्य चिकित्सा योग्यताएं हों या भविष्य में वह अर्जित करे। यह सुनिश्चित करने कि एमसी की जिम्मेदारी होगी कि उसके पास जो योग्यताएं हैं या जो भविष्य में योग्यताएं अर्जित हों, वह उसे किसी भी तरह से सामान्य चिकित्सा व्यवसायी के लिए आवश्यक सेवाएं प्रदान करने से प्रतिबंधित नहीं करती हैं। तथापि, यदि भारतीय चिकित्सक संघ की किसी भी शर्त के अनुसार, वह जो योग्यता रखता है या प्राप्त करता है, जैसा भी मामला हो, एक सामान्य चिकित्सक के रूप में काम करने के लिए बैंक की आवश्यकता के विपरीत आता है, तो उसे यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी कि इस संबंध में किसी भी परिस्थिति में कोई दायित्व या जिम्मेदारी बैंक पर नहीं आती है और इस बाबत वह हर समय बैंक कि क्षतिपूर्ति करेगा और करता रहेगा।

5. बैंक के औषधालय के कर्तव्यों में ऊपर उल्लिखित आवश्यकताओं के अलावा निम्नलिखित भी शामिल होंगे:
(i) छोटी और बड़ी बीमारी का इलाज जिसके लिए कर्मचारी और उनके आश्रित एमसी के पास पहुचें।
(ii) औषधालय या विभागों में या बैंक के परिसर में या बैंक के परिसर के बाहर लाए गए आपातकालीन मामलों का उपचार और ऐसी आवश्यकता को देखने के लिए उपस्थित होना और उसे उपयुक्त अस्पतालों को संदर्भित करना बावजूद इसके कि ऐसी आवश्यकता सामान्य कामकाजी घंटों के बाहर हो।
(iii) सभी प्रकार के इंजेक्शन लगाना - किसी भी अप्रिय घटना के लिए सभी प्रकार के इंजेक्शन लगाने की जिम्मेदारी एमसी की होगी।  नियमानुसार एमसी की अनुपस्थिति में फार्मासिस्टों द्वारा इंजेक्शन लगाने को मना किया जाता है। ज्यादा काम होने पर एमसी को फार्मासिस्टों को नियमित और सरल प्रकार के इंजेक्शन लगाने के लिए प्रशिक्षित करने की आवश्यकता होगी।
(iv) महत्वपूर्ण ड्रेसिंग और मामूली सर्जरी केवल एमसी द्वारा ही संभाली जानी है। यदि वह आश्वस्त है कि फार्मासिस्टों में अपेक्षित क्षमता है, तो उनके द्वारा नियमित ड्रेसिंग की जा सकती है।
(v) कार्डियो-वैस्कुलर या अन्य बड़ी आपात स्थितियों और दुर्घटनाओं के मामले में, एमसी को मरीज के साथ अस्पताल जाना चाहिए, यदि वे स्थान पर उपस्थित हों।

6. क्वार्टर में रहने वाले बैंक के किसी स्टाफ सदस्य से मिलने और उनके स्वास्थ्य पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए, जब भी बैंक द्वारा ऐसा करने को कहा जाए। ऐसी सेवाओं के लिए एमसी को बैंक के शुल्क की अनुसूची के अनुसार सेवा शुल्क का भुगतान किया जाएगा।

7. यदि आवश्यक हो तो चिकित्सा आधार पर छुट्टी के समर्थन में प्रमाण पत्र जारी करना और अन्य योग्य चिकित्सा चिकित्सकों से कर्मचारियों द्वारा प्रस्तुत प्रमाण पत्र पर प्रतिहस्ताक्षर करना, यदि एमसी मामले की वास्तविकता के बारे में संतुष्ट है।

8. अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों को आवश्यकता पड़ने पर उनके आवास पर जाकर देखना और स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बैंक द्वारा निर्धारित घर जाकर देखने का शुल्क या परामर्श शुल्क लेना। ऐसे दौरा शुल्क/परामर्श शुल्क, जो इस प्रकार निर्धारित किया गया है, में इंजेक्शन लगाने आदि के लिए शुल्क शामिल होगा। इस तरह के दौरे के लिए एमसी द्वारा कोई अन्य शुल्क नहीं लगाया जाएगा।

9. यदि और जब ऐसा करने की आवश्यकता होती है, तो एमसी ऐसे प्रपत्रों में प्रमाणित करेगा जैसा कि समय-समय पर बैंक द्वारा निर्धारित किया जा सकता है, जिसमें किसी भी कर्मचारी या किसी भी संभावित कर्मचारी जो बैंक में नियुक्ति के लिए चयनित है के स्वास्थ्य और / या सेवा के लिए फिटनेस के बारे में बताया जा सकता है।

10. बैंक के कर्मचारियों के उपचारात्मक उद्देश्य के लिए आवश्यक विशेष/महंगी दवाओं या इंजेक्शन की आपूर्ति के लिए बैंक के अनुमोदित रसायनज्ञों को आदेश प्रपत्र (निर्धारित) जारी करना और संबंधित बिलों के भुगतान के लिए उनकी प्रतियां बैंक को अग्रेषित करना।

11. बैंक के किसी कर्मचारी या उनके परिवार (प्रत्यक्ष निपटान सुविधा के तहत इनडोर अस्पताल में भर्ती के लिए) की आवश्यकता होने पर अस्पताल की सुविधाओं को हासिल करने के लिए एमसी के अच्छे कार्यालयों/संपर्कों का उपयोग करना।

12. महीने में एक बार कार्यालय परिसरों/क्वार्टरों का निरीक्षण करना और रिपोर्ट करना कि क्या उन्हें साफ-सुथरी और स्वास्थ्यकर स्थिति में रखा गया है।

13. टाइफाइड आदि के लिए रोगनिरोधी टीका लगाना और जब भी आवश्यक हो चेचक के लिए टीकाकरण करना।

14. कर्मचारियों के सामान्य स्वास्थ्य पर 31 मार्च की स्थिति के अनुसार निर्धारित प्रपत्र में वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करना।

15. औषधियों का उचित भण्डारण एवं उनका वितरण सुनिश्चित करना तथा इस संबंध में सभी आवश्यक अभिलेखों का रख-रखाव करना।

16. दवा मांगपत्रों पर सलाह देना, और दवा के स्टॉक-बैलेंस और खपत की प्रति-जांच करना।

17. जब कभी एमसी को संदर्भित किया जाता है तो चिकित्सा दावों की विभिन्न मदों से संबंधित उपचार की लागत की तर्कसंगतता सहित पेशेवर राय देना।

18. समय-समय पर बैंक द्वारा सौंपे गए बैंक की चिकित्सा सुविधा योजना और चिकित्सा सहायता निधि योजना के प्रशासन से संबंधित किसी भी अन्य कार्य में भाग लेने के लिए, जिसमें आवश्यक डिस्पेंसरी सुविधा भी शामिल है जैसा कि सामान्य चिकित्सा व्यवसायी द्वारा सामान्य रूप से किया जाता है या अपेक्षित है।

19. चिकित्सा परामर्शदाता द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए, संविदा के 3 वर्षों के लिए पारिश्रमिक रुपये 1,000/- प्रति घंटा निर्धारित किया गया है। निर्धारित पारिश्रमिक मासिक आधार पर देय है। इस प्रकार देय कुल मासिक पारिश्रमिक में से रु. 1,000/- प्रति माह परिवहन व्यय के रूप में माना जाएगा। इसके अलावा, बैंक के चिकित्सा परामर्शदाता पेंशन, भविष्य निधि या ग्रेच्युटी जैसे किसी भी सेवानिवृत्ति लाभ के लिए पात्र नहीं होंगे। कोई अवकाश, अनुलाभ/सुविधाएं स्वीकार्य नहीं होंगी। यदि किसी सार्वजनिक अवकाश पर औषधालय में उपस्थित होना आवश्यक हो, तो 1,000/- रुपये प्रति घंटे की दर से मुआवजे का भुगतान किया जाएगा। आय पर कर मौजूदा दरों और सरकारी अधिसूचनाओं के अनुसार स्रोत पर काटा जाएगा। एमसी को कोई अन्य सुविधाएं/अनुलाभ देय नहीं होंगे।

20. एमसी के ड्यूटी से अनुपस्थित रहने की स्थिति में, उसे अपने जोखिम और लागत पर बैंक को योग्यता और अनुभव के मामले में स्वीकार्य डॉक्टरों की वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी।

21. चिकित्सा परामर्शदाता (एमसी) क्षेत्रीय निदेशक, भारतीय रिजर्व बैंक, मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय, मुंबई के प्रशासनिक नियंत्रण में होगा।

22. नियुक्ति विशुद्ध रूप से संविदात्मक और घंटे के आधार पर है। उस आधार पर बैंक में नियमित रोजगार के लिए या नियमित कर्मचारियों को देय वेतन और भत्तों के समान मांग के लिए किसी भी स्तर पर कोई दावा नहीं होगा।

23. अनुसूचित जनजाति या अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को बैंक के साथ संविदा पर हस्ताक्षर करते समय सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्धारित प्रपत्र में जारी जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक है।

24. अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी के उम्मीदवारों के पास वैध प्रमाण पत्र होना चाहिए कि वह क्रीमी लेयर से संबंधित नहीं है।

25. ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों के लिए, आय और संपत्ति प्रमाण पत्र एक सक्षम प्राधिकारी द्वारा डीओपीटी कार्यालय ज्ञापन संख्या 36039/1/2019-स्था (आरईएस) दिनांक 31 जनवरी, 2019 में निर्धारित प्रारूप में जारी किया जाना चाहिए।

26. अनुसूचित जनजाति (एसटी) / अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) / आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के उम्मीदवारों की संविदा के आधार पर नियुक्ति सक्षम प्राधिकारी से जाति / आय और संपत्ति प्रमाण पत्र के सत्यापन के अधीन है। यदि सत्यापन से उजागर होता है कि एसटी / ओबीसी / ईडब्ल्यूएस से संबंधित होने का दावा गलत है, तो ऐसे उम्मीदवार की सेवाएं बिना कोई और कारण बताए तत्काल समाप्त कर दी जाएंगी और बैंक ऐसी कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित रखता है जो वह उचित समझे।

27. बैंक के पास समय-समय पर पारिश्रमिक की दर की समीक्षा करने का अधिकार सुरक्षित है और यदि प्रशासनिक और परिचालन आवश्यकताओं के अनुरूप यह समीचीन हो जाता है तो अपने विवेक पर ड्यूटी के घंटे और औषधालय के स्थान को बदल सकता है।

28. एमसी अनुबंध-III में उल्लिखित आचार संहिता का पालन करेगी।

29. अनुबंध नियम और शर्तों की स्वीकृति के अधीन नियुक्ति की तारीख से तीन (3) वर्षों की अवधि के लिए वैध होगा।

30. संविदा को किसी भी पक्ष द्वारा तीन महीने का नोटिस देकर अथवा उसके एवज में तीन महीने का पारिश्रमिक देकर समाप्त किया जा सकता है। नोटिस अवधि के दौरान एमसी अपने संविदात्मक दायित्वों का निर्वहन करना जारी रखेगा जब तक कि बैंक द्वारा विशेष रूप से छूट नहीं दी जाती।

31. नियमों और शर्तों के किसी भी उल्लंघन के मामले में बैंक बिना कोई कारण बताए और मुआवजे के किसी दावे के बिना एमसी के संविदा को तुरंत समाप्त करने का अधिकार सुरक्षित रखता है।

32. संविदा के कारण उत्पन्न होने वाला कोई भी विवाद मुंबई के न्यायालयों के अनन्य क्षेत्राधिकार के अधीन होगा।


 अनुबंध – III 

निश्चित प्रति घंटा पारिश्रमिक पर संविदा के आधार पर अंशकालिक चिकित्सा सलाहकार (एमसी) की नियुक्ति
आचार संहिता

1. प्रत्येक चिकित्सा परामर्शदाता उसको समय-समय पर दिए गए उस प्रत्येक आदेश और निदेश का पालन करेगा जो उसे उस व्यक्ति अथवा जिन व्यक्तियों के अधिकार क्षेत्र, अधीक्षण अथवा नियंत्रण के अधीन उसे उस समय रखा जाए, से प्राप्त हों।

2. प्रत्येक चिकित्सा परामर्शदाता बैंक और इसके घटकों से संबंधित मामलों के संबंध में अत्यन्त गोपनीयता रखेगा और प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से जनता अथवा बैंक के किसी भी स्टाफ को गोपनीय स्वरूप की कोई भी सूचना नहीं देगा जब तक कि उसे न्याय अथवा अन्य प्राधिकारी द्वारा इसके लिए बाध्य नहीं किया जाए अथवा उसकी डयूटी डिस्चार्ज करने से संबंधित किसी उच्चतर अधिकारी द्वारा ऐसा करने के लिए नहीं कहा जाए।

3. कोई भी चिकित्सा परामर्शदाता बैंक से लिखित में स्वीकृति लिए बिना भारतीय रिज़र्व बैंक से संबंधित मामलों में प्रेस में कुछ भी नहीं देगा अथवा बैंक के चिकित्सा परामर्शदाता के तौर पर उसके कब्जे में मौजूद कोई दस्तावेज़ अथवा सूचना प्रकाशित नहीं करेगा।

4. एमसी रोगी की गोपनीयता भी बनाए रखेगा और किसी बाहरी व्यक्ति/तीसरे पक्ष के साथ रोगी के विवरण साझा नहीं करेगा। गोपनीयता की आवश्यकता स्थायी होगी और संविदा की समाप्ति के बाद भी बनी रहेगी। एमसी किसी भी गोपनीय जानकारी के प्रकटीकरण के परिणामस्वरूप बैंक को हुए किसी भी नुकसान के लिए क्षतिपूर्ति करेगा और बैंक को क्षतिपूर्ति करेगा।

5. प्रत्येक चिकित्सा परामर्शदाता ईमानदारी और निष्ठा से बैंक की सेवा करेगा और बैंक के हितों को बढ़ावा देने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेगा तथा सभी कार्य-व्‍यवहार में शिष्टाचार और तन्‍मयता दर्शाएगा।

6. कोई भी चिकित्सा परामर्शदाता राजनीति अथवा किसी राजनैतिक प्रदर्शन में सक्रिय भाग नहीं लेगा अथवा नगर परिषद, ज़िला बोर्ड अथवा वैधानिक निकाय के सदस्य के तौर पर चुनाव में खड़ा नहीं होगा।

7. कोई भी चिकित्सा परामर्शदाता किसी ट्रेड यूनियन अथवा ऐसे ट्रेड यूनियन के संघ का सदस्य अथवा पदधारी नहीं बनेगा अथवा बना नहीं रहेगा अथवा अन्यथा प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से ऐसे ट्रेड यूनियन अथवा संघ से संबद्ध नहीं रहेगा अथवा अपनी संविदा के निबन्धनों अथवा शर्तो से संबंधित किसी भी मामले के बारे में हड़ताल नहीं करेगा अथवा किसी भी तरह से किसी भी प्रकार के हिसंक, असभ्य अथवा अशोभनीय प्रदर्शन में भाग नहीं लेगा।

8. कोई भी चिकित्सा परामर्शदाता बैंक से इजाज़त लिए बिना अथवा अनुपस्थिति के दौरान बैंक को स्वीकार्य वैकल्पिक व्यवस्था प्रदान किए बिना अपनी डयूटी से अनुपस्थित नहीं रहेगा। इस प्रकार की वैकल्पिक व्यवस्था की अवधि एक बार में सात दिन से अधिक नहीं होगी।

9. कोई भी चिकित्सा परामर्शदाता बैंक को दी जाने वाली सेवाएं आऊट-सोर्स नहीं करेगा।

10. चिकित्सा परामर्शदाता ड्यूटी के दौरान किसी भी मादक पेय पदार्थ अथवा दवा के प्रभावाधीन नहीं होगा अथवा यह ध्यान रखेगा कि डयूटी करते समय ऐसे मादक पेय पदार्थ अथवा दवा से उसका कार्य प्रभावित न हो। इसके अलावा चिकित्सा परामर्शदाता सार्वजनिक स्‍थान पर किसी प्रकार का मादक पेय अथवा ड्रग लेने से परहेज करे।
स्‍पष्‍टीकरण : ‘सार्वजनिक स्‍थान’ में वे क्‍लब जो कि केवल सदस्‍यों के लिए बने हैं तथा जहां सदस्‍यों को अतिथि के रूप में गैर-सदस्‍यों को आमंत्रित करने की स्‍वीकृति प्राप्‍त है, बार एवं रेस्‍तरां, जन सुविधाएं तथा वे सभी स्‍थान जहां पर जनता भुगतान करके अथवा बिना भुगतान किए जा सके, शामिल हैं।

11. कोई भी चिकित्सा परामर्शदाता किसी कर्मचारी से अथवा औषधालय में आए आगंतुक से कोई उपहार नहीं मांगेगा अथवा लेगा।

12. चिकित्सा परामर्शदाता कार्य स्‍थान पर किसी भी महिला कर्मचारी के साथ यौन उत्‍पीडन के किसी भी कृत्य में लिप्‍त नहीं होगा।
स्‍पष्‍टीकरण : इस उद्देश्‍य के लिए ‘यौन उत्‍पीडन’ चाहे प्रत्‍यक्ष या निहितार्थ के रूप में किया गया हो, में निम्नलिखित अप्रिय यौन संबंधी व्‍यवहार शामिल होंगे, जैसे –
ए) शारीरिक संपर्क एवं प्रयास
बी) शारीरिक संबंध बनाने की मांग अथवा अनुरोध करना
सी) यौन संबंधी अश्लील टिप्‍पणी
डी) अश्‍लील वीडियो/साहित्‍य दिखाना
ई) इसके अतिरिक्‍त, कोई भी अन्‍य अवांछित शारीरिक, मौखिक या अमौखिक यौन प्रकृति का आचरण, ऐसी सभी परिभाषाएं / व्याख्याएं जो क़ानून अथवा कानूनों में लागू है।

13. चिकित्सा परामर्शदाता को यदि ऋण के लिए अथवा आपराधिक आरोप में गिरफ्तार किया जाता है अथवा कानून की किसी भी प्रक्रिया के अनुसरण में हिरासत में लिया जाता है तो करार निरस्‍त किया जा सकता है।

14. चिकित्सा परामर्शदाता किसी मरीज को चिकित्‍सा के लिए, सर्जिकल अथवा अन्‍य उपचार के लिए रैफर करने के एवज में किसी उपहार, ग्रेच्‍युटी, कमीशन अथवा बोनस की मांग नहीं करेगा और ना ही देने की पेशकश करेगा। आप प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍क्ष रूप से चिकित्‍सा, सर्जिकल अथवा अन्‍य उपचार के लिए फीस निर्धारण, हस्‍तांतरण, आधिपत्‍य, छूट, विदारक अथवा वापसी के कार्य करने के लिए ना तो भाग लेंगें और ना ही भागीदार होंगे।

15. उक्‍त पैरा 14 में दिए गए प्रावधान डाइग्‍नोस्टिक उद्देश्‍य या अन्‍य अध्‍ययन/कार्य के लिए उसके अथवा किसी भी व्‍यक्ति द्वारा नमूना या सामग्री की खरीद के लिए रैफर या सिफारिश के संबंध में समान प्रभाव (equal force) के साथ लागू होंगे।

16. चिकित्सा परामर्शदाता अगर ऊपर दी गई बैंक की आचार संहिता अथवा उसके द्वारा स्‍वीकार की गई करार के नियम व शर्तों का उल्‍लंघन करता है अथवा लापरवाही, अक्षमता या आलस्‍य अथवा जानबूझकर बैंक के हित के लिए हानिकारक या निदेशों के विरुद्ध अथवा कदाचार का दोषी पाया जाता है तो करार निरस्‍त किया जा सकता है।

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