दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) आजीविका – ब्याज सबवेंशन (छूट) योजना - आरबीआई - Reserve Bank of India
दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) आजीविका – ब्याज सबवेंशन (छूट) योजना
भारिबैं/2017-18/80 18 अक्तूबर 2017 अध्यक्ष/ प्रबंध निदेशक महोदय / महोदया, दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) आजीविका – ब्याज सबवेंशन (छूट) योजना कृपया दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के अंतर्गत ब्याज सबवेंशन योजना पर 25 अगस्त 2016 का हमारा परिपत्र विसविवि. जीएसएसडी.केंका.बीसी.सं.13/09.01.03/2016-17 देखें। 2. डीएवाई-एनआरएलएम के अंतर्गत ब्याज सबवेंशन पर वर्ष 2017-18 के लिए 21 सरकारी क्षेत्र के बैंकों और 19 निजी क्षेत्र के बैंकों (सलग्न सूची के अनुसार) द्वारा कार्यान्वयन हेतु ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त संशोधित दिशानिर्देश अनुबंध में दिए गए हैं। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों के संबंध में परिपत्र नाबार्ड द्वारा जारी किया जाएगा। भवदीय (अजय कुमार मिश्र) अनुलग्नक : यथोक्त महिला एसएचजी के लिए ब्याज सबवेंशन योजना - वर्ष 2017-18 I. वर्ष 2017-18 के दौरान अनुबंध I के अनुसार 250 जिलों में महिला एसएचजी को दिए जाने वाले ऋण पर ब्याज सबवेंशन (छूट) योजना i) सभी महिला एसएचजी 7 प्रतिशत वार्षिक की दर पर 3 लाख रूपए तक के ऋण पर ब्याज सबवेंशन के पात्र होंगे। एसजीएसवाई के अंतर्गत अपने वर्तमान बकाया ऋणों के अंतर्गत पहले ही पूंजी सब्सिडी प्राप्त एसएचजी इस योजना के अंतर्गत लाभ पाने के पात्र नहीं होंगे। ii) बैंक ग्रामीण क्षेत्र में स्थित सभी महिला एसएचजी को 7 प्रतिशत की दर पर उधार देंगे। iii) सभी बैंकों को वर्ष 2017-18 के लिए प्रभारित भारित औसत ब्याज (वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय द्वारा वर्ष 2017-18 के लिए यथा निर्दिष्ट डब्ल्यूएआईसी – अनुबंध II) तथा 5.5 प्रतिशत की अधिकतम सीमा की शर्त पर 7 प्रतिशत के बीच के अंतर की मात्रा तक आर्थिक सहायता (सबवेंशन) प्रदान की जाएगी। यह सबवेंशन सभी बैंकों को इस शर्त पर उपलब्ध होगा कि वे एसएचजी को 7 प्रतिशत वार्षिक की दर पर ऋण उपलब्ध कराएंगे। iv) साथ ही, ऋण की तत्परता से चुकौती करने पर एसएचजी को 3 प्रतिशत का अतिरिक्त सबवेंशन उपलब्ध कराया जाएगा। तत्परता से चुकौती पर 3 प्रतिशत के अतिरिक्त ब्याज सबवेंशन के प्रयोजन के लिए ऐसे एसएचजी खाते को 'तत्पर आदाता' के रूप में माना जाएगा यदि वह एसएचजी भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्दिष्ट निम्नलिखित मानदंड को पूरा करता हो। क. नकदी ऋण सीमा हेतु :
ख. मीयादी ऋणों के लिए : ऐसे मीयादी ऋण खाते को 'तत्पर भुगतान युक्त खाता' तब माना जाएगा जब ऋण की अवधि के दौरान सभी ब्याज भुगतान और/ या मूलधन की किस्तों की चुकौती नियत तारीख से 30 दिनों के भीतर की गई हो। v) उक्त तत्पर भुगतान दिशानिर्देश रिज़र्व बैंक द्वारा भविष्य में इस विषय पर जारी दिशानिर्देशों द्वारा शासित होते रहेंगे। सूचना देने की तिमाही के अंत में सभी तत्पर आदाता एसएचजी खाते 3 प्रतिशत के अतिरिक्त ब्याज सबवेंशन के लिए पात्र होंगे। बैंकों को पात्र एसएचजी ऋण खातों में 3 प्रतिशत ब्याज सबवेंशन की राशि जमा कर देनी चाहिए और तत्पश्चात प्रतिपूर्ति की मांग करनी चाहिए। vi) यह योजना केवल ग्रामीण क्षेत्रों में महिला एसएचजी तक सीमित है। vii) इस योजना का निधियन डीएवाई - एनआरएलएम के अंतर्गत केंद्रीय आवंटन से किया जाएगा। viii) ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) द्वारा चयनित किसी नोडल बैंक के माध्यम से ब्याज सबवेंशन योजना कार्यान्वित की जाएगी। नोडल बैंक इस योजना को ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा सूचित किए गए अनुसार वेब-आधारित प्लेटफार्म के माध्यम से परिचालन में लाएगा। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए नोडल बैंक के रूप में केनरा बैंक को नामित किया है। ix) कोर बैंकिंग सोल्यूशन(सीबीएस) पर परिचालन करने वाले सभी बैंक इस योजना के अंतर्गत ब्याज सबवेंशन प्राप्त कर सकेंगे। x) एसएचजी को 7 प्रतिशत की दर से दिए गए ऋण पर ब्याज सबवेंशन पाने के लिए बैंकों के लिए आवश्यक है कि वे अपेक्षित तकनीकी विशेषताओं के अनुसार नोडल बैंक के पोर्टल पर एसएचजी ऋण खाता संबंधी जानकारी अपलोड करें। एसएचजी द्वारा तत्पर भुगतान से संबंधित 3 प्रतिशत अतिरिक्त सबवेंशन के दावे को भी उसी पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। बैंकों के लिए आवश्यक है कि वे नोडल बैंक को 30 जून 2017, 30 सितंबर 2017, 31 दिसंबर 2017 और 31 मार्च 2018 की स्थिति के अनुसार अपने नियमित दावे (डब्ल्यूएआईसी अथवा उधार दर और 7 प्रतिशत के बीच का अंतर) तथा अतिरिक्त दावे (समय पर चुकौती के लिए 3 प्रतिशत की दर से) तिमाही आधार पर परवर्ती माह के अंतिम सप्ताह तक प्रस्तुत करें। xi) बैंक द्वारा प्रस्तुत दावे, दावा प्रमाणपत्र (मूल रूप में) के साथ होने चाहिए जिसमें यह प्रमाणित किया हो कि सबवेंशन के लिए किया गया दावा सत्य और सही (अनुबंध III और IV) है। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा किसी बैंक के मार्च 2018 को समाप्त होने वाली तिमाही के दावों का निपटान केवल बैंक द्वारा संपूर्ण वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए सांविधिक लेखा परीक्षक का प्रमाणपत्र प्राप्त होने के बाद ही किया जाएगा। xii) वर्ष 2017-18 के दौरान किए गए वितरणों से संबंधित कोई शेष दावा और वर्ष के दौरान समाविष्ट न किए गए दावे को अलग से समेकित किया जाए और ‘अतिरिक्त दावा’ के रूप में चिन्हित किया जाए और वह नोडल बैंक को सांविधिक लेखा परीक्षकों के सत्यता प्रमाणन के बाद 30 जून 2018 तक प्रस्तुत किया जाए। 30 जून 2018 के बाद बैंकों से वित्तीय वर्ष 2017-18 हेतु ब्याज सबवेंशन से संबंधित कोई दावा स्वीकार्य नहीं होगा। xiii) बैंकों द्वारा दावों में किसी प्रकार के सुधार को लेखा परीक्षक के प्रमाणपत्र के आधार पर बाद के दावों से समायोजित किया जाएगा और नोडल बैंक के पोर्टल पर तदनुसार सुधार करना होगा। II. संवर्ग II जिलों (250 जिलों के अलावा) के लिए ब्याज सबवेंशन योजना संवर्ग II के जिले जिनमें उक्त 250 जिलों को छोड़कर अन्य जिले शामिल हैं, के लिए डीएवाई -एनआरएलएम के अंतर्गत सभी महिला एसएचजी 7 प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण सुविधा प्राप्त करने हेतु ब्याज सबवेंशन के पात्र होंगे। डीएवाई - एनआरएलएम के लिए आवंटन से इस सबवेंशन का निधियन राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) को उपलब्ध कराया जाएगा। संवर्ग II जिलों में बैंक एसएचजी के लिए अपने संबंधित उधार मानकों के आधार पर एसएचजी को प्रभार लगायेंगे तथा उधार दरों और 7 प्रतिशत के बीच के अंतर के लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए 5.5 प्रतिशत की अधिकतम सीमा के अधीन आर्थिक सहायता (सबवेंशन) एसआरएलएम द्वारा एसएचजी के ऋण खातों में दी जाएगी। उक्त के अनुसरण में, वर्ष 2017-18 के लिए संवर्ग II जिलों हेतु ब्याज सबवेंशन के संबंध में मुख्य-मुख्य बातें तथा परिचालन संबंधी दिशा-निर्देश निम्नानुसार हैं : (क) बैंकों की भूमिका : ऐसे सभी बैंक जो कोर बैंकिंग सोल्यूशन (सीबीएस) में कार्य करते हैं उनके लिए आवश्यक है कि वे सभी जिलों में एसएचजी के ऋण संवितरण और बकाया ऋण का ब्योरा ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा दिए गए वांछित फार्मेट में सीधे सीबीएस प्लेटफार्म से ग्रामीण विकास मंत्रालय (एफटीपी या इंटरफेस के माध्यम से) और एसआरएलएम को प्रस्तुत करेंगे। उक्त जानकारी मासिक आधार पर उपलब्ध करायी जानी चाहिए ताकि ब्याज सबवेंशन राशि की गणना और एसएचजी को उसके वितरण में सुविधा हो सके। (ख) राज्य सरकारों की भूमिका :
क. नकदी ऋण सीमा हेतु :
ख. मीयादी ऋणों के लिए : ऐसे मीयादी ऋण खाते को 'तत्पर भुगतान युक्त खाता' तब माना जाएगा जब ऋण की अवधि के दौरान सभी ब्याज भुगतान और/ या मूलधन की किस्तों की चुकौती नियत तारीख के 30 दिनों के भीतर की गई हो। उक्त तत्पर भुगतान दिशानिर्देश रिज़र्व बैंक द्वारा भविष्य में इस विषय पर जारी दिशानिर्देशों द्वारा शासित होते रहेंगे।
III. ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) राज्य सरकारों के साथ विचार-विमर्श करके राज्य विशिष्ट ब्याज सबवेंशन योजना (यदि कोई हो) को केंद्रीय योजना के अनुरूप बनाएँगे। |