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भारतीय रिज़र्व बैंक ने रुपी को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्‍ट्र पर लगाए गए निदेशों की अवधि 21 अगस्‍त 2016 तक बढ़ाई

23 फरवरी 2016

भारतीय रिज़र्व बैंक ने रुपी को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्‍ट्र
पर लगाए गए निदेशों की अवधि 21 अगस्‍त 2016 तक बढ़ाई

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 18 फ़रवरी 2016 के अपने निदेश के माध्‍यम से अल्‍प संशोधनों के साथ रुपी को-ओपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्‍ट्र पर लगाए गए निदेशों की अवधि को अगले छ: माह अर्थात 22 फरवरी 2016 से 21 अगस्त 2016 तक के लिए बढ़ाया है तथा ये निदेश समीक्षाधीन रहेंगे। बैंक अभी जमाकर्ताओं को अपने हर बचत बैंक खाते या चालू खाते या सावधि जमा खाते या अन्‍य किसी जमा खाते (कोई भी नाम से जाना जाता हो) से 20,000/- (रुपये बीस हज़ार मात्र) तक की राशि आहरित करने की अनुमति दे सकता है; परंतु यदि किसी जमाकर्ता, बैंक के प्रति या तो उधारकर्ता या ज़मानतदार जिसमें बैंक जमाराशियों की ज़मानत पर प्राप्‍त ऋण भी शामिल है, की किसी भी हैसियत से जिम्‍मेदार होता हो, तो इस प्रकार से आहरित राशि को सर्वप्रथम उसके उधार खाता/खातों की चुकौती करने के लिए समायोजित किया जाना चाहिए। निदेश मूल रूप से 22 फरवरी 2013 से 21 अगस्त 2013 तक लगाए गए थे जिसे चार अवसरों पर छह महीनों के लिए और दो अवसरों पर तीन महीनों के लिए बढ़ाया गया था। पिछली बार इसे 22 अगस्त 2015 से 21 फरवरी 2016 तक छह महीनों की अवधि के लिए बढ़ाया गया था।

भारतीय रिज़र्व बैंक को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 क की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए ये निदेश लगाए गए। इन निदेशों की प्रति को बैंक के परिसर में जनता की सूचना के लिए लगाई गई है।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उक्‍त निदेश जारी करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है।

अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता

प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/1992

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