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अपने ग्राहक को जानिए (केवाइसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पी एम एल ए), 2002 के अंतर्गत बैंकों के दायित्‍व – धनशोधन निवारण (अभिलेखों का अनुरक्षण) संशोधन नियम, 2013

भारिबैं/2014-15/330
गैबैंपवि(नीप्र)कंपरि.सं.005/03.10.42/2014-15

01 दिसम्बर 2014

सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी)

महोदय/महोदया,

अपने ग्राहक को जानिए (केवाइसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पी एम एल ए), 2002 के अंतर्गत बैंकों के दायित्‍व – धनशोधन निवारण (अभिलेखों का अनुरक्षण) संशोधन नियम, 2013

भारत सरकार ने "धनशोधन निवारण (अभिलेखों का अनुरक्षण) संशोधन नियम, 2013" को अधिसूचित किया है तथा 27 अगस्‍त 2013 के असाधारण राजपत्र में सा. का. नि. 576 (ई) पर प्रकाशित किया है। 'अपने ग्राहक को जानिए (केवायसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्‍तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/ पीएमएलए, 2002 के अधीन बैंकों के दायित्‍व' विषय पर 01 जुलाई 2014 के मास्‍टर परिपत्र गैबैंपवि(नीप्र)कंपरि.सं.387/03.10.42/2014-15 के मौजूदा अनुदेशों को धनशोधन निवारण नियमों में हुए संशोधन के साथ सुसंगत बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि संशोधन के कारण हुए तदनुरूपी परिवर्तनों को अधिसूचित किया जाए है।

2. महत्‍वपूर्ण परिवर्तनों का उल्‍लेख अनुबंध में किया गया है।

3. विस्‍तृत संदर्भ के लिए अधिसूचना की प्रति संलग्‍न है।

4. एनबीएफसी उपर्युक्‍त अनुदेशों को ध्‍यान में रखते हुए अपनी केवाइसी नीति में संशोधन करें तथा उसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें।

भवदीया,

(सिंधु पंचोली)
उप महाप्रबंधक

संलग्न: यथोपरि।


अनुबंध

क्र. सं.
ब्‍योरे
वर्तमान अनुदेश
पीएमएल नियमों में संशोधन के बाद
भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुदेशों में परिवर्तन
1
अभिहित निदेशक की परिभाषा –नियम 2(खक)
पीएमएल नियमों में नई परिभाषा जोड़ी गई है।

"अभिहित निदेशक" से अधिनियम के अध्‍याय 4 और नियमों के अधीन अधिरोपित समस्‍त बाध्‍यताओं का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए रिपोर्ट करने वाले अस्तित्‍व द्वारा अभिहित व्‍यक्ति अभिप्रेत है और इनमें निम्‍नलिखित सम्मिलित है –

(i) प्रबंध निदेशक या निदेशक बोर्ड द्वारा सम्‍यत रूप से प्राधिकृतपूर्णकालिक निदेशक; यदि रिपोर्ट करने वाली कोई कंपनी है;

(ii) प्रबंध भागीदार यदि रिपोर्ट करने वाला अस्तित्‍व कोई भागीदारी फर्म है;

(iii) स्‍वत्‍वधारी, यदि रिपोर्ट करने वाला अस्तित्‍व कोई स्‍वत्‍वधारित समुत्‍थान है;

(iv) प्रबंध न्‍यासी यदि रिपोर्ट करने वाला अस्तित्‍व कोई न्‍यास है;

(v) यथास्थिति कोई व्‍यक्ति या व्‍यष्टि जो रिपोर्ट करने वाले अस्तित्‍व के कार्यों को नियंत्रित करता है या उनका प्रबंध करता है यदि रिपोर्ट करने वाला अस्तित्‍व कोई अनिगमित संगम या व्‍यष्टियों का निकाय है; और

(vi) ऐसे अन्‍य व्‍यक्ति या व्‍यक्तियों का वर्ग जिसे सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाए जो यदि रिपोर्ट करने वाला अस्तित्‍व उपरोक्‍त किसी प्रवर्ग में नहीं आता है।

स्‍पष्‍टीकरण - इस खंड के प्रयोजन के लिए 'प्रबंध निदेशक' और 'पूर्णकालिक निदेशक' पदों का वही अर्थ होगा जो कंपनी अधिनियम, 1956 (1956 का 1) में दिया गया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 29 मई 2014 के परिपत्र गैबैंपव(नीप्र) कंपरि.सं.378/03.10.42/2014-15 द्वारा एनबीएफसी को सूचित किया है कि पीएमएलए अधिनियम के अंतर्गत दायित्‍व का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए " अभिहित निदेशक" के रूप में एक निदेशक को नामित किया जाए।
2
आधिकारिक वैध दस्‍तावेज की परिभाषा – नियम 2(घ)
'आधिकारिक रूप से वैध दस्‍तावेज' अर्थात् पासपोर्ट, ड्राईविंग लाइसेंस, स्‍थायी खाता संख्‍या (पैन) कार्ड, भारतीय चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदाता पहचान कार्ड,राज्‍य सरकार के अधिकारी द्वारा हस्‍ताक्षरित नरेगा जॉब कार्ड, आधार प्राधिकारियों द्वारा जारी पत्र जिसमें नाम, पता, आधार संख्‍या आदि विवरण है या भारतीय रिज़र्व बैंक के विचार-विमर्श से केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित अन्‍य दस्‍तावेज या अन्‍य कोई दस्‍तावेज जो बैंकिंग कंपनी या वित्‍तीय संस्‍था या मध्‍यवर्ती संस्‍था द्वारा अपेक्षित हैं।
'आधिकारिक रूप से वैध दस्‍तावेज' अर्थात् पासपोर्ट, ड्राईविंग लाइसेंस, स्‍थायी अकाउंट नंबर (पैन) कार्ड, भारतीय चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदाता पहचान कार्ड,राज्‍य सरकार के अधिकारी द्वारा हस्‍ताक्षरित नरेगा जॉब कार्ड, आधार प्राधिकारियों द्वारा जारी पत्र जिसमें नाम, पता, आधार संख्‍या आदि विवरण है या भारतीय रिज़र्व बैंक के विचार-विमर्श से केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित अन्‍य दस्‍तावेज या अन्‍य कोई दस्‍तावेज जो बैंकिंग कंपनी या वित्‍तीय संस्‍था या मध्‍यवर्ती अपेक्षित है।
अब से केवल नियम में उल्लिखित दस्‍तावेज या नियामक के विचार-विमर्श से केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित दस्‍तावेज 'आधिकारिक वैध' दस्‍तावेज होगा। एनबीएफसी को पूर्व में दिया गया विवेकाधिकार रद्द कर दिया गया है।
3
लेनदेन की परिभाषा नियम 2 (ज)
लेनदेन में जमा करना, निकालना, निधियों का किसी भी मुद्रा में विनिमय या निधि अंतरण चाहे नकद या चेक द्वारा भुगताने आदेश या अन्‍य लिखत या इलेक्‍ट्रॉनिक या किसी अन्‍य अभौतिक साधनों के माध्‍यम से लेनदेन शामिल है।

"संव्‍यवहार" से कोई क्रय, विक्रय उधार, गिरवी, दान, अंतरण, परिदान या उसका ठहराव अभिप्रेत है और इसमें निम्‍नलिखित सम्मिलित हैं –

(i) खाता का खोला जाना;

(ii) जमा करना, निकालना, निधियों का विनिमय या अंतरण चाहे किसी भी मुद्रा में हो चाहे नकद या चेक द्वारा हो, संदाय आदेश या अन्‍य लिखत या इलैक्‍ट्रानिक या किसी अन्‍य अभौतिक साधनों द्वारा हो;

(iii) सुरक्षा जमा बॉक्‍स या किसी रूप में सुरक्षा जमा का उपयोग;

(iv) कोई वैश्‍वासिक संबंध बनाना;

(v) किसी संविदात्‍मक या अन्‍य विधिक बाह्यता के पूर्णतः या भागतः किया गया या प्राप्‍त कोई संदाय;

(vi) कैसिनो से सहबद्ध ऐसे क्रियाकलापों सहित नकद या वस्‍तु के लिए दैवक्रीणा खेलने की बाबत किया गया कोई संदाय;

(vii) विधिक व्‍यक्ति या विधिक ठहराव स्‍थापित करना या सृजित करना।

एनबीएफसी से अपेक्षित है कि वे इन परिवर्तनों को नोट करें।
4
नियम 14 (i) और नियम 2(घ) के प्रावधान
नए अनुदेश

नियम 14 (i) में यह प्रावधान है कि विनियामक मार्गदर्शक सिद्धांतों को जारी करेगा और ग्राहक के प्रकार, कारबार संबंध, प्रकृति तथा समस्‍त धन शोधन और अंतर्वलित आतंकवादी वित्‍तपोषण जोखिमों पर आधारित संव्‍यवहारों को मूल्‍य पर विचार करते हुए ग्राहक की पहचान को सत्‍यापित करने के लिए अधिक या सरलीकृत उपाय विहित कर सकेगा।

जहां ग्राहकों की पहचान सत्‍यापित करने के लिए सरलीकृत उपाय लागू होते हैं वहां निम्‍नलिखित "दस्‍तावेजों शासकीय रूप से विधिमान्‍य दस्‍तावेज" समझे जाएंगे।

केंद्रीय सरकार, राज्‍य सरकार विभागों, कानूनी, विनियामक प्राधिकरणों, पब्लिक सेक्‍टर उपक्रमों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और लोक वित्‍तीय संस्‍थाओं द्वारा जारी आवेदक के फोटो के साथ पहचान पत्र;

i. व्‍यक्ति की सम्‍यक रूप से अनुप्रमाणित फोटो के साथ राजपत्रित अधिकारी द्वारा जारी पत्र;

नियम 14(i) के अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक ने यह निर्णय लिया है कि ग्राहक के प्रकार, कारोबार संबंध, लेनदेनों की प्रकृति और मूल्‍य तथा समग्र धन शोधन और आतंकवाद के वित्‍तपोषण सबंधी जोखिमों को ध्‍यान में रखते हुए ‘कम जोखिम’ वाले ग्राहकों के संबंध में ‘सरलीकृत उपाय’ लागू किये जा सकते हैं। कम जोखिम वाले ग्राहक के संदर्भ में, जहां 'सरलीकृत उपाय' लागू किए गए हैं, वहां नियम 2(घ) के (i) और (ii) में दिए गए दस्‍तावेजों में से कोई भी दस्‍तावेज पहचान तथा पते के प्रमाण के लिए पर्याप्‍त है।
5
नियम 3 (1) (बी)
(ख) एक दूसरे से संपूर्ण रूप से जुड़े नकद संव्‍यवहारों की सभी श्रृंखलाएं जिनका दस लाख रुपए या इसकी विदेशी करेंसी में इसके समतुल्‍य दस लाख रुपए से कम व्‍यष्टिक मूल्‍यांकन किया गया है, जहां ऐसे संव्‍यवहार की श्रृंखला ने एक माह के भीतर अपना स्‍थान लिया है।
(ख) एक दूसरे से संपूर्ण जुड़े नकद संव्‍यवहारों की सभी श्रृंखलाएं जिनका दस लाख रुपए या इसकी विदेशी करेंसी में इसके समतुल्‍य दस लाख रुपए से कम व्‍यष्टिक मूल्‍यांकन किया गया है, जहां ऐसे संव्‍यवहार की श्रृंखला ने एक मास के भीतर अपना स्‍थान लिया है और मासिक सकल दस लाख रुपए या विदेशी करेंसी में इसके समतुल्‍य रकम से अधिक है;
एनबीएफसी से अपेक्षित है कि वे इन परिवर्तनों को नोट करें।
6
नियम 5

नियम 5(1) (क) इस तरह पढ़ा जाएगा:

रिपोर्ट करने वाली प्रत्‍येक संस्‍था विनियामक द्वारा समय-समय पर विनिर्दिष्‍ट की जाने वाली प्रक्रिया और रीति के अनुसार नियम 3 [हार्ड और सॉफ्ट प्रति] में निर्दिष्‍ट अपने ग्राहक से संबंधित सूचना रखेगी।

12 फरवरी 2010 को अधिसूचित नियमों में संशोधन द्वारा 'हार्ड और सॉफ्ट' प्रति को हटाया गया था। नियम में यह प्रावधान है कि विनियामक द्वारा प्रक्रिया और रीति विनिर्दिष्‍ट की जानी चाहिए।
यह निर्णय लिया गया कि एनबीएफसी अपने ग्राहकों की पहचान के रिकार्ड तथा नियम 3 में निर्दिष्‍ट ग्राहक के साथ लेनदेन के रिकार्ड हार्ड और सॉफ्ट फॉर्मेट में रखें।
7
नियम 10 (2)
2) ग्राहकों की पहचान के अभिलेख अनुरक्षण हार्ड और सॉफ्ट प्रति में उसी रीति से किया जाए जैसा समय-समय पर विनियामकों द्वारा विनिर्दिष्‍ट किया गया है।
2) प्रत्‍येक रिपोर्ट करने वाले अस्तित्‍व द्वारा समय-समय पर प्रक्रिया और रीति जो विनियामक द्वारा समय-समय पर विनिर्दिष्‍ट की जा सके के अनुसार नियम 3 में निर्दिष्‍ट अपने ग्राहकों के संव्‍यवहारों की बाबत सूचना रखेगा।
8
नियम 7 (1)
नया जोड़
अभिहित निदेशक का नाम, पदनाम और पता निदेशक एफआईयू-आईएनडी को सूचित किया जाना है। साथ ही, प्रत्‍येक रिपोर्ट करने वाले अस्तित्‍व, इसके अभिहित निदेशक, अधिकारियों और कर्मचारियों का इसके विनियामक द्वारा नियम 3 में यथा विनिर्दिष्‍ट सूचना प्रस्‍तुत करने की प्रक्रिया और रीति का पालन करनेका कर्तव्‍य होगा।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 29 मई 2014 के परिपत्र गैबैंपवि (नीप्र)कंपरि.सं. 378/ 03.10.42/2014-15 द्वारा एनबीएफसी को सूचित किया है कि वे एक अभिहित निदेशक नामित करें। अतएव एनबीएफसी को सूचित किया जाता है कि वे इस नये नियम के अनुसार रिपोर्टिंग अपेक्षाओं का अनुपालन करें।
9
नियम 8 (1)
सभी नकद लेनदेन (नियम 3 (ग) के अनुसार) जहां जाली अथवा नकली करेंसी नोट या बैंक नोट असली के रूप में प्रयोग किए गए हों और जहां लेनदेन की सुविधा के लिए किसी मूल्‍यवान प्रतिभूति अथवा दस्‍तावेज की जालसाजी की गई हो, को इस प्रकार का लेनदेन होने के बाद 7 कार्य दिवस पूरा होने से पहले रिपोर्ट किया जाना है।
सभी नकद संव्‍यवहार (नियम 3 (ग) के अनुसार) जहां जाली अथवा नकदी करेंसी नोट या बैंक नोट असली के रूप में प्रयोग किया गए हो और जहां संव्‍यवहार की सुविधा के लिए किसी मूल्‍यवान प्रतिभूति अथवा दस्‍तावेज की जालसाजी की गई हों, को इस प्रकार के संव्‍यवहार होने के बाद 15 कार्य दिवस पूरा होने से पहले रिपोर्ट किया जाना है।
एनबीएफसी को सूचित किया जाता है कि वे इस नये नियम के अनुसार रिपोर्टिंग अपेक्षाओं का अनुपालन करें।
10
नियम 8(4)
नया जोड़
नियम 8 के अनुसार, निदेशक एफआईयू-आईएनडी को सूचना प्रस्‍तुत करने पर इस नियम में यथाविनिर्दिष्‍ट समय-सीमा से परे किसी संव्‍यवहार को रिपोर्ट न किए जाने के प्रत्‍येक दिन का विलंब या किसी मिथ्‍या रिपोर्ट किए गए संव्‍यवहार का अनुसमर्थन करने में प्रत्‍येक दिन का विलंब पृथक अतिक्रमण गठित करेगा।
एनबीएफसी को यह सूचित किया जाता है कि वे इन रिपोर्टिंग अपेक्षाओं को ध्‍यान में रखें।
11
नियम 9(1) (ii) के प्रावधान
नए अनुदेश
परंतु जहां विनियामक का यह विचार है कि धन शोधन और आतंकवादी वित्‍तीय जोखिमें का प्रभावी रूप से प्रबंध किया जा रहा है और जहां कारोबार के सामान्‍य संचालन में व्‍यवधान डालना आवश्‍यक नहीं हैं वहां विनियामक, यथाशीघ्र संबंध की स्‍थापना में निम्‍नलिखित युक्तियुक्‍त व्‍यवहार, के सत्‍यापन को पूरा करने के लिए रिपोर्ट करने वाले अस्तित्‍व को अनुज्ञात कर सकेगा।
तदनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि जहां निम्‍न जोखिम श्रेणी में वर्गीकृत कोई ग्राहक किसी कारणवश, जिसे एनबीएफसी प्रमाणिक मानता है, प्रलेखन की अपेक्षाओं को पूरा करने मे असमर्थता व्‍यक्‍त करता है और जहां कारोबार के सामान्‍य संचालन में व्‍यवधान डालना आवश्‍यक नहीं है, वहां एनबीएफसी ग्राहक के साथ संबंध की स्‍थापना की तारीख से छः महीने की अवधि के भीतर पहचान का सत्‍यापन पूरा कर सकते हैं।
12
नियम 9(2) तृतीय पक्षकार के उचित सावधानी पर निर्भरता
तृतीय पक्षकार द्वारा उचित सावधानी पर निर्भर रहने के संबंध में कोई वर्तमान अनुदेश नहीं हैं।

खाता-आधारित संबंध बनने पर ग्राहकों की पहचान को निर्धारित करने और उसको सत्‍यापित करने के उद्देश्‍य से रिपोर्ट करने वाला अस्तित्‍व निम्‍नलिखित शर्तों के अधीन तृतीय पक्षकार का अवलंब ले सकेगा; बशर्ते कि –

रिपोर्ट करने वाला अस्तित्‍व तृतीय पक्षकार द्वारा कार्यान्वित ऐसी ग्राहक सम्‍यक तत्‍परता की आवश्‍यक जानकारी शीघ्र अभिप्राप्‍त कर सकेगा;

a. रिपोर्ट करने वाला अस्तित्‍व स्‍वयं का समाधान करने के लिए आवश्‍यक उपाय कर सकेगा कि पहचान डाटा और ग्राहक सम्‍यक तत्‍परता से संबंधित सुसंगत प्रलेखन की प्रतियां बिना विलंब के अनुरोध करने पर तृतीय पक्षकार से उपलब्‍ध करा दी जाती हैं;

b. रिपोर्ट करने वाले अस्तित्‍व का यह समाधान है कि ऐसे तृतीय पक्षकार को उसके लिए विनियमित पर्यवेक्षित और मानीटर किया गया है और अधिनियम को अधीन ग्राहक सम्‍यक तत्‍परता और अभिलेख अनुरक्षक अपेक्षाओं के अनुपालन में अपेक्षाओं और बाध्‍यताओं के आधार स्‍थान पर उपाए किए गए हैं;

c. तृतीय पक्षकार देश या अधिकारिता पर आधारित नहीं है और अत्‍यंत जोखिम के रूप में उसका निर्धारण किया गया है;

d. ग्राहक सम्‍यत तत्‍परता के लिए और बढ़ी सम्‍यक तत्‍परता, जो लागू हो, के उपाय की वचनबद्धता के लिए अंततः उत्‍तरदायी है।

नियम 9(2) के (ए) से (ई) की शर्तों के अधीन एनबीएफसी तृतीय पक्षकार के सत्‍यापन पर भरोसा कर सकते हैं।
13
नियम 9(3) लाभकारी मालिक का निर्धारण करने के लिए प्रक्रिया।

a. जहां ग्राहक व्‍यक्ति या ट्रस्‍ट बैंकिंग कंपनी या वित्‍तीय संस्‍था जैसे भी स्थिति है, ग्राहक के फायदाग्राही स्‍वामी की पहचान की जानी चाहिए तथा ऐसे व्‍यक्तियों की निम्‍नलिखित जानकारी के माध्‍यम से सत्‍यापन करने के लिए उचित उपाय किए जाने चाहिए:

(i) प्रकृत व्‍यक्ति जो चाहे अकेले या साथ में एक या उससे अधिक विधिक व्‍यक्ति के साथ कार्य कर रहा है, उसका नियंत्रण वाला स्‍वामित्‍व हित है या जो अंततः स्‍वामित्‍व नियंत्रण का प्रयोग करता है।

स्‍पष्‍टीकरणः "नियंत्रक स्‍वामित्‍व हित" से शेयरों के पच्‍चीस प्रतिशत से अधिक या कंपनी के पूंजी या लाभ में पच्‍चीस प्रतिशत से अधिक का स्‍वामित्‍व या हकदारी अभिप्रेत है;

जहां विधिक व्‍यक्ति कंपनी है;

जहां ग्राहक भागीदारी फर्म है, वहां फायदाग्राही स्‍वामी प्रकृत व्‍यक्ति है, जो चाहे अकेले या साथ में या एक या अधिक विधिक व्‍यक्ति के माध्‍यम से कार्य कर रहा है, वहां उसके पास भागीदारी की पूंजी या लाभ का पंद्रह प्रतिशत से अधिक हकदारी है;

14: स्‍पष्‍टीकरणः अन्‍य के माध्‍यम से नियंत्रण से अभिप्रेत है कि मताधिकार, करार आदि का प्रयोग करते हुए

(iii) जहां प्रकृत व्‍यक्ति की (i) या (ii) उपरोक्‍त के अधीन पहचान नहीं की गयी है वहां सुसंगत प्रकृतव्‍यक्ति वरिष्‍ठ प्रबंध पदाधारी की परिस्थिति धारण करता है

(बी) जहां ग्राहक न्‍यास, बैंकिंग कंपनी, वित्‍तीय संस्‍था है। जैसी भी स्थिति हो वहां ग्राहक के फायदाग्राही स्‍वामी की पहचान की जानी चाहिए तथा ऐसी व्‍यक्तियों की पहचान का सत्‍यापन करने के लिए उचित उपाय करने चाहिए। न्‍यास में पंद्रह प्रतिशत या अधिक के हित वाला फायदाग्राही और कोई अन्‍य प्रकृत व्‍यक्ति जो नियंत्रण या स्‍वामित्‍व की श्रृंखला के माध्‍यम से न्‍यास पर अंततः प्रभाव नियंत्रण का प्रयोग करने वाला कोई अन्‍य प्रकृत व्‍यक्ति सम्मिलित होगा।

(सी) क्या ग्राहक अथवा लाभ नियंत्रण करने वाली कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध है अथवा यह ऐसी कंपनियों की बहुतायत सहायक कंपनियां है, किसी शेयर धारक का पहचान तथा उसकी पहचान की सत्यता करने की आवश्यकता नहीं है अथवा इएसी कंपनियों के लाभार्थी धारको का।

(ए) जहां ग्राहक कोई व्‍यक्ति है वहां फायदाग्राही स्‍वामी प्रकृत व्‍यक्ति है जो चाहे अकेले या साथ में एक या इससे अधिक विधिक व्‍यक्ति के साथ कार्य कर रहा है, उसका नियंत्रण वाला स्‍वामिस्‍व हित है या जो अन्‍य साधनों के माध्‍यम से नियंत्रण का प्रयोग करता है।

स्‍पष्‍टीकरणःइसउपखंडकेप्रयोजनकेलिए–

1. "नियंत्रक स्‍वामित्‍व हित " से शेयरों के पच्‍चीस प्रतिशत से अधिक या कंपनी के पूंजी या लाभ में पच्‍चीस प्रतिशत से अधिक का स्‍वामित्‍व या हकदारी अभिप्रेत है;

2. "नियंत्रण" में बहुसंख्‍यक निदेशकों को नियुक्‍त करने का अधिकार या नीति उनके शेयर धारण या प्रबंधन अधिकारों या शेयर धारकों के करार या मतदान के करारों के आधार सहित प्रबंधया नीति विनिश्‍चयों का नियंत्रित करना सम्मिलित है।

(बी) जहां ग्राहक भागीदारी फर्म है, वहां फायदाग्राही स्‍वामी प्रकृत व्‍यक्ति है, जो चाहे अकेले या साथ में या एक या अधिक विधिक व्‍यक्ति के माध्‍यम से कार्य कर रहा है, वहां उसके पास भागीदारी की पूंजी या लाभ का पंद्रह प्रतिशत से अधिक हकदारी है;

(सी) जहां ग्राहक अनिगमित संगम या व्‍यष्टियों का निकाय है, वहां फायदाग्राही व्‍यक्ति प्रकृत व्‍यक्ति है जो चाहे अकेले या साथ में या एक या एक से अधिक विधिक व्‍यक्ति के माध्‍यम से कार्य कर रहा है, वहां उसके पास ऐसे संगम या व्‍यष्टियों के निकाय की संपत्ति या पूंजी या लाभ का पंद्रह प्रतिशत से अधिक स्‍वामित्‍व या हकदारी है;

(डी) जहां प्रकृत व्‍यक्ति की उपरोक्‍त (ए), (बी) या (सी) के अधीन पहचान नहीं की गई है वहां फायदाग्राही स्‍वामी सुसंगत प्रकृत व्‍यक्ति है जो वरिष्‍ठ प्रबंध पदधारी की प्रास्थिति धारण करता है;

(ई) जहां कोई न्‍यास है वहां फायदाग्राही स्‍वामी की पहचान में न्‍यास के लेखक, न्‍यासी, न्‍यास में पंद्रह प्रतिशत या अधिक के हित वाला फायदाग्राही और कोई अन्‍य प्रकृत व्‍यक्ति जो नियंत्रण या स्‍वामित्‍व की श्रृंखला के माध्‍यम से न्‍यास पर अंततः प्रभाव नियंत्रण का प्रयोग करनेवाला कोई अन्‍य प्रकृत व्‍यक्ति सम्मिलित होगा; और

(एफ) जहां नियंत्रण हित का ग्राहक या स्‍वामी स्‍टाक एक्‍सचेंज पर सूचीबद्ध कोई कंपनी या ऐसी कंपनी का समनुषंगी हैं वहां ऐसी कंपनियों के किसी शेयर धारक या फायदाग्राही स्‍वामी की पहचान करना और पहचान को सत्‍यापित करना आवश्‍यक नहीं है।

लाभार्थी स्‍वामी की पहचान के लिए एनबीएफसी संशोधित नियमों का पालन करें ।

14
नियम 9 वैयक्तिक खाता खोलने के समय पहचान और पते के प्रमाण की आवश्‍यकता।
पहचान प्रमाण के रूप में (i) ड्राईविंग लाइसेंस (ii) नरेगा द्वारा जारी राज्‍य सरकार के अधिकारी द्वारा विधिवत हस्‍ताक्षरित जाब कार्ड (iii) आधार प्राधिकारियों द्वारा जारी पत्र जिसमें नाम, पता, आधार संख्‍या आदि विवरण है (iv) पहचान कार्ड (बैंक की संतुष्टि के अधीन) (v) मान्‍यता प्राप्‍त सरकारी प्राधिकारी या लोक सेवक से ग्राहक का पता और पहचान पत्र का बैंक की संतुष्टि तक सत्‍यापन तथा पते का एक प्रमाण जैसे (i) टेलीफोन बिल (ii) बैंक खाता विवरण (iii) मान्‍यता प्राप्‍त सरकारी प्राधिकारी द्वारा पत्र (iv) बिजली का बिल (v) राशन कार्ड (vi) नियोक्‍ता से पत्र (बैंक की संतुष्टि के अधीन) (vii) राज्‍य सरकार या समान पंजीकरण प्राधिकारी केपास पंजीकृत किराया करार जिसमें ग्राहक कापता दर्शाया गया हो।

केवल वैध दस्‍तावेजों में से कोई भी एक दस्‍तावेज के लिए अनुमति है, वे पासपोर्ट, ड्राईविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, भारतीय चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदाता पहचान कार्ड, राज्‍य सरकार के अधिकारी द्वारा विधिवत हस्‍ताक्षरित नरेगा जॉब कार्ड, आधार प्राधिकारियों द्वारा जारी पत्र जिसमें नाम, पता, आधार संख्‍या आदि विवरण है।

यह निहित है कि पते का प्रमाण भी केवल उपर्युक्‍त दस्‍तावेजों से ही होगा।

आधिकारिक वैध दस्‍तावेज की परिभाषा में परिवर्तन होने के कारण अब से केवल संशोधित पीएमएल नियम में दर्शाए गए दस्‍तावेज ही व्‍यक्तियों के खाता खोलने के लिए मान्‍य होंगे। इस प्रयोजन के लिए अन्‍य कोई दस्‍तावेज स्‍वीकार करने का एनबीएफसी के पास विवेकाधिकार नहीं होगा।
15
नियम 9(6) कंपनियों के लेखे

(i) निगम का प्रमाण पत्र तथा संगम अनुच्‍छेद का ज्ञापन;

(ii) खाता खोलने के लिए निदेशक बोर्ड का संकल्‍प और खाता परिचालित करने वाले व्‍यक्तियों की पहचान;

(iii) प्रबंधक अधिकारी या कर्मचारियों को उनकी तरफ से संव्‍यवहार करने के लिए दी गयी अटर्नी;

(iv) पीएएन आबंटन पत्र की प्रति;

(v) टेलीफोन बिल की प्रति।

क) निगम का प्रमाणपत्र;

ख) संगम अनुच्‍छेद का ज्ञापन;

ग) निदेशक बोर्ड का संकल्‍प और इस निमित संव्‍यवहार करने के लिए अपने प्रबंधक अधिकारियों या कर्मचारियों को मंजूर किया गया मुख्‍तारनामा;

घ) इस निमित संव्‍यवहार करने के लिए अटर्नी धारण कर रहे प्रबंधक, अधिकारी या कर्मचारियों की बाबत शासकीय विधिमान्‍य दस्‍तावेज;

नियमों में विनिर्दिष्‍ट दस्‍तावेजों की सूची को एनबीएफसी नोट करें।
16
नियम 9(7)

(i) रजिस्‍ट्रीकरण प्रमाण पत्र यदि पंजीकृत हो;

(ii) भागीदारी विलेख;

(iii) प्रबंधक अधिकारी या कर्मचारियों को उनकी तरफ से संव्‍यवहार करने के लिए दी गयी अटर्नी;

(iv) संव्‍यवहार करने के लिए अटर्नी धारण कर रहे भागीदार और व्‍यक्तियों की पहचान और पतों को दर्शानेवाला कोई विद्यमान्‍य दस्‍तावेज;

(v) फर्म/भागीदार के नाम टेलीफोन बिल।

a. रजिस्‍ट्रीकरण प्रमाणपत्र;

b. भागीदारी विलेख; और

c. इस निमत्ति संव्‍यवहार के लिए कोई अटर्नी धारण करने वाले व्‍यक्ति की बाबत शासकीय विधिमान्‍य दस्‍तावेज।

नियमों में विनिर्दिष्‍ट दस्‍तावेजों की सूची को एनबीएफसी नोट करें।
17
नियम 9(7)

(i) रजिस्‍ट्रीकरण प्रमाण पत्र यदि पंजीकृत हो;

(ii) भागीदारी विलेख;

(iii) प्रबंधक अधिकारी या कर्मचारियों को उनकी तरफ से संव्‍यवहार करने के लिए दी गयी अटर्नी;

(iv) फाउंडेशन/एसोसिएशन के प्रबंध निकाय का संकल्‍प;

(v) टेलीफोन बिल।

क) रजिस्‍ट्रीकरण प्रमाणपत्र;

ख) न्‍यास विलेख; और

ग) इस निमत्ति संव्‍यवहार के लिए कोई अटर्नी धारण करने वाले व्‍यक्ति की बाबत शासकीय विधिमान्‍य दस्‍तावेज।

नियमों में विनिर्दिष्‍ट दस्‍तावेजों की सूची को एनबीएफसी नोट करें।
18
नियम 9(9)
वर्तमान दिशानिर्देशों में विशिष्‍ट अनुदेशों नहीं।

क) ऐसे संगत के प्रबंध निकाय या व्‍यष्टियों का संकल्‍प;

ख्‍) इस निमित्‍त संव्‍यवहार करने के लिए उसे मंजूर किया गया मुख्‍तारनामा;

ग) इस निमित्ति संव्‍यवहार के लिए कोई अटर्नी धारण करने वाले व्‍यक्ति की बाबत शासकीय विधिमान्‍य दस्‍तावेज; और

घ) ऐसी सूचना जो रिपोर्ट करने वाले अस्तित्‍व द्वारा ऐसे संगत या व्‍यष्टियों के निकाय के विधिक विद्यमान्‍यता सामूहिक रूप से स्‍थापित करने के लिए अपेक्षित हो।

नियमों में विनिर्दिष्‍ट दस्‍तावेजों की सूची को एनबीएफसी नोट करें।

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