निर्यात से प्राप्य राशियों को आयात के भुगतान से घटाना - प्रक्रिया का उदारीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
निर्यात से प्राप्य राशियों को आयात के भुगतान से घटाना - प्रक्रिया का उदारीकरण
भारिबैंक/2011-12/264 17 नवंबर 2011 सभी श्रेणी - । प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, निर्यात से प्राप्य राशियों को आयात के भुगतान से घटाना - प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। (प्रा.व्या.श्रेणी-।) बैंकों का ध्यान इस तथ्य की ओर आकृष्ट किया जाता है कि निर्यात से प्राप्य राशियों को आयात के भुगतानों से घटाने के प्राधिकृत व्यापारी बैंकों की शाखाओं के मार्फत प्राप्त निर्यातकों के अनुरोध पर भारतीय रिज़र्व बैंक विचार करता है । इस प्रक्रिया को और उदार बनाने के उपाय के रूप में यह निर्णय लिया गया है कि निर्यात से प्राप्य राशियों को आयात के भुगतानों से घटाने के निर्यातकों के अनुरोधों पर निम्नलिखित शर्तों के अधीन विचार करने/मंजूरी देने के अधिकार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंकों में प्रत्यायोजित किए जाएं । ए. आयात लागू विदेशी व्यापार नीति के अनुसार हो । बी. घरेलू उपयोग के लिए आयातक द्वारा किए गए आयात की इनवाइसें/लदान बिल/हवाई बिल और पत्तन प्रवेश बिल संबंधी विदेशी मुद्रा नियंत्रण की प्रतियां प्राधिकृत व्यापारी बैंक को प्रस्तुत की गयी हों । सी. आयातक की बहियों में आयात के भुगतान अब भी बकाया हों । डी. बिक्री तथा खरीद संबंधी लेनदेन दोनों को ही अलग- अलग 'आर' रिटर्न में रिपोर्ट किया गया हो । ई. संबंधित जीआर फार्म प्राधिकृत व्यापारी तभी देंगे जब संपूर्ण निर्यात आय/आमद समायोजित/प्राप्त हो जाए । एफ. निर्यात से प्राप्य राशियों को आयात के लिए देय भुगतान से घटाने की अनुमति एक ही ओवरसीज खरीददार एवं आपूर्तिकर्ता के लिए उसकी सहमति प्राप्त करने के बाद दी जाएगी । जी. एशियन क्लियरिंग यूनियन के सदस्य देशों के साथ हुए निर्यात/आयात लेनदेन इस प्रबंध (व्यवस्था) से बाहर रहेंगे । एच. सभी संबंधित दस्तावेज संबंधित प्राधिकृत व्यापारी बैंक को प्रस्तुत किये जाएंगे जो लेनदेन के संबंध में सभी विनियामक अपेक्षाओं का अनुपालन सुनिश्चित करेगा । 2. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने ग्राहकों/घटकों को अवगत कराने का कष्ट करें। 3. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा),1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं । भवदीया, (डा.सुजाता एलिज़ाबेथ प्रसाद) |