केंद्रीय बजट -2009-10 - वर्ष 2009-10 में अल्पावधि फसल ऋणों के लिए 2 प्रतिशत ब्याज सहायता योजना (इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम) और 1 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन सहायता को जारी रखने का प्रस्ताव - आरबीआई - Reserve Bank of India
केंद्रीय बजट -2009-10 - वर्ष 2009-10 में अल्पावधि फसल ऋणों के लिए 2 प्रतिशत ब्याज सहायता योजना (इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम) और 1 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन सहायता को जारी रखने का प्रस्ताव
आरबीआई.2009-10/186 22 अक्तूबर 2009 अध्यक्ष/ प्रबंध निदेशक महोदय केंद्रीय बजट -2009-10 - वर्ष 2009-10 में अल्पावधि फसल ऋणों के लिए जैसा कि आप जानते हैं, माननीय वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण (पैरा 27) में निम्नानुसार घोषणा की थी: ‘‘मैं किसानों के लिए प्रति किसान 3 लाख रुपए तक अल्पावधि फसल ऋण पर 7 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज सहायता योजना को जारी रखना प्रस्तावित करता हूं।’’ 2. इस घोषणा के अनुसरण में, सरकार किसानों को दिए गए 3 लाख रुपए तक के अल्पावधि ऋण के संबंध में सरकारी क्षेत्र के बैंकों को 2 % प्रति वर्ष ब्याज सहायता प्रदान करेगी। फसल ऋण की राशि पर सहायता की गणना अधिकतम एक वर्ष के लिए उसके वितरण / आहरण की तारीख से उसकी चुकौती की तारीख तक अथवा उस तारीख तक जिसके बाद बकाया ऋण अतिदेय हो जाता हो अर्थात खरीफ के लिए 31 मार्च 2010 तथा रबि के लिए 30 जून 2010, इनमें से जो भी पहले हो, की जाएगी। यह सहायता सरकारी क्षेत्र के बैंकों को इस शर्त पर उपलब्ध होगी कि वे आधार स्तर पर 7 % प्रति वर्ष की दर से अल्पावधि ऋण उपलब्ध कराएं। 3. बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे खरीफ और रबि 2009-10 के लिए किसानों को 3.00 लाख रुपए तक के अल्पावधि उत्पादन ऋण के अपने अनुमान (अलग-अलग) प्रस्तुत करें ताकि हम सरकार को सहायता की संभावित राशि बता सकें। कृपया नोट करें कि ये अनुमान वास्तविक हों। 4. यह भी सूचित किया जाता है कि:
5. साथ ही, माननीय वित्त मंत्री ने वर्ष 2009-10 के अपने बजट भाषण में निम्नलिखित घोषणा की थी: ‘‘मैं सहर्ष यह घोषण करता हूं कि इस वर्ष के लिए सरकार प्रोत्साहन के रूप में उन किसानों को 1 प्रतिशत की अतिरिक्त सहायता प्रदान करेगी जो अल्पावधि फसल ऋण की चुकौती निर्धारितानुसार करते हैं। इस प्रकार, इन किसानों के लिए ब्याज दर घट कर 6 प्रतिशत प्रतिवर्ष हो जाएगी। ’’ 6. इस घोषणा के अनुसरण में, सरकार सरकारी क्षेत्र के बैंकों को उन किसानों के संबंध में 1 % प्रतिवर्ष की अतिरिक्त ब्याज सहायता प्रदान करेगी जो अपना अल्पावधि ऋण उसके वितरण की तारीख से एक वर्ष के अंदर तत्परता से चुकाते हैं। अल्पावधि उत्पादन ऋण पर यह सहायता उन किसानों को उपलब्ध होगी जिन्होंने वर्ष के दौरान अधिकतम 3 लाख रुपए तक का ऋण लिया है। सहायता की राशि की गणना प्रति किसान खाता ऋण वितरण /आहरण की तारीख से लेकर अधिकतम एक वर्ष की अवधि के लिए की जाएगी। सरकारी क्षेत्र के बैंकों को यह सहायता इस शर्त पर उपलब्ध होगी कि तत्परता से चुकौती करने वाले किसानों के लिए 3 लाख रुपए तक के ऋण पर लगाई गई ब्याज दर 6 % प्रति वर्ष हो। यह प्रक्रिया तत्परता से चुकौती करने वाले किसानों और ऋण देने वाली संस्थाओं को प्रोत्साहन देने के लिए अपनाई गई है ताकि लाइन ऑफ क्रेडिट निर्विघ्न चलती रहे और किसानों को वर्ष भर संस्थागत ऋण प्राप्त होता रहे। 7. अत: यह सूचित किया जाता है कि :
8. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों के संबंध में नाबार्ड अलग से परिपत्र जारी करेगा। भवदीय (ए.के. पांडेय) वर्ष 2009-10 के लिए अल्पावधि फसल ऋण पर 2 प्रतिशत ब्याज सहायता के लिए दावा बैंक का नाम : सितंबर 2009/ मार्च 2010को समाप्त अर्ध वर्ष अथवा 30 जून 2010 को समाप्त तिमाहि का विवरण
(राशि लाख रुपए में )
दिनांक : प्राधिकृत वर्ष 2009-10 में वितरित अल्पावधि फसल ऋण की समय पर चुकौती करने के लिए अतिरिक्त एक प्रतिशत प्रोत्साहन सहायता के लिए दावा बैंक का नाम :
(खाते हजारों में और राशि लाख रुपए में )
हम यह प्रमाणित करते हैं कि उक्तऋण जिनके संबंध में दावा प्रस्तुत किया जा रहा है समय पर चुकाए गए हैं तथा अतिरिक्त एक प्रतिशत की प्रोत्साहन सहायता खाता धारक के खाते में जमा कर दी गई है जिसके द्वारा ऐसे किसानों के लिए 3 लाख रुपए तक के अल्पावधि उत्पादन ऋण पर ब्याज दर को घटा कर 6 प्रतिशत प्रति वर्ष पर लाया गया है। दिनांक : प्राधिकृत (इस दावे को सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा प्रमाणित करना आवश्यक है) |