ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.26 (सितंबर 28, 2002) - आरबीआई - Reserve Bank of India
ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.26 (सितंबर 28, 2002)
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.26 सितंबर 28, 2002 सेवा में महोदया / महोदय क) अनिवासी भारतीय / भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा चालू आय का प्रेषण - अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 14 मई 2002 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.45 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार प्राधिकृत व्यापारी, भारत में एनआरओ खाता न रखने वाले अनिवासी भारतीयों की चालू आय, जैसे किराया, लाभांश, पेंशन ब्याज आदि सनदी लेखाकार के इस आशय के प्रमाण पत्र के आधार पर कि प्रस्तावित रकम प्रेषित करने के लिए पात्र है और उस पर लागू करों का भुगतान कर दिया गया है / भुगतान का प्रावधन कर दिया गया है, प्रत्यपवर्तित करने की अनुमति दे सकते है । इस संबंध में संदेह व्यक्त किया गया है कि क्या अनिवासी भारतीय / भारतीय मूल के व्यक्ति जिनके पास कर योग्य आय भारत में नहीं है उन्हें भी निधियों के प्रत्यावर्तन के लिए दिनांक 14 मई 2002 के ए.पी. (डीआईआर सिरीज ) परिपत्र सं. 45 में उल्लिखित प्रमाण पत्र देना होगा । अत: यह स्पष्ट किया जाता है कि अनिवासी भारतीय / भारतीय मूल के व्यक्ति जो एनआरओ खाता धारी नहीं है और जिनकी भारत में कर योग्य आय नहीं है उन्हें चालू आय, जैसे, लाभांश, किराया पेंशन, ब्याज आदि के प्रेषणों के लिए सनदी लेखाकार का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है । ऐसे मामलों में प्राधिकृत व्यापारी अनिवासी भारतीय / भारतीय मूल के व्यक्तियों से साधारण घोषण पत्र की दो प्रतियाँ प्राप्त करें कि वे वह भारत में आय करदाता नहीं है । प्रधिकृत व्यापारी ऐसे घेषणा पत्रों को, यदि कोई हो, आयकर प्राधिकारियों के भावी संदर्भ हेतु अपने पास रखें । चालू आय को अनिवासी खाते में जमा करना 3. प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 15 जुलाई 2002 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.5 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमे स्पष्ट किया गया था कि प्राधिकृत व्यापारी अनिवासी भारतीयों की चालू आय को उनके एनआरईएकाउंट में जमा कर सकते हैं बशर्ते कि वे संतुष्ट हों कि अनिवासी खाता धारक की चालू आय की रकम है और उस पर देय कर की कटौती/कर का प्रावधान किया जा चुका है। एनआरएनआर जमा रकम का परिपक्वता मूल्य 5. प्राधिकृत व्यापारी 4 मार्च 2002 के ए.पी. (डीआईआरसिरीज़) परिपत्र सं.28 का भी अवलोकन करें जिसके अनुसार एनआरएनआर जमा का परिपक्व मूल्य एनआई खाते में जमा किया जाना चाहिए। यह स्पष्ट किया जाता है कि यदि भारत में खाता धारक का एनआरई खाता नही है तो परिपक्वता पर उस रकम को भारत से बाहर प्रत्यावर्तित करने की अनुमति दी जाए। 6. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय वस्तु की जानकारी अपने सभी ग्राहकों को दे दें। 7. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेश मुद्रा प्रबंध ंअधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए है। भवदीय ग्रेस कोशी |