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क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियां स्वीकार करना

आर बी आइ/2007-08/9
ए.पी.(डी आइ आर सिरीज) परिपत्र सं.01

जुलाई 5, 2007

सेवा में,

सभी श्रेणी I प्राधिकृत व्यापारी बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक

महोदया / महोदय

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियां स्वीकार करना

समय - समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 5/2000 आर बी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली के विनियम 5 और उसकी अनुसूची 2 के अनुसार, केवल प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों को विदेशी मुद्रा (अनिवासी) खाता (बैंक) योजना के तहत अनिवासी भारतीयों से जमा स्वीकार करने की अनुमति है । इसके अलावा, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को अनिवासी सामान्य रुपया खाता योजना और अनिवासी (बाह्य) रुपया खाता योजना के तहत अनिवासी भारतीयों / भारतीय मूल के व्यक्ति से जमा राशियां स्वीकार करने की अनुमति दी गई है (देखें अप्रैल 28, 2000 का परिपत्र सं. आर पी सी डी. आर आर बी. सं. बी सी 89/03.05.33 (सी)/99-2000) —

2. वर्ष 2007-08 के केंद्रीय बजट में, यह घोषणा की गई है कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को अनिवासी भारतीयों / भारतीय मूल के व्यक्तियों के विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खाते खोलने और उसे जारी रखने के लिए प्राधिकृत किया जाएगा । तदनुसार, व्यापक पैमाने पर अनिवासी भारतीयों / भारतीय मूल के व्यक्तियों को विदेशी मुद्रा सेवाएं उपलब्ध करने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि प्रयोजन के लिए विधिवत प्राधिकृत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को अनिवासी भारतीयों / भारतीय मूल के व्यक्तियों से विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियां स्वीकार करने की भी अनुमति दी जाए ।

 

3. इस संदर्भ में, अनिवासी (सामान्य) रुपया और अनिवासी (बाह्य) रुपया खाता खोलने और उसे जारी रखने के लिए निर्धारित पात्रता मानदंड़ें की समीक्षा भी की गई है और उपर उल्लिखित परिपत्र में दिए गए अनुदेशों के अधिक्रमण में रिजर्व बैंक ने रुपए में अनिवासी सामान्य / अनिवासी बाह्य खाता खोलने और उसे जारी रखने एवं विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमा राशियां स्वीकार करने के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए संशोधित मानदंड जारी किया है, देखें जून 28, 2007 का परिपत्र सं.आरपीसीडी. सीओ. आरआरबी.सं.बी सी.06/ 03.05.33(सी)/2006-07 ।

4. तदनुसार, विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियां स्वीकार करने के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक निम्नलिखित क्रिया विधि से संचालित होंगे :

  1. अनिवासी सामान्य / अनिवासी बाह्य खातों के लिए प्राधिकार के मामले में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियां स्वीकार करने के प्राधिकार के लिए विदेशी मुद्रा विभाग के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय से संपर्क करें ।
  2. वही अधिसूचना की अनुसूची 2 में यथानिर्धारित शर्तों के अधीन जमाराशियां अमरीकी डालर, पौंड, स्टर्लिंग, यूरो, जापानी येन, आस्ट्रेलियन डालर और कैनेडियन डालर में स्वीकार की जाएं।
  3. हो सकता है कि विदेशी मुद्रा देयता अथवा जोखिम प्रबंधन के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के पास पूर्ण विकसित खजाने न हों, तो ऐसी स्थिति में वे विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियां स्वीकारने के संबंध में लेनदेन हेतु आवश्यक सहायता और विशेषज्ञों के लिए अपने प्रवर्तक बैंकें के साथ उपयुक्त गठजोड़ कर सकते हैं ।
  4. जमाराशियां प्रवर्तक बैंकों के नास्त्राट खाते में जमा द्वारा प्राप्त की जाएंगी ।
  5. जबकि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशि पावती संबंधित जमाकर्ताओं को जारी करेगा, जमाराशि के रूप में प्राप्त विदेशी मुद्रा निधियों को क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक द्वारा उनके प्रवर्तक बैंकों के पास प्लेसमेंट / जमाओं के रूप में समझा जाएगा । प्रवर्तक बैंकों को विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशि निधियों के अभिनियोजन सहित विदेशी मुद्रा निधियों को नियंत्रित भी करना होगा ।
  6.  

  7. विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाओं से सृजित विदेशी मुद्रा स्त्राटतों के उपयोग की इच्छा रखनेवाले क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को अपने रुपया स्त्राटतों का आधार व्यापक बनाने के लिए प्रवर्तक बैंकों के पास अर्जित ब्याज सहित विदेशी मुद्रा निधियों के अदला-बदली की अनुमति दी जाएगी बशर्ते संपूर्ण विनिमय जोखिम और परिपक्वता असंतुलन जोखिम का प्रबंध प्रवर्तक बैंक द्वारा किया जाता है तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अपनी बहियों में किसी भी विदेशी मुद्रा और परिपक्वता असंतुलन जोखिम को नहीं लेता है ।
  8. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा प्रस्तावित किए जानेवाले ब्याज दर से संबंधित परिचालनगत और लेखा के ब्योरे, ऐसी जमाराशियों पर अर्जित ब्याज के लेखा व्यवहार, परिपक्वता प्राप्यों के भुगतान, आदि का निर्धारण क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और प्रवर्तक बैंको के बीच आपसी समझौते से किया जाए ।
  9. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को मई 9, 2007 के ए.पी.(डी आइ आर सिरीज) परिपत्र सं.55 में बताए गए तरीके से सी एस आर फार्मेट में विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) जमाराशियों सहित अनिवासी जमाराशियों संबंधी आंकड़ों की सूचना देनी होगी । फिर भी, योजना के तहत, नामित मुद्राओं की खरीद और बिक्री की सूचना उपयुक्त ’आर’ रिटर्न में प्रवर्तक बैंक द्वारा दी जानी चाहिए, क्यों कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को नास्त्राट खाता खोलने और उसे जारी रखने की अनुमति नहीं है ।

5. विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 (मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 5/2000 - आर बी) में आवश्यक संशोधन अलग से अधिसूचित किए जा रहे हैं —

6. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करा दें।

7. इस परिपत्र में समाहित विदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं, और किसी अन्य कानून के तहत अपेक्षित अनुमति / अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।

भवदीय

(सलीम गंगाधरन)
मुख्य महा प्रबंधक

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