प्राथमिक व्यापारियों के लिए मांग/सूचना मुद्रा बाजार - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्राथमिक व्यापारियों के लिए मांग/सूचना मुद्रा बाजार
प्राथमिक व्यापारियों के लिए मांग/सूचना मुद्रा बाजार
में पहुँच: विवेकपूर्ण मानदंड
संदर्भ : सं. मौनीवि. 220 / 07.01.279/2002-03
जुलाई 31, 2002
श्रावण 9, 1924 (शक
सभी प्राथमिक व्यापारी
महोदय,
प्राथमिक व्यापारियों के लिए मांग/सूचना मुद्रा बाजार में पहुँच: विवेकपूर्ण मानदंड
कृपया दिनांक अप्रैल 29, 2002 के पत्र सं. मौनीवि. बीसी. 214/07.01.279/2001-02 के साथ संलग्न, वर्ष 2002-03 के लिए मौद्रिक और ऋण नीति संबंधी गवर्नर महोदय के वक्तव्य के पैरा 85-88 देखें (पैराग्राफों की प्रति संलग्न ) ।
2. पूर्व में घोषित नीति के अनुसार तथा मांग/सूचना मुद्रा बाजार में प्राथमिक व्यापारियों (पीडी ) के लेनदेनों के लिए सीमाएं निर्धारित करने हेतु मानदंड सुझाने तथा मांग/सूचना मुद्रा बाजार से उन्हें चरणबद्ध रूप में बाहर करने हेतु मार्ग सुझाने के लिए गठित कार्यदल की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि नीचे निर्दिष्ट रूप में मांग/सूचना मुद्रा बाजार में प्राथमिक व्यापरियों के उधार देने/उधार लेने पर विवेकपूर्ण सीमाएं निर्धारित की जाएं ।
- अक्तूबर 5, 2002 से प्राथमिक व्यापारियों को मांग /सूचना मुद्रा बाजार में अपनी निवल स्वाधिकृत निधियों (एनओएफ) के 25 प्रतिशत तक उधार देने की अनुमति होगी ।
- मांग/सूचना मुद्रा बाजार में उधार लेने के लिए प्राथमिक व्यापारियों की पहुँच को क्रमश: दो चरणों में कम किया जाएगा :
- चरण I में, प्राथमिक व्यापारियों को पिछले वित्तीय वर्ष के मार्च की समाप्ति पर यथाविद्यमान उनकी निवल स्वाधिकृत निधियों के 200 प्रतिशत तक उधार लेने की अनुमति होगी। तथापि,यह सीमा उन दिनों के लिए लागू नहीं होगी जब बाजार को दिनांकित सरकारी प्रतिभूतियां जारी की जाती हैं । चरण I, पुनर्खरीद परिचालनों (रिपो) के लिए एकसमान लेखाविधि और प्रलेखन की कार्यविधियों को अंतिम रूप देने, पुनर्खरीद परिचालनों वे नवीकरण की अनुमति देने, त्रिपक्षीय रिपो अथवा भारतीय रिजॅर्व बैंक के संतोष के अनुरूप संर्पाश्विक रूप में उधार लेने और उधार देने का बाध्यता पत्र (सीबीएलओ) प्रारंभ करने एवं बिक्री के लिए उपलब्ध (एएफएस) श्रेणी से पुनर्खरीद परिचालनों की अनुमति देने के उपरांत लागू होगा ।
- चरण II में, प्राथमिक व्यापारियों को उनकी निवल स्वाधिकृत निधियों के 100 प्रतिशत तक उधार लेने की अनुमति होगी । इस सीमा में से उन दिनों की छूट जारी रहेगी जब बाजार को दिनांकित सरकारी प्रतिभूतियां जारी की जाती हैं । चरण II का कार्यान्वयन रिपो की गई प्रतिभूतियों की बिक्री के लिए अनुमति देने के एक महीने के बाद से प्रारंभ होगा ।
- तात्कालिक सकल निपटान (आरटीजीएस) प्रणाली को लागू किये जाने पर उपर्युक्त छूटों की समीक्षा की जाएगी ।
3. ऊपर उल्लिखित चरण I के कार्यान्वयन की तारीख बाद में अधिसूचित की जाएगी ।
4. परिसंपत्ति -देयता प्रबंध (एएलएम ) में किसी बाधा के बिना मांग/सूचना मुद्रा बाजार में उधार देने से संबंधित शर्त का निर्विघ्न समायोजन सुनिश्चित करने के लिए आपको सूचित किया जाता है कि आप मांग / सूचना मुद्रा बाजार में उधारदाता के रूप में विवेकपूर्ण सीमा से अधिक विद्यमान अपनी स्थिति को अक्तूबर 4, 2002 तक कम करें ।
5. यदि आपकी चलनिधि की स्थिति में एक अस्थायी अवधि के लिए कुछ असंतुलन हैं तो अनुरोध करने पर भारतीय रिजॅर्व बैंक मांग/सूचना मुद्रा बाजार में आपको और अधिक पहुँच प्रदान करने के लिए अनुमति देने पर विचार कर सकता है ।
6. आपको सूचित किया जाता है कि आप पिछले वित्तीय वर्ष के माह मार्च की समाप्ति पर यथाविद्यमान अपनी निवल स्वाधिकृत निधियों की नवीनतम लेखा-परीक्षित स्थिति प्रभारी परामर्शदाता, मौद्रिक नीति विभाग (एमपीडी), भारतीय रिजॅर्व बैंक, फोर्ट, मुंबई - 400001 को अधिक से अधिक अगस्त 31, 2002 तक सूचित करें ।
7. दैनिक आधार पर मांग/सूचना मुद्रा बाजार में आपके परिचालनों की निगरानी सुगमतापूर्वक हो सके, इसके लिए आपसे अनुरोध है कि आप वर्तमान प्रथा के अनुसार प्रभारी परामर्शदाता, मौद्रिक नीति विभाग, भारतीय रिजॅर्व बैंक को अपनी दैनिक विवरणी समय पर प्रस्तुत करें ।
8. मुद्रा बाजार की गतिविधियों की समीक्षा करने के लिए नवंबर 2002 के दूसरे पखवाड़े में चयनित प्राथमिक व्यापारियों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक आयोजित करने का भी प्रस्ताव है ।
कृपया पावती भेजें ।
भवदीय,
(डी.आंजनेयुलु )
प्रभारी परामर्शदाता