अपनी ऋण रिपोर्ट प्राप्त करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
अपनी ऋण रिपोर्ट प्राप्त करना
आरबीआय/2008-09/507 24 जून 2009 i) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और स्थानीय क्षेत्र बैंकों को छोड़कर) तथा महोदय अपनी ऋण रिपोर्ट प्राप्त करना कृपया 27 फरवरी 2008 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. डीएल. 11590/20.16.034/2007-08 देखें जिसके द्वारा ऋण सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 के परिप्रेक्ष्य में बैंकों/वित्तीय संस्थाओं को सूचित किया गया था कि वे डेटाबेस बनाने के लिए आरंभिक कदम तुरंत उठायें तथा ऋण सूचना के तत्काल प्रभावी आदान-प्रदान के लिए तैयार रहें । 2. हाल में रिज़र्व बैंक को सूचना अधिकार अधिनियम, 2005 के अंतर्गत प्राप्त शिकायतों सहित अनेक ऐसी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं कि ग्राहकों को बैंकों से अपनी ऋण रिपोर्टें नहीं मिल पा रही हैं । 3. इस संबंध में हम आपका ध्यान ऋण सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 21 की उप-धारा (1) की ओर आकृष्ट करते हैं, जिसमें यह व्यवस्था है कि "कोई व्यक्ति यदि किसी ऋण संस्था से ऋण सुविधा की मंजूरी के लिए आवेदन करता है, तो वह ऐसी संस्था से उस ऋण सूचना की एक प्रति देने के लिए अनुरोध कर सकता है, जो उस संस्था ने ऋण सूचना कंपनी से प्राप्त की हो । साथ ही, उक्त धारा की उप-धारा (2) में यह भी विनिर्दिष्ट किया गया है कि उप-धारा (1) में उल्लिखित अनुरोध प्राप्त होने पर विनियमावली के अंतर्गत बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट प्रभारों की अदायगी करने पर प्रत्येक ऋण संस्था उस व्यक्ति को ऋण सूचना की एक प्रति उपलब्ध करायेगी । 4. आपको ज्ञात होगा कि रिज़र्व बैंक ने उक्त अधिनियम के अधीन बनायी गयी ऋण सूचना कंपनी विनियमावली, 2006 के विनियम 12(3) के अंतर्गत पहले ही इस प्रयोजन के लिए 50/- रुपये (पचास रुपये मात्र) का अधिकतम शुल्क निर्धारित किया है । 5. अत:, बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को सूचित किया जाता है कि वे ऋण सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 के प्रावधानों तथा उसके अधीन बने नियमों और विनियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें । |