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आनलाइन कर-लेखांकन प्रणाली (ओएलटीएएस) हेतु लेखांकन प्रक्रिया

आरबीआई/2004/145
सबैंलेवि.जीएडी.सं.एच-1068/42.01.034/2003-04

16 अप्रैल, 2004

अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक/
प्रबंध निदेशक
भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहयोगी बैंक
सभी राष्‍ट्रीयकृत बैंक
एचडीएफसी बैंक लिमि./ आयसीआयसीआय बैंक लिमि.
आइडीबीआई बैंक लिमि./यूटीआई बैंक लिमि.
(संलग्‍न सूची के अनुसार)

प्रिय महोदय,

आनलाइन कर-लेखांकन प्रणाली (ओएलटीएएस) हेतु लेखांकन प्रक्रिया

कृपया 31 मार्च 2004 का हमारा परिपत्र सं.भारिबैं/2004/129 (सबैंलेवि.जीएडी.सं.989/42.01.034/2003-04) देखें जिसके माध्‍यम से आपको यह सूचित किया गया है कि प्रत्‍यक्ष कर की वसूली के लिए प्राधिकृत अपनी सभी शाखाओं को 01 अप्रैल 2004 से वर्तमान लेखांकन/चालान प्रक्रिया के अंतर्गत ओएलटीएएस की प्रायोगिक क्रियान्‍वयन उपलब्‍ध कराएं ताकि एनएसडीएल द्वारा प्रायोजित आयकर विभाग के टिन (कर सूचना नेटवर्क) पर चालान डाटा को संचालित किया जा सके।

2. अब भारतीय रिज़र्व बैंक के परामर्श से भारत सरकार द्वारा यह निर्णय किया गया है कि ओएलटीएएस को प्रारंभ किया जाए तथा अखिल भारतीय स्तर पर 01.6.2004 से नई लेखांकन प्रक्रिया लागू की जाए | तदनुसार, हम इसके साथ भारत सरकार द्वारा विधिवत् अनुमोदित ‘आनलाइन कर लेखांकन प्रणाली से संबंधित लेखांकन प्रक्रिया (ओएलटीएएस)' की प्रति प्रेषित कर रहे हैं। आप इसमें देख सकते हैं कि प्रक्रिया में किए गए परिवर्तन मुख्यतया एकल चालान की प्रति प्रारंभ करना है जिसमें कर-दाता को फाड़कर देने के लिए उसका प्रति-पन्‍ना जुड़ा हुआ है, एकल चालान की प्रति तथा कर-दाता के प्रति-पन्‍ना पर प्राप्ति-सूचना एवं विशिष्ट क्रम संख्या की मुहर लगी होगी।

3. आयकर विभाग ने नई लेखांकन प्रणाली के फाइल-स्ट्रक्चर को पहले ही सभी एजेंसी बैंकों को प्रेषित कर दिया है और इस प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से बताने के लिए बैंकों के साथ बैठकों की व्यवस्था भी की है। आपके बैंक ने यह पुष्टि की है कि वांछित साफ्टवेयर विकसित कर लिया गया है तथा उस पर काम करने वाले स्टाफ को प्रशिक्षण प्रदान कर दिया गया है।

4. नई प्रक्रिया के अंतर्गत समाशोधन चेक/ड्राफ्ट (अर्थात् नकद से इतर तथा अंतरण चेक/ड्राफ्ट) सहित प्रस्तुत चालान के संबंध में प्राप्ति सूचना केवल तभी दी जाएगी जब उन चेकों /ड्राफ्टों कि वसूली हो गई हो। अतः, आप इस प्रकार के चालान के बारे में कागज़ी टोकन निर्गत करना जारी रखें जिस पर प्रस्तुत करने की तारीख तथा सुपुर्दगी के लिए प्रति-पन्‍ना किस तारीख को तैयार रखा जाएगा, इंगित होगा।

5. आयकर विभाग ने वर्तमान के चार/तीन प्रति वाले चालान के स्थान पर एकल चालान लागू किया है जिसमें कर-दाता को फाड़कर देने के लिए प्रति-पन्‍ना लगा होता है। प्राप्तकर्ता बैंकर को समाशोधन चेक/ड्राफ्ट के आगम की प्राप्ति के बाद प्रति-पन्‍ने पर भुगतान प्राप्ति की रबड़ की मुहर लगाते हुए जिस पर चालान की पहचान संख्या तथा चालान प्रस्तुत करने की तारीख दी गई होती है, को फाड़कर कर-निर्धारिती को देनी होती है जैसाकि 1 अप्रैल 2004 के हमारे पत्र सबैंलेवि. जीएडी.सं.1008/42.01.034/2003-04 द्वारा सूचित किया गया है।

6. चालान का फाड़ा गया हिस्सा नकदी अथवा उसी प्राप्तकर्ता शाखा पर आहरित चेक/ड्राफ्ट के साथ उसी दिन आवश्यक प्राप्ति सूचना सहित करदाता को वापस किया जाना चाहिए जैसाकि नई लेखांकन प्रक्रिया के पैरा 1.3.3 में तथा जैसाकि उपर्युक्‍त पैरा 5 में संदर्भित हमारे परिपत्र में दिए गए नमूने में निर्धारित किया गया है।

7. गैर-कंप्यूटरीकृत/ गैर-नेटवर्क वाली प्राधिकृत शाखाएं यह सुनिश्चित करें कि इन शाखाओं से संबंधित डाटा उनकी नज़दीकी कंप्यूटरीकृत/नेटवर्क वाली शाखा से नोडल शाखा को तथा नोडल शाखा से लिंक-कक्ष को अंतरित किए जाएं ताकि पूरे भारत में आपके बैंक की सभी प्राधिकृत शाखाओं के डाटा इलेक्ट्रानिक माध्यम से एनएसडीएल द्वारा होस्ट किए गए टीआईएन को आसानी से संचारित किए जा सकें। तदनुसार आप अपनी सभी प्राधिकृत शाखाओं को सूचित करें तथा सुनिश्चित करें कि वे 1 जून 2004 से ओएलटीएएस पर जाने के लिए पूरी तरह तैयार रहें।

8. नई लेखांकन प्रक्रिया आयकर विभाग को भेजे जाने वाले स्क्राल तथा चालान के संबंध में वर्तमान प्रक्रिया को बदल देगी। यह नोट किया जाए कि इस समय ओएलटीएएस हेतु आपको प्रेषित की जा रही नई लेखांकन प्रक्रिया में दिए गए परिवर्तनों को छोड़कर हमारी गुलाबी पुस्तिका "प्रत्यक्ष कर हेतु लेखांकन प्रणाली" (30 जून, 1999 तक अद्यतित) में दिए गए अनुदेश यथावत लागू रहेंगे। यदि इस संबंध में आपको कोई जानकारी चाहिए तो आप हमसे नि:संकोच संपर्क कर सकते हैं।

9. आपसे अनुरोध है कि आप अपने उक्त कार्य के लिए निर्धारित शाखाओं को संलग्न 'आनलाइन कर लेखांकन प्रणाली (ओएलटीएएस) से संबंधित लेखांकन प्रक्रिया’ में दी गई नई प्रक्रिया को प्रारंभ करने के लिए आवश्यक अनुदेश जारी करें और इस कार्य से जुड़े अधिकारियों/ स्टाफ को नई लेखांकन प्रणाली को सावधानीपूर्वक पढ़ने तथा 1 जून 2004 से उसके सहज क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए सूचित करें।

10. इस बीच, इस पत्र की प्राप्ति सूचना भिजवाएं।

भवदीय,

ह/-

(प्रबल सेन)
मुख्‍य महाप्रबंधक

संलग्‍न: यथोक्‍त

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