क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा अपनी शाखाओं/कार्यालयों के लिए पट्टे/ किराए पर स्थान/जगह का अभिग्रहण -दिशानिर्देशों का उदारीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा अपनी शाखाओं/कार्यालयों के लिए पट्टे/ किराए पर स्थान/जगह का अभिग्रहण -दिशानिर्देशों का उदारीकरण
भारिबैं/2008-09/162
ग्राआऋवि.केका.आरआरबी.बीसी.सं. 25/03.05.33/2008-09
12 सितम्बर 2008
सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
महोदय,
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा अपनी शाखाओं/कार्यालयों के लिए पट्टे/
किराए पर स्थान/जगह का अभिग्रहण -दिशानिर्देशों का उदारीकरण
यह निर्णय लिया गया है कि उपर्युक्त विषय पर अनुसूचित वाणिज्य बैंकें को बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग के दिनांक 11 नवम्बर 1998 और 4 अगस्त 2000 के परिपत्रों क्रमश: बैंपविवि.सं.बीएल.बीसी.105/22.01.03/98 और बैंपविवि.सं.बीएल.बीसी.13/22.01.03/ 2000-01(प्रतिलिपि संलग्न ) द्वारा जारी दिशा-निर्देश क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों पर भी लागू किए जाएं । अत: क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक दिनांक 11 नवम्बर 1998 और 4 अगस्त 2000 के उपर्युक्त परिपत्रों में निहित अनुदेशों से मार्गदर्शन ले सकते हैं ।
2. उक्त परिपत्र के पैराग्राफ 4 में निहित अनुदेश जो कुल उच्चतम सीमाओं से अधिक किराए के संबंध में बातचीत से तय संविदाओं को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सी बी आइ ) को रिपोर्ट करने से संबंधित हैं, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक इस बारे में भारत सरकार के मौजूदा अनुदेशों का पालन करना तब तक जारी रखें जब तक कि इन अनुदेशों को भारत सरकार से नए दिशानिर्देशों द्वारा प्रतिस्थापित नहीं कर दिया जाता ।
3. जैसा कि बैंक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक जानते होंगे, बैंक शाखाएं/कार्यालय खोलने के लिए जारी प्राधिकरण स्थान- विशिष्ट होते हैं क्योंकि किसी विशिष्ट केंद्र पर बैंक की शाखा/कार्यालय खोलने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकार/अनुमति जारी किए जाने के बाद बैंको के लिए यह आवश्यक हे कि वे शाखा/कार्यालय खोलने से दो सप्ताहों से अनधिक अवधि के भीतर शाखा/कार्यालय के सही पते सहित अन्य ब्योरे भारतीय रिज़र्व बैंक को रिपोर्ट करें। इन परिस्थितियों में बैंकों के लिए यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि उनकी सभी शाखाएं/कार्यालय ऐसे परिसरों में कार्य कर रहे हैं जिनके संबंध में बैंक तथा संबंधित मालिकों के बीच विवाद रहित विद्यमान तथा वैध पट्टा करार मौजूद है । ऐसे विवादों से समय पर पट्टा करारों के नवीकरण में परेशानी पैदा हो सकती है ओर अनधिकृत कब्जे, किराए की राशि आदि के रुप में समस्याएं उठ सकती हैं । अत: हम सूचित करते हैं कि बैंकों के प्रधान कार्यालय इस संबंध में तत्काल समीक्षा करें और सुनिश्चित करें कि उनकी सभी शाखाएं/कार्यालय ऐसे परिसर पर कार्य करे रहे हैं जिनके संबंध में वेध पट्टा करार विद्यमान है ।
4.क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को यह भी सूचित किया जाता है कि वे तत्काल तथा किसी भी हालत में 30 सितम्बर 2008 से पूर्व संलग्न फॉर्मेट में अपनी उन सभी शाखाओं/कार्यालयों की सूची, भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय निदेशक (अर्थात् भारतीय रिज़र्व बैंक के उस क्षेत्रीय कार्यालय के क्षेत्रीय निदेशक जिनके क्षेत्राधिकार में वह शाखा/कार्यालय कार्य कर रहा है जिसके संबंध में विवाद लंबित है ) को रिपोर्ट करें जो कि ऐसे परिसर में कार्य कर रहे जिसके संबंध में मालिक के साथ कोई विवाद लंबित है, ताकि भारतीय रिज़र्व बैंक ’विवादात्मक’ परिसर में कार्यरत शाखा/कार्यालय के लिए प्राधिकार जारी रखने की उचितता अथवा न रखने के संबंध में निर्णय ले सकें ।साथ ही, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के क्षेत्रीय निदेशक को उसी फार्मेट में तिमाही प्रगति रिपोर्ट (मार्च, जून, सितम्बर तथा दिसम्बर के अंत में ) प्रस्तुत करना अपेक्षित है ।यह रिपोर्ट संबंधित तिमाही समाप्त होने के एक महीने के भीतर प्रेषित की जानी है । इस तरह की पहली तिमाही रिपोर्ट 31 दिसम्बर 2008 को समाप्त होने वाली तिमाही के लिए होगी तथा उसे संबंधित क्षेत्रीय निदेशकों को 31 जनवरी 2009 तक प्रस्तुत किया जाना होगा ।इस संबंध में यह नोट किया जाए कि महाराष्ट्र में स्थित शाखाओं/कार्यालयों के मामले में यह जानकारी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा मुख्य महाप्रबंधक, ग्रामीण आयोजना और ऋण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय, गारमेंट हाउस, वर्ली, मुंबई 400 018 को प्रस्तुत की जाएगी ।
5.कृपया हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्राप्ति सूचना दें ।
भवदीय
(जी.श्रीनिवासन )
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
अनुबंध
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक का नाम :
उन शाखाओं/कार्यालयों के ब्योरे जहां पट्टे/किराए के आधार पर परिसर के अभिग्रहण से संबंधित विवाद है
क्र. सं. |
शाखा/ |
शाखा/ |
जिला/ राज्य |
मालिक/मालकिन |
संक्षेप में विवाद का स्वरुप |
क्या मामला न्यायालय में |
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