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ओवरसीज बैंकों द्वारा भारत में क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड लेनदेनों के अधिग्रहण-एयरलाइन टिकटों के लिए भुगतान

भारिबैंक/2010-11/460
ए.पी.(डीआईआरसिरीज)परि.सं./48

5 अप्रैल  2011

सभी श्रेणी I प्राधिकृत व्यापारी बैंक

ओवरसीज बैंकों द्वारा भारत में क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड
लेनदेनों के अधिग्रहण-एयरलाइन टिकटों के लिए भुगतान

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 10/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति के विदेशी मुद्रा खाते) विनियमावली, 2000 के साथ पठित 16 मई 2000 के परिपत्र ए.पी.(एम.ए. सिरीज) परिपत्र सं. 11 के अनुबंध I के पैरा 7(v) की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार भारत से बाहर निगमित/गठित एयरलाइन कंपनियों को भारत में उनके एजेंटों के मार्फत बेचे गए टिकटों से प्राप्त राशि में से भारत में किए गए स्थानीय व्यय और लागू कर के भुगतान के बाद शेष रही राशि प्रत्याविर्तित करने की अनुमति है।

2.  हमारे ध्यान में यह बात आयी है कि कतिपय मामलों में जहाँ निवासियों द्वारा टिकटों के भुगतान क्रेडिट/ डेबिट कार्ड के द्वारा किए गए थे, वहाँ कार्ड कंपनियाँ भारत में कार्य करने वाली विदेशी एयरलाइनों को भारत में भारतीय रुपए में बिके एयर टिकटों से उत्पन्न लेनदेनों के बाबत देशों तथा मुद्राओं के चयन की सुविधा दे रही थीं। ऐसे लेनदेन के मामलों में ओवरसीज बैंक वसूलीकर्ता बैंक के रूप में कार्ड जारीकर्ता कंपनी से निधियों को भारत में विदेशी मुद्रा के प्राधिकृत व्यापारी के पास रखे अपने (वोस्ट्रो) खाते या विदेश में रखे विदेशी मुद्रा खाते में प्राप्त करती है और विदेशी एयरलाइन को विदेशी मुद्रा में विदेश(ओवरसीज) में भुगतान करती है।

3. यह स्पष्ट किया जाता है कि विदेशी एयरलाइनों द्वारा अपनायी गयी उक्त पद्धति विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 के उपबंधों के अनुरूप नहीं है। इसलिए प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक विदेशी एयरलाइनों को सूचित करें कि वे भारत में बेचे जाने वाले एयर टिकटों के कारण भारतीय रुपए में हुए लेनदेनों के लिए ओवरसीज बैंकों का प्रयोग करने की उक्त पद्धति तत्काल प्रभाव से समाप्त करें।

4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों/ग्राहकों(विदेशी एयरलाइनों) के ध्यान में लाएं।

5. इस परिपत्र में अंतर्विष्ट निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि/कानून के अंतर्गत वांछित किसी अनुमति/अनुमोदन पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गए हैं।

भवदीय,

(डा. सुजाता एलिजाबेथ प्रसाद)
मुख्य महाप्रबंधक

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