भारत के बाहर अचल संपत्ति का अभिग्रहण -विदेश में शाखा / व्यापार कार्यालय - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत के बाहर अचल संपत्ति का अभिग्रहण -विदेश में शाखा / व्यापार कार्यालय
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिक्रम क्र.71 जनवरी 13, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, भारत के बाहर अचल संपत्ति का अभिग्रहण -विदेश में शाखा / व्यापार कार्यालय मई 3, 2003 को अधिसूचना सं. फेमा 7/2000-आरबी के विनियम 3 के अनुसार रिज़र्व बैंक की सामान्य या विशेष अनुमति के बिना भारत में निवासी कोई भी व्यक्ति भारत के बाहर कोई भी अचल में संपत्ति अभिगृहीत या अंतरित नहीं कर सकता है। 2. अब जिन भारतीय कंपनियों ने समुद्रपारीय कार्यालय स्थापित किए हैं उन्हे रिज़र्व बैंक की पूर्व अनूमति से अपने कारोबार तथा कर्मचारियों के निवास प्रयोजन के लिए भारत के बाहर अचकल संपत्ति अभिगृहीत करने की अनुमति देने का निर्णय किया गया है। परिशिष्ट में दिए गए फार्म में आवेदन मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, केद्रीय कार्यालय,विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग,विदेशी निवेश प्रभा, व्यापार प्रभाग (निर्यात) अमर भवन, मुंबई को प्राधिकृत व्यापारी के माध्यम से प्रस्तुत किया जाए। 3. इस मामले से संबंधित अधिक जानकारी के लिए tradedivisionexport@rbi.org.in पर ई-मेल किया जाए। 4. उक्त छूट, समीक्षा के अधीन, जून 30, 2003 तक की अवधि तक प्रभावी रहेंगी। 5. विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली 2000 मे आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं। 6. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत कर दें। 7. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं। भवदीय, (जी पद्मनाभन) |