भारत में आयात के लिए व्यापार ऋण - गारंटी जारी करने के लिए शक्ति प्रदान करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में आयात के लिए व्यापार ऋण - गारंटी जारी करने के लिए शक्ति प्रदान करना
आरबीआइ/2004-05/263
ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.24
नवंबर 1, 2004
सेवा में
विदेशी मुद्रा का कारोबार करनेवाले सभी प्राधिवफ्त व्यापारी बैंक
महोदया/महोदय,
भारत में आयात के लिए व्यापार ऋण - गारंटी जारी करने के लिए शक्ति प्रदान करना
प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान अप्रैल 17, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीजॅ) परिपत्र सं.87 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसमें प्राधिवफ्त व्यापारियों को एक्ज़िम नीति के अंतर्गत अनुमत सभी वस्तुओं के आयात के लिए प्रति आयात लेनदेन 20 मिलियन अमरीकी डॉलर तक के भारत में आयात के लिए व्यापार ऋण हेतु अनुमोदन प्रदान करने की अनुमति दी गई है। यद्यपि ऐसे व्यापार ऋणों के लिए प्राधिवफ्त व्यापारियों द्वारा उनके आयातक ग्राहकों की ओर से विदेशी आपूर्तिकर्ता बैंक अथवा वित्तीय संस्थाओं के पक्ष में गारंटी/ वचन पत्र/ लेटर ऑप कंपर्ट के निर्गम के लिए रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन की आवश्यक होती है।
2. निवेश कार्यकलापों को बढ़ाने और आयात हेतु व्यापार ऋण संबंधी प्रक्रियाओं को अधिक उदार बनाने के लिए, गारंटी के निर्गम संबंधी नीति की समीक्षा की गई है। तदनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि समय-समय पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विवेकपूर्ण मार्गदर्शी सिद्धांतों के अधीन विदेशी व्यापारी नीति के अंतर्गत अनुमत सभी गैर-पूंजीगत मालों के आयात हेतु (स्वर्ण से इतर) एक वर्ष तक की अवधि और पूंजीगत माल के आयात हेतु तीन वर्ष तक की अवधि के लिए प्रति लेनदेन 20 मिलियन अमरीकी डॉलर तक के लिए विदेशी आपूर्तिकर्ताओं, बैंक और वित्तीय संस्थाओं के पक्ष में गारंटी/वचन पत्र/लेटर ऑप कंपर्ट जारी करने हेतु प्राधिवफ्त व्यापारियों को सामान्य अनुमति दी जाए। ऐसी गारंटियों/ वचनपत्रों/ लेटर ऑप कंपर्टस् की अवधि ऋण अवधि के साथ-साथ समाप्त होनी है, जिसकी गणना पोतलदान की तारीख से की गई है।
3. रिपोर्टिंग व्यवस्था के संबंध में, प्राधिवफ्त बैंक अपने सभी शाखाओं द्वारा जारी गारंटी/ वचनपत्र/ लेटर ऑप कंपर्ट के आंकड़े एक समेकित विवरण में, तिमाही अंतराल पर (पार्मेट संलग्नक में दिया गया है) मुख्य महाप्रबंधक, विदेशी मुद्रा विभाग, बाह्य वाणिज्यिक उधार प्रभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय भवन, 10वीं मंजिल, पोर्ट, मुंबई-400 001 (और ईमेल द्वारा एमएस एक्सेल पाईल में (fedcoecbd@rbi.org.in) को दिसंबर 2004 से इस प्रकार भेजें कि वे अनुवर्ती माह के 10 तारीख तक विभाग में पहुंच जाएं।
4. व्यापार ऋण नीति में ये संशोधन समय-समय पर समीक्षा के अधीन तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।
5. दिनांक मई 3, 2000 के विदेशी मुद्रा प्रबंध (गारंटी) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं।
6. प्राधिवफ्त व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें और उन्हें सूचित करें कि ऋण की सुविधा के बारे में पूर्ण जानकारी एक्ज़िम बैंक कार्यालय अथवा उनकी वेब साइट से प्राप्त करें।
7. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।
भावदीय
(एप.आर. जोसेप)
मुख्य मब प्रबंधक
नवंबर 1, 2004 का ए.पी.डीआइआर सिरीज़ परिपत्र सं.24 का संलग्नक
प्राधिवफ्त व्यापारी द्वारा जारी गारंटी/ वचनपत्र / लेटर ऑप कंपर्ट
. . . . . . . . को समाप्त तिमाही की स्थिति
प्राधिवफ्त व्यापारी का नाम : बिचौलिया :
पता : टेलीपोन :
ईमेल : पैक्स :
(मिलियन अमरीकी डॉलर)
निवासी की ओर से |
गारंटी / वचनपत्र / लेटर ऑप कंपर्ट |
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जारी किया गया |
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क्रेता ऋण |
आपूर्तिकर्ता ऋण |
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व्यापार ऋण (3 वर्ष से कम) (क) एक वर्ष तक (ख) एक वर्ष से अधिक और 3 वर्ष से कम ** ** (पूंजीगत माल के आयात तक सीमित) |
स्थान : . . . . . . . . . . . .
दिनांक: . . . . . . . . . . . . (मुहर) प्राधिवफ्त हस्ताक्षरी के हस्ताक्षर