कच्चे हीरें के आयात के लिए अग्रिम प्रेषण - आरबीआई - Reserve Bank of India
कच्चे हीरें के आयात के लिए अग्रिम प्रेषण
आरबीआइ/2006-07/278
ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.34
मार्च 02, 2007
सेवा में
सभी प्राधिकृत व्यापारी बैंक श्रेणी I
महोदया/महोदय,
कच्चे हीरें के आयात के लिए अग्रिम प्रेषण
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान जून 19, 2003 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.106 के संलग्नक के पैरा अ.6 और सितंबर 17, 2003 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.15 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों को भारत में विशिष्ट माल के आयात के लिए विनिर्दिष्ट शर्तों के अधीन बगैर बैंक गारंटी/ स्टैंडबाइ लेटर ऑफ क्रेडिट के 1,000,000/- (एक मिलियन अमरीकी डॉलर) तक अथवा इसके समकक्ष अग्रिम प्रेषण करने की अनुमति दी गई है।
2. रत्न और जवाहरात क्षेत्र के संबंध में वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने सिफारिश की है कि कच्चे हीरे के आयात के लिए अग्रिम भुगतान के संबंध में और उदार दृष्टिकोण अपनाया जाए। सिफारिशों के आधार पर रत्न और जवाहरात निर्यात संवर्धन परिषद ने डायमंड ट्रेडिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, यूके के अलावा कच्चे हीरे की पांच खनन कंपनियों अर्थात्, (i) रइयो टिन्टो, यूके; (ii) बीएचपी बिल्लिटन, ऑस्ट्रेलिया ; (iii) एन्डियमा, ई.पी. अंगोला; (iv) एल्रोसा, रशिया; और (v) गोखरन, रशिया, से कच्चे हीरे आयात करने के लिए रिज़र्व बैंक से संपर्क किया है जिनके लिए बगैर बैंक गारंटी के अग्रिम भुगतान किया जा सकता है।
3. प्रक्रिया को और अधिक उदार और कच्चे हीरों के निर्यात को और सुविधाजनक बनाने हेतु प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों को अब से निम्नलिखित खनन कंपनियों से भारत में कच्चे हीरे के आयात के लिए बगैर किसी सीमा और किसी आयातक (किसी सरकारी क्षेत्र की कंपनी अथवा भारत सरकार/ राज्य सरकारों के किसी विभाग/ उपक्रम से इतर) द्वारा बगैर बैंक गारंटी अथवा स्टैंडबाइ लेटर ऑफ क्रेडिट के अग्रिम प्रेषण की अनुमति दी गई है, अर्थात्
i. डायमंड ट्रेडिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, यूके
ii. रइयो टिन्टो, यूके,
iii. बीएचपी बिल्लिटन, ऑस्ट्रेलिया,
iv. एन्डियमा, ई.पी. अंगोला,
v. एल्रोसा, रशिया, और
vi. गोखरन, रशिया
4. अग्रिम प्रेषण की अनुमति देते समय प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक निम्नलिखित को सुनिश्चित करें :
i. आयातक इस संबंध में रत्न और जवाहरात निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा अनुमोदित की जानेवाली सूची के अनुसार कच्चे हीरे का मान्यताप्राप्त संसाधक (प्रोसेसर) हो तथा निर्यात वसूली का उसका पिछला कार्यनिष्पादन रेकार्ड अच्छा हो;
ii. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक अपने वाणिज्यिक निर्णय के आधार पर लेनदेन की सच्चाई से आश्वस्त होने के बाद ही लेनदेन करता है;
iii. अग्रिम भुगतान बिक्री करार के अनुसार ही किए जाने चाहिए तथा संबंधित कंपनी के खाते में ही, जो अंतिम हिताधिकारी है किए जाने चाहिए न कि सांख्यांकित लेखे या अन्यथा के माध्यम से। इसके अलावा यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सावधानी बरती जानी चाहिए कि विपरीत प्रकार के (कान्फ्लिक्ट) हीरों के निर्यात के लिए प्रेषण नहीं किया जाता है।
iv. भारतीय आयातक कंपनी और समुद्रपारीय कंपनियों के लिए प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक अपने ग्राहकों को जानिए और यथोचित तत्परता का इस्तेमाल करता है; तथा
v. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस संबंध में जारी अधिनियम/ नियमों/ विनियमों/ निदेशों के अनुसार आयातक द्वारा देश में कच्चे हीरों के आयात के प्रमाण में बिल ऑफ एन्ट्री/ दस्तावेज प्रस्तुत करता है।
5. सार्वजनिक क्षेत्र अथवा भारत सरकार /राज्य सरकार के विभाग/ उपक्रम/ में आयातक कंपनी के मामले में, जहां राशि 100,000/- अमरीकी डॉलर (एक सौ हज़ार अमरीकी डॉलर मात्र) से अधिक या उसके समकक्ष है, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक कतिपय शर्तों और वित्त मंत्रालय, भारत सरकार से बैंक गारंटी के विशिष्ट छूट के अधीन अग्रिम प्रेषण की अनुमति दे सकता है।
6. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों को बगैर बैंक गारंटी अथवा स्टैंडबाइ लेटर ऑफ क्रेडिट के किए गए सभी अग्रिम प्रेषणों की रिपोर्ट जहां अग्रिम भुगतान की राशि 5,000,000/- अमरीकी डॉलर (पांच मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) के समकक्ष या उससे अधिक है, मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा विभाग, व्यापार प्रभाग, केद्रीय कार्यालय, अमर भवन, सर पी.एम.रोड, फोर्ट, मुंबई 400001 को अर्धवार्षिक आधार पर प्रत्येक वर्ष सितंबर और मार्च के अंत में संलग्न फार्मेट में जमा करनी है। रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तारीख प्रत्येक अर्धवर्ष की समाप्ति के बाद 15 कैलण्डर दिवस होंगे।
2. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें।
3. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।
भवदीय
(सलीम गंगाधरन)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.34 दिनांक मार्च 02, 2007
. . . . . . . को समाप्त अवधि के लिए कच्चे हीरों के आयात के लिए बैंक गारंटी
अथवा स्टैंडबाइ लेटर ऑफ क्रेडिट के बिना अग्रिम प्रेषण, जहां अग्रिम की राशि
5 मिलियन अमरीकी डॉलर के समकक्ष अथवा उससे अधिक हो, का विवरण
क्रम सं. |
कंपनी का नाम |
आयातक कंपनी का नाम और आइईसी सं. |
बैंक गारंटी/स्टैंडबाइ लेटर ऑफ क्रेडिट के बिना अग्रिम भुगतान की राशि |
क्या आयात के साक्ष्य में दस्तावेज प्रस्तुत किए गए हैं |
1. |
डायमंड ट्रेडिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, यूके |
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2. |
रइयो टिन्टो, यूके |
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3. |
बीएचपी बिल्लिटन, ऑस्ट्रेलिया |
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4. |
एन्डियमा, ई.पी. अंगोला |
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5. |
एल्रोसा, रशिया |
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6. |
गोखरन, रशिया |
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प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक का नाम :
प्राधिकृत व्यापारी कूट (12 अंकों का):
बैंक के प्राधिकृत अधिकारी का हस्ताक्षर :
दिनांक
मुहर: