चीनी उद्योगों के लिए अग्रिम - सुरक्षित भंडार रखना - आरबीआई - Reserve Bank of India
चीनी उद्योगों के लिए अग्रिम - सुरक्षित भंडार रखना
आरबीआइ/2007-2008/91
बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 20/08.07.06/2007-08
11 जुलाई 2007
20 आषाढ़ 1929 (शक)
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
महोदय
चीनी उद्योगों के लिए अग्रिम - सुरक्षित भंडार रखना
कृपया उपर्युक्त विषय पर भारत सरकार, उपभोक्ता मामले, खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, के खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा जारी 20 अप्रैल 2007 की अधिसूचना देखें।
2. अधिसूचना से स्पष्ट है कि 1 मई 2007 से एक वर्ष के लिए चीनी का 20 लाख टन का सुरक्षित भंडार निर्माण करने का भारत सरकार ने निर्णय लिया है। इस व्यवस्था के अंतर्गत सरकार चीनी विकास निधि से 378 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता (सब्सिडी) जारी करेगी तथा बैंकों को विद्यमान चीनी भंडार से सुरक्षित भंडार के निर्माण के बाद मार्जिन जारी करने के लिए 420 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त ऋण सीमा स्वीकृत करनी होगी। इस संबंध में 1 जुलाई 2006 का बैंपविवि. का परिपत्र सं. डीआइआर. बीसी. 8/13.03.00/2006-07 के पैरा 2.4.4 में निहित अनुदेशों को कृपया देखें जिसमें चीनी के सुरक्षित भंडार के संबंध में कुछ भी मार्जिन न रखने का निर्देश दिया गया है। जैसा कि सरकार द्वारा सूचित किया गया है कि 798 करोड़ रुपये की संपूर्ण राशि पूर्णत: चीनी मिलों द्वारा किसानों के गन्ने के मूल्य के भुगतान हेतु उपयोग में लायी जाएगी।
3. उपभोक्ता मामले, खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की 6 दिसंबर 2001 की अधिसूचना की एक प्रति बैंकों के मार्गदर्शन हेतु संलग्न है जिसमें सुरक्षित भंडार के निर्माण के संबंध में दिशानिर्देश दिये गये है।
4. उक्त योजना के परिचालन के लिए चीनी मिलों के लिए यह आवश्यक होगा कि उनके द्वारा पहले से ही धारित चीनी भंडार से सुरक्षित भंडार के लिए निर्दिष्ट भंडार को अलग करें। बैंकों को नियमित सीमाओं में से चीनी मिलों द्वारा धारित सुरक्षित भंडार का 100 प्रतिशत मूल्य दर्शाती हुई अलग उप-सीमाओं का निर्धारण करना चाहिए। सुरक्षित भंडार पर 100 प्रतिशत आहरण की व्यवस्था के परिणामस्वरूप जारी राशि अर्थात् मार्जिन राशि के बदले जारी राशि को विशेष खाते में जमा किया जाना चाहिए। बैंकों को यह सुनिश्चित करना आवश्यक होगा कि इस खाते में उपलब्ध राशि का उपयोग गन्ने के भुगतान के लिए किया जाता है ।
5. चीनी निदेशालय, उपभोक्ता मामले, खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, नई दिल्ली ने दिनांक 30 अप्रैल 2007 की अपनी अधिसूचना सं. 6-5/2007-सीसी के जरिए सभी चीनी मिलों को सुरक्षित भुंडार के रूप में उनके द्वारा रखे जानेवाले चीनी भंडारों की मात्रा और गुणवत्ता के बारे में अलग से सूचित किया है । बैंकों के लिए यह उचित होगा कि चीनी मिलों द्वारा प्राप्त ऐसी सूचना के आधार पर उचित कार्रवाई करें — बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सुरक्षित भंडार के लिए रखे अलग खाते से किसी भी परिचालन की अनुमति नहीं दी जाती है और सुरक्षित भंडार के रूप में उद्दिष्ट भंडार से कुछ भी आहरण करने की अनुमति नहीं दी जाती है ।
6. सुरक्षित भंडार के लिए अलग खाते पर ब्याज को नियमित नकदी ऋण खाते में नामे डाला जाए।
7. सुरक्षित भंडार के रूप में उद्दिष्ट भंडार का मूल्यांकन उसी प्रकार किया जाए जैसे खुली बिक्री के भंडार का मूल्यांकन किया जाता है।
भवदीय
(पी. विजय भास्कर)
मुख्य महाप्रबंधक