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इलेक्ट्रानिक मीडिया में विज्ञापन

भारिबैं/2006-07/304
गैबैंपवि.(नीप्रभा)/कंपरि. सं. 91/03.02.034/2006-07

4 अप्रैल 2007

जमा स्वीकार करने वाली सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ(NBFC)
(अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियों को छोड़कर)

महोदय/महोदया

इलेक्ट्रानिक मीडिया में विज्ञापन

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ उल्लिखित विषय पर 12 मई 2005 का पत्र सं. गैबैंपवि.(नीप्रभा) सं.788/02.34/2004-05 देखें जिसमें सूचित किया गया है कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ प्रिंट या इलेक्ट्रानिक मीडिया(वेबसाइट सहित) में जारी अपने विज्ञापनों या विज्ञापन के स्थान पर जारी विवरण में स्पष्ट रूप से निम्नलिखित अंश/विवरण शामिल करें।

" भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-झक के अंतर्गत दिनांक ---------को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी वैध पंजीकरण प्रमाणपत्र कंपनी के पास है। तथापि, कंपनी की वित्तीय सुदृढ़ता की मौजूदा स्थिति या कंपनी द्वारा दिए गए किसी विवरण/वक्तव्य या निरूपण या व्यक्त किसी अभिमत/राय के सही होने एवं कंपनी द्वारा जमाराशियों की चुकौती/देनदारियों/दायित्वों के मोचन के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक कोई उत्तरदायित्व या गारंटी स्वीकार नहीं करता है।"

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को यह भी सूचित किया गया कि वे नोट करें कि उनके द्वारा प्रिंट या इलेक्ट्रानिक मीडिया(वेबसाइट सहित) में जारी अपने विज्ञापनों या विज्ञापन के स्थान पर जारी विवरण में स्पष्ट रूप से उल्लिखित अंश/विवरण को शामिल करने में चूक करने को पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करने की शर्तों का उल्लंघन माना जाएगा और यह चूक प्रतिकूल कार्रवाई को आमंत्रित करेगी।

2. यह संभव है कि जमा स्वीकार करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा विशुद्ध रूप से व्यवसाय बढ़ाने हेतु जारी ये विज्ञापन जमाराशियों को आकर्षित करें । जमाकर्ताओं के हितों के प्रति ऐसे विज्ञापनों में पारदर्शिता लाने के लिए और उल्लिखित उपबंध की ओर जमाकर्ताओं का ध्यान आकर्षित करने के लिए यह प्रस्ताव किया जाता है कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ जनता की जमाराशि स्वीकरण(रिज़र्व बैंक़) निदेश, 1998 में उचित प्रावधान जोड़े जाएं।

    i. कंपनी की जमा लेने की गतिविधि के तहत जनता की जमाराशियाँ प्राप्त करने के लिए समाचार पत्रों में दिए गए विज्ञापनों/जमाराशि आवेदन पत्रों के फार्म में दी गई सूचना को दर्शक/पाठक देख सकते हें;

    ii. " भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-झक के अंतर्गत दिनांक ---------को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी वैध पंजीकरण प्रमाणपत्र कंपनी के पास है। तथापि, कंपनी की वित्तीय सुदृढ़ता की मौजूदा स्थिति या कंपनी द्वारा दिए गए किसी विवरण/वक्तव्य या निरूपण या व्यक्त किसी अभिमत/राय के सही होने एवं कंपनी द्वारा जमाराशियों की चुकौती/देनदारियों/दायित्वों के मोचन के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक कोई उत्तरदायित्व या गारंटी स्वीकार नहीं करता है।"

3. इस संबंध में 4 अप्रैल 2007 की संशोधनकारी अधिसूचना सं. गैबैंपवि.194/मुमप्र(पीके)-2007 एवं 31 जनवरी 1998 की अद्यतन की गई अधिसूचना सं. डीएफसी. 118/डीजी(एसपीटी)-98 की एक-एक प्रति ध्यानपूर्वक अनुपालन के लिए संलग्न है।

भवदीय

(पी. कृष्णमूर्ति)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक


अधिसूचना सं. गैबैंपवि. 194 /सीजीएम(पी.के.)-2007, दिनांक

4 अप्रैल 2007

भारतीय रिज़र्व बैंक , इस बात से संतुष्ट होने पर कि जनता के हित में और वित्तीय प्रणाली को देश के हित में विनियमित करने हेतु बैंक को समर्थ बनाने के लिए गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ जनता की जमाराशि स्वीकरण (रिज़र्व बैंक) निदेश, 1998 को संशोधित करना आवश्यक है, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) की धारा 45 ञ, 45ञक, 45टतथा 45ट द्वारा प्रदत्त शत्तियों का प्रयोग करते हुए और इस संबंध में उसे सक्षम बनाने वाली सभी शत्तियों का प्रयोग करते हुए निदेश देता है कि 31 जनवरी 1998 की अधिसूचना सं. डीएफसी. 118/डीजी(एसपीटी)-98 में अंतर्विष्ट निदेश तत्काल प्रभाव से निम्नवत संशोधित होंगे अर्थात-

पैराग्राफ 4 में एक नया खंड 13(i) ए जोड़ा जाएगा:

"जहाँ कोई गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी इलेक्ट्रानिक मीडिया जैसे टी.वी. में विज्ञापन देती है, भले ही उसमें जमाराशियों के लिए आमंत्रण न हो, वहाँ वह ऐसे विज्ञापन में एक शीर्षक/बैंड शामिल करे जिसमें निम्नलिखित का उल्लेख हो:

    i. कंपनी की जमा लेने की गतिविधि के तहत जनता की जमाराशियाँ प्राप्त करने के लिए समाचार पत्रों में दिए गए विज्ञापनों/जमाराशि आवेदन पत्रों के फार्म में दी गई सूचना को दर्शक/पाठक देख सकते हें;

    ii. भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-झक के अंतर्गत दिनांक ---------को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी वैध पंजीकरण प्रमाणपत्र कंपनी के पास है। तथापि, कंपनी की वित्तीय सुदृढ़ता की मौजूदा स्थिति या कंपनी द्वारा दिए गए किसी विवरण/वक्तव्य या निरूपण या व्यक्त किसी अभिमत/राय के सही होने एवं कंपनी द्वारा जमाराशियों की चुकौती/देनदारियों/दायित्वों के मोचन के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक कोई उत्तरदायित्व या गारंटी स्वीकार नहीं करता है।"

(पी.कृष्णमूर्ति)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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