एजेंसी कमीशन-लोक भविष्य निधि योजना,1968 (पीपीएफ) और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना,2004 (एससीएसएस)-स्पष्टीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
एजेंसी कमीशन-लोक भविष्य निधि योजना,1968 (पीपीएफ) और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना,2004 (एससीएसएस)-स्पष्टीकरण
भारिबैं/2006-2007/408
संदर्भ.सं.सबैंलेवि.सीडीडी.सं.सं.एच- 9741 /15.15.001/2006-07
महाप्रबंधक
सरकारी लेखा विभाग,प्रधान कार्यालय
भारतीय स्टेट बैंक /स्टेट बैंक ऑफ इंदौर/स्टेट बैंक ऑफ पटियाला
स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर और जयपुर/स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र
स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर/स्टेट बैंक आफ हैदराबाद/ स्टेट बैंक ऑफ मैसूर
इलाहाबाद बैंक/बैंक ऑफ बडौदा/बैंक ऑफ इंड़िया/बैंक ऑफ महाराष्ट्र
केनरा बैंक/सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया/कार्पेरेशन बैंक/देना बैंक/इंडियन बैंक
इंडियन ओवरसीज बैंक/पंजाब नेशनल बैंक/सिंडीकेट बैंक/यूको बैंक/
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया/युनाईटेड बैंक ऑफ इंडिया/विजया बैंक/आइसीआइसीआइ बैंक/विजया बैंक
महोदय
एजेंसी कमीशन-लोक भविष्य निधि योजना,1968 (पीपीएफ)
और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना,2004 (एससीएसएस)-स्पष्टीकरण
कृपया दिनांक 16 मार्च 2007 का हमारा परिपत्र सं.भारिबैं/2006-07/289 देखें जिसमें हमने पीपीएफ और एससीएसएस संचालित करने वाले एजेंसी बैंकों को एजेंसी कमीशन केवल एक ही चैनल से भुगतान किए जाने के निर्णय से अवगत कराया था।जबकि हमारे क्षेत्रीय कार्यालयों (पीएडी-लोक लेखा विभागों)/केद्रीय लेखा अनुभाग (सीएएस),नागपुर को नई प्रणाली के अंतर्गत कुछ बैंकों से दावे प्राप्त हुए हैं,तथा कुछ ने एजेंसी कमीशन के विभिन्न पहलुओं पर स्पष्टीकरण मांगे हैं।
2.एजेंसी कमीशन के दावों में एकरूपता लाने की दृष्टि से हमारे लोक लेखा विभाग/सीएएस द्वारा दावों का शीघ्र निपटान सुकर बनाने हेतु हम निम्नानुसार सूचित करते हैं:
i) एजेंसी बैंक संलग्न फार्मेट में अपने दावे प्रस्तुत करे (अनुबंध I और II)।प्रत्येक तिमाही के लिए अलग से दावे प्रस्तुत किए जाएं तथा अनुबंध III के अनुसार दावों का सारांश प्रस्तुत किया जाए।
ii) दिनांक 1 जुलाई 2005 से एजेंसी कमीशन तथा 1 अप्रैल 2006 से एससीएसएस देय है।
iii) 31 मार्च 2007 तक देय एजेंसी कमीशन की शेष राशि के लिए एजेंसी बैंकों द्वारा 10 जून 2007 तक दावा प्रस्तुत किया जाए।
iv) पीपीएफ के मामले में रिपोर्टिंग व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं है तथा एजेंसी बैंकों को चाहिए कि वे संबंधित पीएडी अथवा सीएएस, नागपुर को अपने दावे प्रस्तुत करे जैसा कि वे अब तक कर रहे थे।जहां तक एससीएसएस का संबंध है,सभी एजेंसी बैंकों सीएएस, नागपुर को को दावे प्रस्तुत करें।
v) एजेंसी बैंकों के लेखा परीक्षक/संगामी लेखा परीक्षकों द्वारा एजेंसी कमीशन के लिए दावों का प्रमाणन इस प्रकार किया जाएगा कि इसमें कोई अपात्र मद शामिल नहीं की गई है तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के वर्तमान अनुदेशों के अनुसार दावा किया गया है।
vi) कुछ बैंकों को 1 जुलाई 2005 तथा 1 अप्रैल 2006 के बाद की अवधि के लिए भारत सरकार से क्रमश: पीपीएफ और एससीएसएस पर पारिश्रमिक प्राप्त हो चुका है।हालांकि एजेंसी कमीशन का केवल एक ही चैनल देय है,यदि भारत सरकार द्वारा कोई पारिश्रमिक का भुगतान किया गया हो तो उसे बैंक द्वारा वसूल कर लिया जाएगा।
vii) लघु बचत एजेंटों को दो योजनाओं के अंतर्गत जमा राशियों का संग्रहण करने हेतु भुगतान की गई दलाली/कमीशन की राशि जिस प्रकार अब तक की जा रही थी उसी प्रकार भारत सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति की जाएगी तथा इसी राशि का बैंक द्वारा देय एजेंसी कमीशन की राशि के रूप में दावा नहीं किया जाना चाहिए।
viii) वे बैंक जो अपने दावे/बैंक से भुगतान प्राप्त कर चुके हैं,उन्हें सूचित किया जाता है कि वे इस परिपत्र में दर्शाए गए अनुसार नया दावा प्रस्तुत करें।
3. कृपया प्राप्ति सूचना दें।
भवदीय
(इम्तियाज़ अहमद)
सहायक महाप्रबंधक