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केंद्रीय बजट - 2008-09 - कृषि ऋण माफी तथा ऋण राहत योजना, 2008 - शहरी सहकारी बैंक

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आरबीआई/2008/331
शबैंवि.पीसीबी.परि.सं.43/13.05.000/2007-08

23 मई 2008

मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक

महोदय/महोदया

केंद्रीय बजट - 2008-09 - कृषि ऋण माफी तथा ऋण राहत योजना, 2008 - शहरी सहकारी बैंक

जैसा कि आप जानते हैं, माननीय वित्त मंत्री ने वर्ष 2008-09 के अपने बजट भाषण (पैराग्राफ 73) में किसानों के लिए एक कृषि ऋण माफी तथा ऋण राहत योजना की घोषणा की है जो सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों तथा सहकारी क्रेडिट संस्थाओं द्वारा कार्यान्वित की जाएगी।

2. भारत सरकार द्वारा अधिसूचित विस्तृत योजना यथावश्यक स्पष्टीकरण के साथ संलग्न है। शहरी सहकारी बैंक इस योजना को यथाशीघ्र कार्यान्वित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें। कृषि ऋण माफी तथा ऋण राहत योजना का कार्यान्वयन 30 जून 2008 तक पूरा हो जाना चाहिए।

3. इस योजना के संबंध में आगे की सूचना दी जाएगी।

भवदीया

(श्रीमती उमा शंकर)
मुख्य महाप्रबंधक


कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना, 2008

1. प्रस्तावना

       1.1. वित्त मंत्री ने वर्ष 2008-2009 की बजट घोषणा में, किसानों के लिए एक ऋण माफी और ऋण राहत योजना की घोषणा की ।
 1.2. इस योजना के कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देश नीचे दिए गए हैं ।

2. कार्यक्षेत्र

 2.1 यह योजना अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी ऋण संस्थाओं (शहरी सहकारी बैंकें सहित) और स्थानीय क्षेत्र बैकों (इसके बाद समग्र रूप से इन सबको " ऋणदात्री संस्थाएं" कहा जाएगा ) द्वारा "सीमांत और छोटे किसानों" और "अन्य किसानों" को दिए गए प्रत्यक्ष कृषि ऋणों को कवर करेगी जैसा कि दिशानिर्देशों मे दिया गया है ।

 2.2 यह योजना तत्काल प्रभाव से लागू होगी ।

3. परिभाषाएं

 3.1 ‘प्रत्यक्ष कृषि ऋण“का अर्थ है कृषिगत उद्देश्यों के लिए किसानों को प्रत्यक्ष रूप से दिए गए अल्पावधि उत्पादन ऋण और निवेश ऋण । इसमें व्यक्तिगत किसानों के समूहें (उदाहरणार्थ स्वसहायता समूहें और संयुक्त देयता समूहों) को प्रत्यक्ष रूप से उपलब्ध कराए गए ऋण भी शामिल होंगे बशर्ते बैंक उस समूह के प्रत्येक किसान को दिए गए ऋण के विभिन्न आकड़े रखें ।

 3.2 " अल्पावधि उत्पादन ऋण " का अर्थ है फसल उगाने के संबंध में दिया गया ऋण, जिसका 18 महीने के अंदर पुनर्भुगतान किया जाना है । इसमें पारंपारिक और गैर-पारंपारिक बागानों और बागवानी के लिए अधिकतम 1 लाख रुपए का कार्यशील पूंजी ऋण शामिल होगा ।

3.3 निवेश ऋण का अर्थ है

 (क) खराब हो रही अस्तियों के प्रतिस्थापन और रखरखाव से संबंधित व्ययों को पूरा करने के लिए और भूमि की उपज बढाने के उदेश्य से किए गए पूंजी निवेश, उदाहरणार्थ कुओं को गहरा करना, नए कुओं की खुदाई, पंप सेट की स्थापना, ट्रैक्टर / बैलों की खरीद, भूमि विकास तथा पारंपरिक और गैर-पारंपरिक बागानों और बागवानी के लिए मीयादी ऋण और

 (ख) कृषि से संबंधित कार्यकलापो उदाहरणार्थ दुग्ध उत्पादन, मुर्गी पालन, बकरी पालन, भेड पालन, सूअर पालन, मत्स्यपालन, मधुमक्खी पालन, ग्रीन हाउस और बायो गैस के संबंध मे आस्तियां अर्जित करने के लिए दिया गया संबध्द कार्याकलापों के लिए निवेश ऋण

3.4 सहकारी ऋण संस्था का अर्थ है, एक सहकारी समिति जो -

(i)  किसानों को अल्पावधि फसल ऋण उपलब्ध कराती है और केंद्र सरकार से ब्याज सहायता प्राप्त करने के लिए पात्र है; अथवा
(ii)  भारतीय रिजर्व बैंक अथवा नाबार्ड द्वारा विनियमित अथवा पर्यवेक्षित बैंकिग कार्यकलाप करती है; अथवा
(iii) किसी राज्य अथवा संघ राज्य क्षेत्र में अल्पावधि सहकारी ऋण ढांचे अथवा दीर्घावधि सहकारी ऋण ढांचे का भाग है ।

3.5 "सीमांत किसान " का अर्थ है 1 हेक्येटर (2.5 एकड) तक की कृषि भूमि से फसल उगाने वाला (स्वामी अथवा काश्तकार अथवा बटाईदार के रूप में ) किसान ।

3.6 "छोट किसान " का अर्थ है 1 हेक्टेयर से अधिक और 2 हेक्टेयर ( 5 एकड ) तक की कृषि भूमि में फसल उगाने वाला ( स्वामी अथवा काश्तकार अथवा बटाईदार के रूप में ) किसान

3.7"अन्य किसान" का अर्थ है 2 हेक्टेयर से अधिक (5 एकड़ से अधिक) कृषि भूमि में फसल उगाने वाला (स्वामी अथवा काश्तकार अथवा बंटाईदार के रूप में ) किसान ।

स्पष्टीकरण

1. इस योजना के अंतर्गत, उपर्युक्त भूमि जोत मानदंड के अनुसार, पात्र किसानों का वर्गीकरण, स्वामित्व अथवा कब्जे में बाद में हुए किसी भी परिवर्तन पर ध्यान दिए बिना, ऋण संस्वीकृत करते समय, किसान के एकल अथवा संयुक्त रूप से (स्वामी-किसान के मामले में ) स्वामित्ववाली कुल भूमि अथवा किसान द्वारा फसल उगाई जाने वाली (काश्तकार अथवा बटाईदार के रूप में ) कुल भूमि पर आधारित होगा

2 . एक से अधिक किसानों द्वारा अपनी भूमि जोतों को इकठ्ठा करने लिए गए ऋण के मामले में, उस समूह में सभी किसानों "सीमांत किसान" अथवा "छोटा किसान" अथवा "अन्य किसान के रूप मे वर्गीकरण के उद्देश्य के लिए इकठ्ठी की गई भूमि जोतो के कुल आकार को ध्यान में रखा जाएगा ।

3. भूमि जोत, यदि कोई हो, के आकार पर ध्यान दिए बिना, ऐसे मामले में जहां किसी किसान ने संबध्द कार्यकलापों के लिए निवेश ऋण लिया है जिसमे मूल ऋण राशि 50,000 रुपए से अधिक नहीं है, उस मामले से उस किसान को छोटे और सीमांत किसान के रूप मे वर्गीकृत किया जाएगा और जिसमें मूल राशि 50,000 रुपए से अधिक है, उसे अन्य किसान के रूप मे वर्गीकृत किया जाएगा ।

4. पात्र राशि

 4.1 ऋण माफी अथवा ऋण राहत, जैसा भी मामला हो, के लिए पात्र राशि ( इसके बाद इसे पात्र राशि कहा जाएगा) में निम्नलिखित शामिल होंगे ।
(क) अल्पावधि उत्पादन ऋण के मामले में ऐसे ऋण (लागू ब्याज सहित) की राशि जो :
   (i) 31 मार्च 2007 तक संवितरित, 31 दिसंबर, 2007 तक बकाया और, 29 फरवरी, 2008 तक जिसकी वापसी अदायगी नही की गई है;
   
(ii) केंद्र सरकार द्वारा घोषित, विशेष पैकेजों के जरिए वर्ष 2004 और 2006 मे बैंकों द्वारा पुनर्गठित और पुनर्निर्धारित किए गए बकाया अथवा नहीं; औ
   
(iii) प्राकृतिक आपदाओं के कारण, भारतीय रिजर्व बैंक के लागू दिशानिर्देशों के अनुसार सामान्य तौर पर, 31 मार्च, 2007 तक पुनर्गठित और पुननिर्धारित किए गए बकाया अथवा नहीं

(ख) निवेश ऋण के मामले में ऐसे ऋण की किस्तें जो बकाया है ( ऐसी किस्तों पर लागू ब्याज सहित), यदि ऋण

    (i) 31 मार्च 2007 तक संवितरित 31 दिसम्बर 2007 तक बकाया और, जिसकी 29 फरवरी 2008 तक वापसी अदायगी नहीं की गई थी
  
 (ii)  केंद्र सरकार द्वारा घोषित विशेष पैकेजें के जरिए वर्ष 2004 और 2006 में बैंकों द्वारा पुनर्गठित और पुनर्निर्धारित किए गए, और
  
(iii) प्राकृतिक आपदाओं के कारण, भारतीय रिजर्व बैंक के लागू दिशनिर्देशों के अनुसार सामान्य तौर पर 31 मार्च 2007 तक पुनर्गठित और पुननिर्धारित किए गए थे ।

स्पष्टीकरण :

31 मार्च 2007 तक संवितरित और गैर निष्पादनकारी आस्ति अथवा वाद दायर खाते के रूप में वर्गीकृत
निवेश ऋण के मामले में, केवल वे किस्तें जो 31 दिसम्बर, 2007 की स्थिति के अनुसार बकाया थी, पात्र राशि होगी ।

4.2 पात्र राशि मे निम्नलिखित ऋण शामिल नही किए जाएंगे :

       (क) खडी हुई फसल के अलावा कृषि उत्पाद को गिरवी रखने अथवा दृष्टिबंधित करने पर अग्रिम और

    (ख) कारपोरेटों, भागीदारों फर्मो, सहकारी ऋण संस्थाआंट ( पैरा 3.4 मे निर्दिष्ट) के अलावा समितियों और इसी तरफ की संस्थाओं को कृषि वित्त ।

4.3 इस योजना में निहित कोई भी बात 31 मार्च 1997 से पहले किसी ऋणदात्री संस्था द्वारा संवितरित किसी भी ऋण पर लागू नही होगी ।

5. ऋण माफी

 5.1 छोटे और सीमांत किसान के मामले मे, संपूर्ण "पात्र राशि" माफ कर दी जाएगी ।

6. ऋण राहत

 6.1 अन्य किसान के मामले में, एकबारगी निपटान (ओटीएस) योजना होगी जिसके अंतर्गत, इस शर्त के अध्यधीन कि किसान "पात्र राशि" के ( 75 प्रतिशत के शेष का भुगतान कर देता है, तो "पात्र राशि" के 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
बशर्ते कि अनुबंध-1 में सुचीबध्द राजस्व जिलों के मामले में, अन्य किसानों को इस शर्त के अध्यधीन कि किसान "पात्र राशि" के बकाया का भुगतान कर देता है, तो पात्र राशि के 25 प्रतिशत अथवा 20,000 रुपए, जो भी अधिक है, की ओटीएस दी जाएगी ।

7. कार्यान्वयन

 7.1 इस योजना के तहत किए गए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, सहकारी ऋण संस्थान, शहरी सहकारी बैंक और स्थानीय क्षेत्र बैंक की प्रत्येक शाखा दो सूचियां तैयार करेगी जिनमें से पहली सूची में छोटे और सीमांत किसान जो ऋण माफी के लिए पात्र हैं और दूसरी सूची मे अन्य किसान जो ऋण राहत के पात्र हैं, शामिल होंगे । इन सूचियों में प्रत्येक मामले में भूमि जोत पात्र राशि और प्रदान किए जाने के लिए प्रस्तावित ऋण माफी अथवा ऋण राहत की राशि का ब्यौरा शामिल होगा ।ये सूचियां 30 जून 2008 को या उससे पहले बैंक / संस्था की शाखा के सूचना पट्ट पर प्रदर्शित की जाएगी ।

 7.2 "छोटा किसान" अथवा "सीमांत किसान" के रूप में वर्गीकृत किसान, पात्र राशि माफ होने के बाद नए कृषि ऋणों के लिए पात्र हो जाएगा।

 7.3 ओटीएस राहत के लिए पात्र "अन्य किसान" रूप मे वर्गीकृत किसान यह वचन देते हुए एक शपथ पत्र देगा कि वह अपने हिस्से ( अर्थात् पात्र राशि - ओटीएस राहत राशि) को न्यूनतम तीन किस्तों में चुका देगा और प्रथम दो किस्तें उसके हिस्से की न्यूनतम एक तिहाई राशि के लिए होगी । तीन किस्तों के मामले में, भुगतान की अंतिम तारीखें 30 सितम्बर 2008, 31 मार्च 2009 और 30 जून 2009 होंगी ।

 7.4 शपथ पत्र भारतीय रिजर्व बैंक / नाबार्ड द्वारा यथा निर्धारित प्रारूप में होगा ।

 7.5 किसान द्वारा अपने हिस्से का पूरा भुगतान करने पर एकबारगी निपटान योजना (ओटीएस) राहत की राशि ( अर्थात केद्रीय सरकार का हिस्सा) "अन्य किसान " के खाते में जमा कर दी जाएगी ।

 7.6 अल्पावधि उत्पादन ऋण के मामले में अन्य किसान अपने हिस्से के एक तिहाई भाग का भुगतान करने पर नए अल्पावधि उत्पादन ऋण के लिए पात्र हो जाएंगे ।

 7.7 निवेश ऋण (प्रत्यक्ष कृषि क्रियाकलापों या संबध्द क्रियापकलापों के लिए) के मामले में "अन्य किसान" अपने पूरे हिस्से का भुगतान करने पर नए निवेश ऋण के लिए पात्र हो जाएंगे ।

 7.8 अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों; शहरी सहकारी बैंकों एवं स्थानीय क्षेत्र बैंकें के संबध में योजना के कार्यान्वयन हेतु भारतीय रिजर्व बैंक नोडल एजेंसी होगा ।क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकें एवं सहकारी ऋणदायी संस्थाओं के संबंध ने नाबार्ड नोडल एजेंसी होगा ।

8. ब्याज एव अन्य प्रभार

 8.1 ऋणदात्री संस्थाएं 29 फरवरी 2008 के बाद की अवधि के लिए "पात्र राशि" पर कोई ब्याज नहीं लगाएंगी । तथापि, उन "अन्य कसानों" के मामले में यदि वह 30 जून 2009 को या उससे पहले पात्र राशि के अपने हिस्से का भुगतान करने मे चूक करता है और एक बारगी निपटान राहत के लिए अपात्र हो जाता है, तो बैंक 30 जून 2009 के बाद की अवधि के लिए ब्याज ले सकता है ।

 8.2 निवेश ऋण की किस्तें, जो 31.12.2007 के बाद बकाया हो जाता हैं, लागू ब्याज सहित ऋणदात्री संस्थाओं द्वारा वसूल की जाएंगी । तथापि, ऋणदात्री संस्थाएं, उचित मामलों में, संबंधित ऋणदात्री संस्था की सामान्य नीति कं अनुसार इन किस्तों को पुनर्निर्धारित कर सकती हैं ।

 8.3 इस योजना में निहित किसी भी बात के होते हुए भी, किसी ऋणदात्री संस्था द्वारा इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने प्रतिपूर्ति के रुप मे दावा की गई ब्याज राशि, किसी भी मामले में, ऋण की मूल राशि से अधिक नहीं होगी ।

 8.4 ब्याज और दूसरे प्रशुल्क, जिसका ऋणदात्री संस्था, किसान या केंद्र सरकार से दावा नहीं करेंगी, पर दिशानिर्देशें सहित सभी प्रासंगिक और अनुषंगी मामलो के संबंध मे वित्त मंत्रालय, ऋणदात्री संस्थाओं को अनुपूरक दिशानिर्देश जारी करेगा ।

9. ऋण माफी अथवा ऋण राहत का प्रमाण पत्र

 9.1 छोटे और सीमांत किसानों के मामले में पात्र राशि को माफ करने के बाद ऋणदात्री संस्थाएं इस आशय का एक प्रमाण पत्र जारी करेगी कि ऋण माफ कर दिया गया है और इसमें विशेष रूप से माफ की गई पात्र राशि का उल्लेख करेगी ।

 9.2 "अन्य किसानें" के मामले में एकबारगी निपटान राहत देने के बाद ऋणदात्री संस्था इस आशय का एक प्रमाण पत्र जारी करेगी कि ऋण खाता का निपटान ऋणदात्री संस्था की संतुष्टि के अनुसार कर दिया गया है और इसमे विशेष रूप से पात्र राशि, किसान द्वारा उनके हिस्से के रूप मे भुगतान की गई राशि और एकबारगी निपटान राहत की राशि का उल्लेख किया जाएगा ।

 9.3 यह प्रमाण पत्र ऐसे प्रपत्र में होगा जैसा कि भारतीय रिजर्व बैंक / नाबार्ड द्वारा निर्धारित किया जाएगा और प्रमाण पत्र जारी करने के बाद ऋणदात्री संस्था किसान से पावती भी लेगी।

10. ऋणदात्री संस्थाओं का दायित्व

 10.1 प्रत्येक ऋणदात्री संस्था, इस योजना के अंतर्गत पात्र किसानों की सूचियें और प्रत्येक किसान से संबंधित ऋण माफी अथवा ऋण राहत के ब्यौरे की सत्यता और ईमानदारी के लिए जिम्मेदार होगी । इस योजना के प्रयोजन के लिए किसी ऋणदात्री संस्था द्वारा बनाए रखे गए प्रत्येक दस्तावेज, बनाई गई प्रत्येक सूची और जारी किए गए प्रत्येक प्रमाण पत्र पर ऋणदात्री संस्था के एक प्राधिकृत अधिकारी का पदनाम और हस्ताक्षर होंगे ।

 10.2 प्रत्येक ऋणदात्री संस्था प्रत्येक राज्य के लिए (उस राज्य मे शाखाओं की संख्या के अनुसार एक या अधिक शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त करेगी । संबंधित शिकायत निवारण अधिकारी का नाम और पता ऋणदात्री संस्था की प्रत्येक शाखा मे प्रदर्शित किया जाएगा । शिकायत निवारण अधिकारी दुखी किसानें से अभ्यावेदन प्राप्त करने और उन पर समुचित आदेश जारी करने के लिए प्राधिकृत होगा । शिकायत निवारण अधिकारी का आदेश अंतिम होगा ।

 10.3 कोई भी किसान, जिसकी शिकायत इस आधर पर है कि उनका नाम पैरा 7.1 मे उल्लिखित दानो सूचियें में से किसी मे भी शामिल नही किया गया है अथवा इस आधार पर है कि उसका नाम गलत सूची मे शामिल किया गया है अथवा इस आधार पर है कि उसे प्रदान की जा रही राहत की गणना गलत तरीके से की गई है, उस शाखा के जरिए जहां से उसने ऋण लिया है अथवा सीधे संबंधित ऋणदात्री संस्था के शिकायत निवारण अधिकारी को अभ्यावेदन दे सकता है और ऐसे प्रत्येक अभ्यावेदन का निपटान उसके प्राप्त होने के 30 दिनें के अंदर किया जाना चाहिए ।

11. लेखापरीक्षा

इस योजना के अंतर्गत ऋण माफी और ऋण राहत प्रदान करने वाली प्रत्येक ऋणदात्री संस्था की लेखा बहियों (शाखाओं मे बनाए रखने वाली लेखा-बहियों सहित) का भारतीय रिजर्व बैंक / नाबार्ड द्वारा विहित प्रक्रिया के अनुसार लेखापरीक्षा की जाएगी ।यह लेखापरीक्षा भारतीय रिजर्व बैंक / नाबार्ड द्वारा यथा निर्देशित समवर्ती लेखापरीक्षक, अथवा विशेष लेखापरीक्षक द्वारा की जा सकती है । केद्रीय सरकार, यदि यह महसूस करती है कि ऐसा किया जाना जरूरी है, किसी ऋणदात्री संस्था अथवा ऐसा ऋणदात्री संस्थाओं को एक या उससे अधिक शाखाओं के मामले से विशेष लेखापरीक्षा का आदेश दे सकती है ।

12. प्रचार

        12.1 इस योजना की एक प्रति अंग्रेजी और संघ की राजभाषा अथवा राज्य/संघ राज्य क्षेत्र की भाषाओं मे, इस योजना के अंतर्गत कवर की गई प्रत्येक ऋणदात्री संस्था की प्रत्येक शाखा मे प्रदर्शित की जाएगी ।

        12.2 इस योजना की एक प्रति वित्त मंत्रालय वित्तीय सेवाएं विभाग; भारतीय रिजर्व बैंक और नाबार्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी ।

13. निर्वचन और कठिनाई दूर करने की शक्ति

    13.1 यदि इस योजना के किसी अनुच्छेद के निर्वचन अथवा इसके अंतर्गत जारी किसी दिशानिर्देश के बारे मे कोई संदेह होता है, तो इस संदेह का समाधान केंद्र सरकार करेगी और इस संबंध मे केद्र सरकार का निर्णय अंतिम होगा ।

    13.2 इस योजना के प्रावधानें अथवा इसके अंतर्गत जारी किसी दिशानिर्देश को लागू करने में यदि कोई बाधा आती है, तो केंद्र सरकार इस बाधा को दूर करने के लिए आदेश द्वारा कुछ भी जो उसे आवश्यक अथवा समीचीन प्रतीत होता है, कर सकती है ।

14. निगरानी

इस योजना के कार्यान्वयन की निगरानी करने के लिए निम्नलिखित पदनामित सदस्यों से एक राष्ट्रीय निगरानी समिति गठित की जाएगी ।

(i)  सचिव, वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय - अध्यक्ष
(ii)  सचिव, कृषि और सहकारिता विभाग, कृषि मंत्रालय
(iii) उप गवर्नर भारतीय रिजर्व बैंक

(iv) अध्यक्ष, नाबार्ड
(v) 
सरकारी क्षेत्र के दो बैंकों के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक
(vi) दो क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अध्यक्ष; और
(vii) राज्य स्तरीय दो सहकारी बैकों के प्रबध निदेशक

अनुबंध - 1

डीपीएपी, डीडीपी क्षेत्रों तथा प्रधान मंत्री विशेष राहत पैकेज जिलों को
शामिल करते हुए राजस्व जिले।

राज्य

क्रमांक

डीपीएपी, डीडीपी तथा प्रधान मंत्रीविशेष
पैकेज के अंतर्गत शामिल किए गए जिले

आंध्र प्रदेश

1

1

आदिलाबाद

2

2

चित्तूर

3

3

कडप्प

4

4

खम्मम

5

5

कुरनूल

6

6

मेडक

7

7

महबूबनगर

8

8

नालगोंडा

9

9

प्रकासम

10

10

रंगारेड्डी

11

11

श्रीकाकुलम

12

12

अनंतपुर

13

13

वारंगल

14

14

गुंटूर

15

15

करीमनगर

16

16

नेल्लूर

17

17

निजामाबाद

बिहार

18

1

भबुआ

19

2

जमुई

20

3

मधुबनी

21

4

नवादा

22

5

रोहतास

23

6

सीतामढ़ी

छत्तीसगढ़

24

1

बस्तर

25

2

बिलासपुर

26

3

दंतेवाडा

27

4

दुर्ग

28

5

जांजगीर-चंपा

29

6

काबरीधाम

30

7

कोरबा

31

8

राजनंदगांव

गुजरात

32

1

अहमदाबाद

33

2

अमरेली

34

3

भरूच

35

4

भावनगर

36

5

दाहोद

37

6

डांग

38

7

जूनागढ़

39

8

नर्मदा

40

9

नवसारी

41

10

पंचमहल

42

11

पोरबंदर

43

12

साबरकांठा

44

13

वडोदरा

45

14

वलसाड

46

15

बनासकांठा

47

16

जामनगर

48

17

कच्छ

49

18

पाटन

50

19

राजकोट

51

20

सुरेद्रनगर

द्ररियाणा

52

1

भिवानी

53

2

फतेहाबाद

54

3

हिसार

55

4

झज्जर

56

5

मोहिन्दरगढ़

57

6

रिवाडी

58

7

सिरसा

हिमाचल प्रदेश

59

1

बिलासपुर

60

2

सोलन

61

3

उना

62

4

किन्नौर

63

5

लाहौल एवं स्पीति

जम्मू एवं कश्मीर

64

1

डोडा

65

2

उधमपुर

66

3

रामबन

67

4

किश्तवाड

68

5

रियासी

69

6

कारगिल

70

7

लेह

झारखंड

71

1

बोकारो

72

2

चतरा

73

3

देवघर

74

4

धनबाद

75

5

दुमका

76

6

गढ़वा

77

7

गोड्डा

78

8

हजारीबाग

79

9

जमतारा

80

10

कोडरमा

81

11

लातेहार

82

12

पाकुड़

83

13

पालामऊ

84

14

साहेबगंज

कर्नाटक

85

1

बंगलोर ग्रामीण

86

2

बेलगाम

87

3

बीदर

88

4

चामराजा नगर

89

5

चिकमंगलूर

90

6

चित्रदुर्ग

91

7

दावनगेरे

92

8

गारवाड

93

9

गडग

94

10

गुलबर्गा

95

11

द्रासन

96

12

द्रावेरी

97

13

कोलार

98

14

मैसूर

99

15

टुमकुर

100

16

कोडागु

101

17

शिमोगा

102

18

बागलकोटे

103

19

बेल्लारी

104

20

बीजापुर

105

21

दावनगेरे

106

22

कोप्पल

107

23

रायचूर

केरल

108

1

वयनाड

109

2

पालक्काड

110

3

कासरगोड

मध्य प्रदेश

111

1

बड़वानी

112

2

बेतूल

113

3

भिंड़

114

4

छिंदवाडा

115

5

दमोह

116

6

देवास

117

7

गार

118

8

गुना

119

9

जबलपुर

120

10

झबुआ

121

11

खंड़वा

122

12

खरगौन

123

13

पन्ना

124

14

रायसेन

125

15

राजगढ़

126

16

रतलाम

127

17

रीवा

128

18

शहडोल

129

19

शाजापुर

130

20

शिवपुरी

131

21

सिधी

132

22

स्योनी

133

23

उमरिया

134

24

अशोक नगर

135

25

अनूपपुर

महाराष्ट्र

136

1

अहमदनगर

137

2

अकोला

138

3

अमरावती

139

4

औरंगाबाद

140

5

बीड

141

6

बुलढाना

142

7

चंद्रपुर

143

8

गुले

144

9

गडचिरोली

145

10

हिंगोली

146

11

जलगांव

147

12

जालना

148

13

लातूर

149

14

नागपुर

150

15

नांदेड

151

16

नंदुरबार

152

17

नाशिक

153

18

ओसमानाबाद

154

19

परभनी

155

20

पुणे

156

21

सांगली

157

22

सातारा

158

23

सोलापुर

159

24

वाशिम

160

25

यवतमाल

161

26

वर्धा

उड़ीसा

162

1

बारगढ़

163

2

बोलंगीर

164

3

बौध

165

4

गेनकनाल

166

5

कालाहांडी

167

6

नौपाडा

168

7

सोनपुर

169

8

फुलबनी

राजस्थान

170

1

अजमेर

171

2

बांसवाड़ा

172

3

बारन

173

4

छारतपुर

174

5

डुंगरपुर

175

6

झालावाड़

176

7

करौली

177

8

कोटा

178

9

सवाई माधोपुर

179

10

टोंक

180

11

उदयपुर

181

12

बाड़मेर

182

13

बीकानेर

183

14

चुरू

184

15

हनुमान गढ़

185

16

जयपुर

186

17

जैसलमेर

187

18

जालौर

188

19

झुंझुनू

189

20

जोधपुर

190

21

नागौर

191

22

पाली

192

23

राजसमंद

193

24

सीकर

194

25

सिरोही

तमिलनाडु

195

1

कोयम्बतूर

196

2

गर्मपुरी

197

3

डिंडीगल

198

4

करूर

199

5

कृष्णागिरी

200

6

नामक्कल

201

7

पेराम्बलूर

202

8

पुदुक्कोई

203

9

रामनाथपुरम

204

10

सेलम

205

11

सिवगंगा

206

12

तिरुचिरापल्ली

207

13

तिरुनेलवेली

208

14

तिरुवन्नामलाई

209

15

तूतुकुडी

210

16

वेल्लूर

211

17

विरुदुनगर

उत्तर प्रदेश

212

1

इलाहाबाद

213

2

बहराइच

214

3

बलरामपुर

215

4

बांदा

216

5

चित्रकूट

217

6

हमीरपुर

218

7

जालौन

219

8

झांसी

220

9

लखीमपुर खीरी

221

10

ललितपुर

222

11

महोबा

223

12

मिर्जापुर

224

13

श्रावस्ती

225

14

सीतापुर

226

15

सोनभद्र

उत्तराखंड

227

1

अल्मोडा

228

2

बागेश्वर

229

3

चमोली

230

4

चम्पावत

231

5

पौढ़ी गढ़वाल

232

6

पिथौरागढ़

233

7

टिहरी गढ़वाल

पश्चिम बंगाल

234

1

बांकुरा

235

2

बीरभूम

236

3

मेदीनीपुर पश्चिम

237

4

पुरुलिया

कुल जिलों की संख्या

   

237 जिले

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