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गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ विवेकपूर्ण मानदण्ड (रिज़र्व बैंक)निदेश, 1998 में संशोधन-जोखिम भारित परिसंपत्तियों के मूल्य की गणना के लिए प्रतिभूति जमाराशि का समायोजन

भारिबैं/2006-07/130
गैबैंपवि.नीति प्रभाग. कं.परि. सं. 78 /03.05.002/2006-07

20 सितंबर 2006

सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ
(अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियों सहित)

प्रिय महोदय

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ विवेकपूर्ण मानदण्ड (रिज़र्व बैंक)निदेश, 1998 में संशोधन-जोखिम भारित परिसंपत्तियों के मूल्य की गणना के लिए प्रतिभूति जमाराशि का समायोजन

कृपया आप 31 जनवरी 1998 की अधिसूचना सं. अ्इण्. 119/अ्उ(एझ्ऊ)-98, समय-समय पर यथासंशोधित, में अंतर्विष्ट गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ विवेकपूर्ण मानदण्ड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 1998 का पूंजी पर्याप्तता संबंधी पैरा 10 देखें।

2. यह निर्णय लिया गया है कि जोखिम भार लगाने के प्रयोजन से किसी उधारकर्ता के समग्र निधिक जोखिम की गणना करते समय, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ उधारकर्ता के खाते में कुल बकाया अग्रिमों से नकदी मार्जिन/प्रतिभूति जमा/जमानती राशि रूपी संपार्श्विक प्रतिभूति, जिसकी मुजरायी(ेाू द)ि के लिए अधिकार उपलब्ध है, का समायोजन कर सकती हैं।

3. इस संबंध में रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 20 सितंबर 2006 की संशोधनकारी अधिसूचना सं. गैबैंपवि.187/ सीजीएम (पीके)-2006 तथा 31 जनवरी 1998 की अद्यतन की गई अधिसूचना सं. अ्इण्. 119/अ्उ(एझ्ऊ)-98 की प्रतिलिपि संलग्न है ।

भवदीय

(पी. कृष्णमूर्ति)

प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक


भारतीय रिज़र्व बैंक
गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग
केंद्रीय कार्यालय
सेंटर -1, विश्व व्यापार केंद्र
कफ परेड, कोलाबा
मुंबई-400005

अधिसूचना सं. गैबैंपवि. 187 /मुमप्र(पी.के.)-2006, दिनांक 20 सितंबर 2006

भारतीय रिज़र्व बैंव , इस बात से संतुष्ट होने पर कि जनता के हित में और वित्तीय प्रणाली को देश के हित में विनियमित करने हेतु बैंक को समर्थ बनाने के लिए गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ विवेपूर्ण मानदण्ड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 1998 को संशोधित करना आवश्यक है, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2)की धारा 45 ञक द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और इस संबंध में उसे सक्षम बनाने वाली सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए, 31 जनवरी 1998 की अधिसूचना सं. अ्इण्. 119/अ्उ(एझ्ऊ)-98 में अंतर्विष्ट निदेशों को तत्काल प्रभाव से निम्नवत संशोधित करता है अर्थात-

1. पैराग्राफ 10 में स्पष्टीकरण (1) के अंतर्गत नोट 2 के बाद निम्नलिखित नोट जोड़ा जाएगा अर्थात:

"(3) जोखिम भार लगाने के प्रयोजन से किसी उधारकर्ता के समग्र निधिक जोखिम की गणना करते समय, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ उधारकर्ता के खाते में कुल बकाया अग्रिमों से नकदी मार्जिन/प्रतिभूति जमा/जमानती राशि रूपी संपार्श्विक प्रतिभूति, जिसकी मुजरायी(ेाू द)ि के लिए अधिकार उपलब्ध है, का समायोजन कर सकती हैं।"

2. निदेश के पैराग्राफ 13 में वर्णित पूंजीगत निधियों, जोखिम परिसंपत्तियों/जोखिमों और जोखिम परिसंपत्तियों के अनुपात आदि संबंधी मार्च/सितंबर की अर्द्धवार्षिक विवरणी ब्ँए - 2 के फार्मेट के भाग अ् में नोट सं. 4 जोड़ा जाएगा अर्थात-

"(4) किसी उधारकर्ता के समग्र बकाया जोखिम की गणना करते समय, बकाया अग्रिमों से नकदी मार्जिन/प्रतिभूति जमा/जमानती राशि, जिसकी मुजरायी(ेाू द)ि के लिए अधिकार उपलब्ध है, का समायोजन किया जा सकता है।"

(पी. कृष्णमूर्ति)

प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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