धन शोधन निवारण (एंटी मनी लाउंडरिडग) मार्गदर्शी सिद्धांत - आरबीआई - Reserve Bank of India
धन शोधन निवारण (एंटी मनी लाउंडरिडग) मार्गदर्शी सिद्धांत
आरबीआइ/2007-08/161
ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.14
ए.पी.(एफएल सिरीज़) परिपत्र सं. 01
अक्तूबर 17, 2007
सेवा में
विदेशी मुद्रा में प्राधिकृत सभी व्यक्ति
महोदया / महोदय
धन शोधन निवारण (एंटी मनी लाउंडरिडग) मार्गदर्शी सिद्धांत
प्राधिकृत व्यक्तियों का ध्यान दिसंबर 2, 2005 के हमारे ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.18 डए.पी. (एफएल सिरीज़) परिपत्र सं.01ल और जून 26, 2006 के हमारे ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.39 डए.पी. (एफएल सिरीज़) परिपत्र सं.02 द्वारा प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तकों के लिए जारी धन शोधन निवारण के मार्गदर्शी सिद्धांतों की ओर आकर्षित किया जाता है। कुछ मार्गदर्शी सिद्धांतों के क्रियान्वयन में प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तक संघों द्वारा व्यक्त की गई कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए उपर उल्लिखत परिपत्रों (परिपत्रों) के निम्न अनुदेशों को संशोधित करने का निर्णय लिया गया है।
(क) जून 26,2006 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.39 डए.पी.(एफएल सिरीज़) परिपत्र सं.02 के संलग्नक के पैरा 4 (ग) के अनुसार विदेशी पर्यटकों/ अनिवासी भारतीयों द्वारा नकद भुगतान के अनुरोध को 2000 अमरीकी डालर अथवा उसके समतुल्य राशि की सीमा तक स्वीकार किया जा सकता है। इस सीमा को बढ़ाकर 3000 अमरीकी डालर कर दिया गया है। परिपत्र के संलग्नक के पैरा 4(ग) के अन्य सभी प्रावधान अपरिवर्तित रहेंगे।
(ख)दिसंबर 2, 2005 के हमारे ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.18 डए.पी. (एफएल सिरीज़) परिपत्र सं.01ल के संलग्नक के पैरा 6 के अनुसार कंपनी/फर्म जैसी व्यावसायिक संस्थाओं के नाम,पते और व्यावसायिक कार्यकलाप के समर्थन में कंपनी अधिनियम 1956 के तहत निगमन का प्रमाणपत्र , संस्था के बहिर्नियम , संस्था के अंतर्नियम, फर्म का पंजीकरण प्रमाणपत्र ( यदि पंजीकृत है),भागीदारी विलेख ,जैसे उपयुक्त दस्तावेज़ प्राप्त और सत्यापित करने के बाद ही उनसे संबंध स्थापित किया जाना चाहिए ।अब यह निर्णय लिया गया है कि कंपनी/ फर्मों के साथ संबंध स्थापित करने के लिए उपर उल्लिखित दस्तावेजों के अलावा एक उपयुक्त दस्तावेज़ के रूप में पैन कार्ड को भी स्वीकार किया जाए ।उपर्युक्त परिपत्र के संलग्नक के पैरा 6 के अन्य प्रावधान अपरिवर्तित रहेंगे ।
2. प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं।
3. प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तकों के अनुदेशों के ज्ञापन में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं।
4. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं। मार्गदर्शी सिद्धांतों का अनुपालन न करने की स्थिति में वही अधिनियम की धारा 11(3) के दण्ड प्रावधान के भागी होंगे।
भवदीय
(सलीम गंगाधरन)
मुख्य महा प्रबंधक