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सरकारी प्रतिभूतियों की नीलामी : फुटकर निवेशकों के लिए

सरकारी प्रतिभूतियों की नीलामी : फुटकर निवेशकों के लिए
गैर प्रतियोगी बोली सुविधा - सांविधिक चलनिधि अनुपात
के प्रयोजन हेतु एस जी एल शेष राशियों का समेकन

संदर्भ : बैंपविवि. सं. बीसी. 60 /12.02.001/2001-02

25 जनवरी 2002
5 माघ 1923 (शक)

सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक

(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों को छोड़कर)

प्रिय महोदय,

सरकारी प्रतिभूतियों की नीलामी : फुटकर निवेशकों के लिए
गैर प्रतियोगी बोली सुविधा - सांविधिक चलनिधि अनुपात
के प्रयोजन हेतु एस जी एल शेष राशियों का समेकन

कृपया आप 7 दिसंबर 2001 का परिपत्र सं. आइडीएमसी. 2769/08.01.02/2001-2002 देखें, जो हमारे आंतरिक ऋण प्रबंधन कक्ष द्वारा बैंकों को जारी किया गया है और जिसके साथ चुनी हुई सरकारी प्रतिभूतियों की नीलामी में अधिकत 5 प्रतिशत की अधिसूचित राशि को भारांकित औसत दर पर गैर प्रतियोगी आधार पर फुटकर निवेशकों को आबंटित करने के लिए निर्धारित करने की उनके द्वारा बनायी गयी योजना संलग्न की गयी है । यह योजना व्यापक सहभागिता और सरकारी प्रतिभूतियों की फुटकर धारिता को उत्साहित करने की दृष्टि से लागू की गयी है ।

2. उक्त योजना के पैराग्राफ IV.6 के अनुसार प्रतिभूतियां केवल एस जी एल फॉर्म में ही जारी की जायेंगी । रिज़र्व बैंक या तो बैंक के मुख्य एस जी एल खाते में अथवा सी एस जी एल खाते में जमा करेगा । मुख्य एस जी एल खाते में जमा करने की सुविधा उन निवेशकों को सेवा देने के एकमात्र प्रयोजन के लिए है जो बैंकों के ग्राहक नहीं हैं । इसलिए बैंकों को गैर प्रतियोगी बोली लगाते समय यह स्पष्ट करना होगा कि राशि (अंकित मूल्य) को उनके एस जी एल खाते अथवा सी एस जी एल खाते में जमा किया जाना है । मुख्य एस जी एल खाते से भौतिक सुपुर्दगी की अनुमति निवेशक के कहने पर ही होगी । तदनुसार प्रतिभूतियां किसी अन्य संस्था (एन एस डी एल, एस एच सी आइ एल आदि) के फुटकर ग्राहक के सी एस जी एल खाते को अंतरित की जायेंगी अथवा उनका भौतिक रूप में परिवर्तन किया जायेगा, जैसी भी ग्राहक की अपेक्षा हो ।

3. चूंकि उपर्युक्त पैरा 2 में बतायी गयी प्रक्रिया में लोक ऋण कार्यालयों में कुछ समय लग सकता है, अत: यह संभव है कि फुटकर ग्राहकों की प्रतिभूतियां बैंकों के एस जी एल खातों में तब तक बनी रहें जब तक कि उनका अंतरण अपेक्षित सी एस जी एल खाते में न हो जाये अथवा उनका भौतिक रूप में परिवर्तन पूरा न हो और उनको लेखाबद्ध न कर लिया जाये ।

4. आपको विदित ही है कि बैंकों से आशा की जाती है कि वे सांविधिक चलनिधि अनुपात रखने के प्रयोजन हेतु उन्हीं प्रतिभूतियों को हिसाब में लें जो उनकी हों । चूंकि नीलामी की बोली प्रस्तुत करते समय साथ में अलग-अलग बोली देने वालों के ब्यौरों की सूची भी होती है, अत: बैंक प्रतिभूतियों के स्वामित्व का सत्यापन / उनकी पहचान कर सकते हैं । इसलिए आपको सूचित किया जाता है कि बैंकों के एस जी एल खातों में रखी गयी फुटकर ग्राहकों की प्रतिभूतियों को सांविधिक चलनिधि अनुपात रखने हेतु शेष की गणना करते समय शामिल न किया जाये

भवदीय

(आर. सी. मित्तल )
महा प्रबंधक

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