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असेट प्रकाशक

79050830

प्राधिकृत व्यक्ति - श्रेणीबद्ध करना

आरबीआइ/2005-06/314
ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.25
ए.पी.(एफएल सिरीज़) परिपत्र सं.02

मार्च 6, 2006

सेवा में
विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक
सभी प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तक/ संपूर्ण मुद्रा परिवर्तक

महोदया/महोदय,

प्राधिकृत व्यक्ति - श्रेणीबद्ध करना

रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 की धारा 10(1) के अनुसार प्राप्त आवेदन पर प्राधिकृत व्यक्ति के रूप में पहचाने जानेवाले किसी व्यक्ति को प्राधिकृत व्यापारी, मुद्रा परिवर्तक के रूप में अथवा अपतटीय बैंकिंग इकाई अथवा किसी अन्य प्रकार से जैसे वह उपयुक्त समझे, विदेशी मुद्रा में कारोबार करने के लिए प्राधिकृत कर सकता है।

2. वर्तमान में रिज़र्व बैंक प्राधिकृत व्यापारी (विदेशी मुद्रा में कारोबार करने के लिए प्राधिकृत बैंक) और संपूर्ण मुद्रा परिवर्तकों को लाइसेंस जारी करता है। वित्तीय और अन्य संस्थाओं को भी उनके व्यापार/ कार्यकलापों से संबंधित विशिष्ट विदेशी मुद्रा लेनदेन करने के लिए लाइसेंस प्रदान करता है।

3. विदेशी मुद्रा संबंधी लेनदेनों में और क्रमिक उदारीकरण से आबादी का एक बड़ा हिस्सा अब रिज़र्व बैंक से संपर्क किए बगैर अपने वैयक्तिक खातों में विभिन्न प्रकार के चालू खाता लेनदेन कर सकते हैं। सामान्य जनता को पर्याप्त विदेशी मुद्रा सुविधाएं प्रदान करने की दृष्टि से कार्यकलापों, जिसे करने के लिए प्राधिकृत व्यक्ति पात्र हैं, के क्षेत्र विस्तार के लिए ऐसे संस्थाओं की संख्या बढ़ाने, जो जनता को उनके दैनिक चालू खाता लेनदेनों के लिए विदेशी मुद्रा बेचने के लिए पात्र हैं तथा यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रतिस्पर्धा के माध्यम से प्रभावशाली ग्राहक सेवा दी जाती है, एक आंतरिक दल का गठन संबंधित मुद्दों के अध्ययन के लिए किया गया है। दल से यह अपेक्षा की जाती है कि वह विस्तारित और व्यापक पहुंच को दृष्टि में रखते हुए तथा सुरक्षा उपायों, विशेषकर रिपोर्टिंग आवश्यकताओं के साथ सिफारिश करें। "प्राधिकृत व्यक्तियों के लिए लाइसेंस नीति - उदारीकरण" रिपोर्ट को जनता से प्रतिसूचना प्राप्त करने के लिए दिसंबर 1, 2005 को रिज़र्व बैंक वेबसाइट पर डाला गया है।

4. रिपोर्ट के संबंध में प्राप्त प्रतिसूचना को ध्यान में रखते हुए रिज़र्व बैंक ने निर्णय किया गया है कि विभिन्न चालू खाते गैर-व्यापार संबंधी लेनदेनों के लिए विदेशी मुद्रा जारी करने/ प्रेषण हेतु नीचे दिए गए अनुसार चुनिन्दा संस्थाओं को प्राधिकार जारी किए जाएं। परिणामस्वरूप विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 10 की उप-धारा (व) के तहत जारी किए गए प्राधिकारवाले सभी प्रतिष्ठानों को निम्नानुसार श्रेणीबद्ध / पुन: श्रेणीबद्ध किया जाएगा:

(क) विदेशी मुद्रा में कारोबार करने के लिए प्राधिकृत व्यापारी

वर्तमान में प्राधिकृत बैंक श्रेणी I

(ख) (i) कोटिउन्नयन किए गए संपूर्ण }

मुद्रा परिवर्तक ल प्राधिकृत व्यापारी

(ii) चुनिन्दा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक } श्रेणी II

(iii) चुनिन्दा शहरी सहकारी बैंक }

(iv) अन्य संस्थाएं }

(ग) चुनिन्दा वित्तीय और अन्य संस्थाएं प्राधिकृत व्यापारी

श्रेणी III

(घ) संपूर्ण मुद्रा परिवर्तक कोई परिवर्तन नहीं

5. प्राधिकृत व्यापरी - श्रेणी II के रूप में प्राधिकार जारी करने की योजना के ब्योरे इस परिपत्र के संलग्नक घ् में दिए गए हैं।

6. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने निर्यातक ग्राहकों को अवगत करा दें।

7. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।

भवदीय

(विनय बैजल)

मुख्य महाप्रबंधक


संलग्नक I

मार्च 6, 2006 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.25 का संलग्नक
प्राधिकृत व्यक्ति - प्राधिकृत व्यापारी - श्रेणी II के रूप में प्राधिकार

योजना

स्पर्धा के माध्यम से जनता को प्रभावशाली ग्राहक सेवा प्रदान करने हेतु कार्यकलापों, जिसे करने के लिए प्राधिकृत व्यक्ति वर्तमान में पात्र हैं, के क्षेत्र विस्तार साथ ही संस्थाओं की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता थी, जो जनता को उनके दैनिक चालू खाता लेनदेनों के लिए विदेशी मुद्रा बेचते हैं। अत: रिज़र्व बैंक ने निर्णय लिया है कि कतिपय संस्थाओं को कतिपय गैर-व्यापार संबंधी चालू खाता लेनदेनों के लिए विदेशी मुद्रा जारी करने/ प्रेषण का कार्य करने के लिए प्राधिकार देकर और अधिक लेनदेन करने के लिए लाइसेंस दिया जाए और यह उन कार्यों के अतिरिक्त होगा जिन्हें करने के लिए संपूर्ण मुद्रा परिवर्तक वर्तमान में पात्र हैं। ऐसी संस्थाओं को प्राधिकृत व्यापारी - श्रेणी II कहा जाएगा।

  1. विदेशी मुद्रा में कारोबार करने के लिए प्राधिकृत व्यक्तियों को श्रेणीबद्ध करना

क्रम सं.

वर्तमान श्रेणी

संस्थाएं

संशोधित श्रेणी

मुख्य कार्यकलाप

1.

प्राधिकृत व्यापारी

• वाणिज्य बैंक

• राज्य सहकारी बैंक

• शहरी सहकारी बैंक

प्राधिकृत व्यापारी - श्रेणी II

समय-समय पर जारी भारतीय रिज़र्व बैंक
निदेशों के अनुसार सभी चालू और पूंजी
खाता लेनदेन (कोई परिवर्तन नहीं)

2.

-  

• कोटिउन्नयनवाले संपूर्ण

मुद्रा परिवर्तक

• सहकारी बैंक

• क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक

• अन्य

प्राधिकृत व्यापारी - श्रेणी II

नीचे पैरा 3 में दिए गए विशिष्ट गैर-व्यापार
संबंधी चालू खाता लेनदेन, साथ ही वे सभी
कार्यकलाप जिसकी अनुमति संपूर्ण मुद्रा परिवर्तकों
को दी गई है। रिज़र्व बैंक द्वारा यथानिर्धारित अन्य
कोई कार्यकलाप।

3.

   

चुनिन्दा वित्तीय और अन्य संस्थाएं

प्राधिकृत व्यापारी - श्रेणी III

इन संस्थाओं द्वारा की गई विदेशी मुद्रा कार्यकलापों के
प्रासंगिक लेनदेन (कोई परिवर्तन नहीं)

4.

संपूर्ण मुद्रा परिवर्तक

• डाक विभाग

• शहरी सहकारी बैंक

• अन्य संपूर्ण मुद्रा परिवर्तक

संपूर्ण मुद्रा परिवर्तक

निजी और व्यापारिक विदेशी दौरों के लिए विदेशी
मुद्रा की खरीद और बिक्री (कोई परिवर्तन नहीं)

3. प्राधिकृत व्यापारी - श्रेणी II को अनुमत विस्तारित कार्यकलाप

प्राधिकृत व्यापारी - श्रेणी II को निम्नलिखित लेनदेनों के लिए विदेशी मुद्रा जारी करने/ प्रेषण की अनुमति दी जाएगी :

क)

निजी दौरे

ख)

यात्रा परिचालक/ यात्रा एजेंट द्वारा समुद्रपारीय एजेंट/ प्रधान/होटेल को प्रेषण

ग)

व्यावसायिक यात्रा

घ)

वैश्विक सम्मेलनों और विशेषीकृत प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए शुल्क

(ङ)

अंतरराष्ट्रीय समारोहों/ स्पर्धाओं में भाग लेने के लिए प्रेषण (प्रशिक्षण, प्रायोजित करने तथा पुरस्कार राशि के लिए)

(च)

फिल्म शूटिंग

(छ)

विदेश में चिकित्सा

(ज)

कर्मीदल को वेतन का वितरण

(झ)

विदेश में शिक्षा प्राप्त करने

(ञ)

विदेश स्थित महाविद्यालयों के साथ शैक्षणिक ताल-मेल व्यवस्था के अंतर्गत प्रेषण

(त)

भारत और विदेश में आयोजित परीक्षाओं तथा जीआरई/टीओईएफएल, आदि के अतिरिक्त स्कोर शीट की फीस के लिए प्रेषण

(थ)

विदेशी नौकरी आवेदनों के लिए नियोजन और प्रोसेसिंग मूल्यांकन शुल्क

(द)

उत्प्रवास तथा उत्प्रवास परामर्श शुल्क

(ध)

भावी उत्प्रवासी के लिए कुशलता/ परिचय मूल्य निर्धारण शुल्क

(न)

वीज़ा शुल्क

(ट)

पुर्तगाली/ अन्य सरकारों द्वारा वांछित दस्तावेजों के पंजीकरण के लिए प्रोसेसिंग शुल्क

(ठ)

अंतरराष्ट्रीय संगठनों को पंजीकरण/ अभिदान/ संदस्यता शुल्क

 

प्राधिकृत व्यापारी - श्रेणी II को मामला-दर-मामला आधार पर रिज़र्व बैंक द्वारा यथानिर्धारित अतिरिक्त कार्यकलाप करने की भी अनुमति दी जा सकती है।

4. प्राधिकृत व्यापारी - श्रेणी II को लाइसेंस प्रदान करने के लिए पात्रता मानदंड

प्राधिकृत व्यापारियों की विभिन्न श्रेणियों को उपलब्ध वर्तमान छूट को देखते हुए विनियामक ढांचे को ध्यान में रखकर जिसके तहत संस्था की प्रत्येक श्रेणी कार्यरत है, उन्हें प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी घ्घ् के रूप में लाइसेंस प्रदान करने के मुद्दे पर विचार किया गया है। पात्रता मानदंड मुख्य रूप से सुदृढ़ वित्तीय स्थिति, अच्छा अभिशासन, विनियामक/ विवेकसम्मत सुविधाओं और पर्याप्त आंतरिक नियंत्रण तंत्र पर निर्भर करते हैं। यह निर्णय लिया गया है कि इस प्रयोजन के लिए संस्थाओं की निम्नलिखित श्रेणी पर विचार किया जा सकता है।

अ. वर्तमान संपूर्ण मुद्रा परिवर्तक

रिज़र्व बैंक सुदृढ़ वित्तीय स्थितिवाले, अच्छी तरह कार्य करनेवाले वर्तमान संपूर्ण मुद्रा परिवर्तकों को प्राधिकृत व्यापारी - श्रेणी घ्घ् के लाइसेंस प्रदान करने पर विचार करेगा जिनका विनियामक/ विवेकसम्मत सुविधाएं प्रदान करते समय अच्छा अधिशासन रहता है। वर्तमान संपूर्ण मुद्रा परिवर्तक से प्राधिकृत व्यापारी - श्रेणी घ्घ् में कोटिउन्नयन के मानदंड में 10 करोड़ रुपये के न्यूनतम निवल स्वाधिकृत निधियां, संपूर्ण मुद्रा परिवर्तक के रूप में पिछले दो वर्षों का संतोषजनक कार्य परिचालन और उनके अपने-अपने बैंकों से प्राप्त संतोषजनक ऋण रिपोर्ट शामिल है।

आ. शहरी सहकारी बैंक

सहकारी क्षेत्र के लिए "विज़न डॉक्युमेंट" में निर्धारित रूपरेखा को अपनाने के साथ क्षेत्र के अनेक पर्यवेक्षी संस्थाओं का ध्यान दिया जा रहा है। प्राधिकृत व्यापारी - श्रेणी II को किसी भी प्रकार के आरंभिक जोखिम लेने की अनुमति नहीं है तथा इन लाइसेंसों के अंतर्गत एक मुद्रा को दूसरी मुद्रा में केवल परिवर्तन की अनुमति देता है। अत: प्राधिकृत व्यापारी - श्रेणी घ्घ् के रूप में लाइसेंस हेतु सुदृढ़ वित्तीय स्थिति, अच्छा अधिशासन और विनियामक/ विवेक सम्मत सुविधाएं प्रदान करनेवाले शहरी सहकारी बैंकों पर मामला-दर-मामला आधार पर विचार किया जाएगा।

इ. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के विस्तृत शाखा नेटवर्क के देखते हुए और सामान्य जनता को दहलीज़ पर विदेशी मुद्रा सेवा प्रदान करने हेतु सुदृढ़ वित्तीय स्थिति, अच्छे अधिशासन और विनियामक/पर्यवेक्षणी सुविधाएं प्रदान करनेवाले तथा आवश्यक कार्य कौशल और क्षमतावाले क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को प्राधिकृत व्यापारी - श्रेणी II के रूप में लाइसेंस देने पर विचार किया जाएगा।

5. विदेश में विदेशी मुद्रा खाता (नॉस्त्रो) खोलना

प्राधिकृत व्यापारी - श्रेणी II के रूप में लाइसेंस दिए जाने के लिए प्रस्तावित संस्थाओं को ऐसे लेनदेन करने के लिए अनुमति दी जा रही है जिसमें एक मुद्रा का दूसरे मुद्रा में परिवर्तन शामिल है। ऐसे लेनदेन के लिए भारत के बाहर किसी बैंक में विदेशी मुद्रा की प्रधानतावाले (नॉस्त्रो) खाते खोलना और उन्हें बनाए रखना आवश्यक नहीं है। फिर भी ऐसे लेनदेनों के लिए विदेशी मुद्रा में ड्राफ्ट आदि जारी करने को सुविधाजनक बनाने के लिए प्राधिकृत व्यापारी - श्रेणी II भारत में विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत बैंकों के साथ व्यवस्था कर सकता है।

6. रिपोर्टिंग

प्राधिकृत व्यापारी - श्रेणी II के लिए लेनदेनों के निम्नलिखित मासिक विवरण प्रस्तुत करना आवश्यक है :

अ. शुरू में प्रति लेनदेन 5,000 अमरीकी डॉलर से अधिक की राशिवाले लेनदेनों का श्रेणीवार विवरण, ताकि छ: महीने में प्रारंभिक समीक्षा की जा सके और एक सुदृढ़ प्रारंभ को प्राप्त किया जा सके।

आ. श्रेणीवार, लेनदेनवार विवरण जहां प्रति लेनदेन की राशि 25,000 अमरीकी डॉलर से अधिक है।

रिपोर्ट के फार्मेट इस परिपत्र के संलग्नक II में दिए गए हैं।

7. निरीक्षण / लेखा परीक्षा

प्राधिकृत व्यापारी - श्रेणी घ्घ् के लिए नियमों/ विनियमों/ निदेशों के अनुपालन की पुष्टि करनेवाला लेखापरीक्षक से प्राप्त प्रमाणपत्र पर्याप्त होगा। फिर भी रिज़र्व बैंक के पास यथावश्यक इनके निरीक्षण का अधिकार सुरक्षित है। रिज़र्व बैंक के लिए यह भी ज़रूरी है कि प्राधिकृत व्यापारी - श्रेणी II के विशेष लेखापरीक्षण के लिए लेनदेनों के स्वरूप के आधार पर रिज़र्व बैंक द्वारा अनुमोदित सूची/ इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के किसी लेखापरीक्षक द्वारा लेखापरीक्षण करवाए।

8. धनशोधन निवारण/ अपने ग्राहक को जानिए मानदंड

संपूर्ण मुद्रा परिवर्तक के लिए निर्धारित अपने ग्राहक को जानिए और धनशोधन निवारण मानदंड प्राधिकृत व्यापारी - श्रेणी घ्घ् पर भी लागू होंगे।


संलग्नक II

मार्च 6, 2006 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.25 का संलग्नक

माह ________ के लिए प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी II

द्वारा प्रस्तुत की जानेवाली मासिक रिपोर्ट

रिपार्ट अगले महीने की 15 तारीख तक मुख्य महाप्रबंधक, विदेशी मुद्रा विभाग, विदेशी मुद्रा बाज़ार प्रभाग, केन्द्रीय कार्यालय, अमर भवन, मुंबई 400 001 को भेजी जाए। इस रिपोर्ट को एक्ज़ेल स्प्रेडशीट में fedcofmd@rbi.org.in को ई-मेल किया जाए।

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - II का नाम

पता :

भाग - अ

(श्रेणीवार लेनदेन जहां राशि प्रति लेनदेन 5000 अमरीकी डॉलर से अधिक हो)

क्रम सं.

प्रेषण का उद्देश्य

लेनदेनों की संख्या

कुल राशि

क)

निजी दौरे

   

ख)

यात्रा परिचालक/ यात्रा एजेंट द्वारा समुद्रपारीय एजेंट/
प्रधान/होटेल को प्रेषण

   

ग)

व्यावसायिक यात्रा

   

घ)

वैश्विक सम्मेलनों और विशेषीकृत प्रशिक्षण में भाग
लेने के लिए शुल्क

   

(ङ)

अंतरराष्ट्रीय समारोहों/ स्पर्धाओं में भाग लेने के लिए प्रेषण
(प्रशिक्षण, प्रायोजित करने तथा पुरस्कार राशि के लिए)

   

(च)

फिल्म शूटिंग

   

(छ)

विदेश में चिकित्सा

   

(ज)

कर्मीदल को वेतन का वितरण

   

(झ)

विदेश में शिक्षा प्राप्त करने

   

(ञ)

विदेश स्थित महाविद्यालयों के साथ शैक्षणिक
ताल-मेल व्यवस्था के अंतर्गत प्रेषण

   

(त)

भारत और विदेश में आयोजित परीक्षाओं तथा
जीआरई/टीओईएफएल, आदि के अतिरिक्त स्कोर
शीट की फीस के लिए प्रेषण

   

(थ)

विदेशी नौकरी आवेदनों के लिए नियोजन और
प्रोसेसिंग मूल्यांकन शुल्क

   

(द)

उत्प्रवास तथा उत्प्रवास परामर्श शुल्क

   

(ध)

भावी उत्प्रवासी के लिए कुशलता/ परिचय
मूल्य निर्धारण शुल्क

   

(न)

वीज़ा शुल्क

   

(ट)

पुर्तगाली/ अन्य सरकारों द्वारा वांछित दस्तावेजों के
पंजीकरण के लिए प्रोसेसिंग शुल्क

   

(ठ)

अंतरराष्ट्रीय संगठनों को पंजीकरण/ अभिदान/
संदस्यता शुल्क

   

भाग - आ

(श्रेणीवार, लेनदेनवार ब्योरे

जहां राशि प्रति लेनदेन 25000 अमरीकी डॉलर से अधिक हो)

क) निजी दौरे

क्रम सं.

नाम

राशि

1

   

2

   

3

   

. . .

   

. . .

   

ख) यात्रा परिचालक/ यात्रा एजेंट द्वारा समुद्रपारीय एजेंट/ प्रधान/होटेल को प्रेषण

क्रम सं.

नाम

राशि

1

   

2

   

3

   

. . .

   

. . .

   

ग) व्यावसायिक यात्रा

1

   

2

   

3

   

..

   

..

   

(संलग्नक I के पैराग्राफ 3 में दिए गए अनुसार (क) से (ठ) तक प्रत्येक श्रेणी के लेनदेनों के ब्योरे रिपोर्ट में दिए जाएं)

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