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शेयरधारिता में परिवर्तन हेतु बैंक से पूर्वानुमति लेना

भारिबैं/2014-2015/476
गैबैंविवि(नीप्र)कंपरि.सं.01/एससीआरसी/26.03.001/2014-2015

24 फरवरी 2015

अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक
मुख्य कार्यकारी अधिकारी
सभी पंजीकृत प्रतिभूतिकरण कंपनियां/
पुनर्रचना कंपनियां

महोदय,

शेयरधारिता में परिवर्तन हेतु बैंक से पूर्वानुमति लेना

वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण औअर पुनर्रचना एंव प्रतिभूति हित प्रवर्तन (सरफेसी) अधिनियम, 2002 की धारा 3(6) के अनुसार, प्रत्येक प्रतिभूतिकरण कंपनी/पुनर्रचना कंपनी (एससी/आरसी) से अपेक्षित है कि अपने प्रबंधन में किसी पर्याप्त परिवर्तन हेतु भारतीय रिज़ॅर्व बैंक से पूर्वानुमति प्राप्त की जाए। इस धारा में “प्रबंधन में पर्याप्त परिवर्तन" का अर्थ, शेयर का अंतरण अथवा समामेलन या कंपनी के कारोबार का हस्तांतरण द्वारा प्रबंधन में परिवर्तन से है। अत: एससी/आरसी को पंजीकरण प्रमाण पत्र मंजूर करते समय एक नियम और शर्त यह भी निर्धारित है जिसमें कहा गया है कि उसके शेयरधारिता पैटर्न में किसी प्रकार के परिवर्तन के लिए एससी/आरसी द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्वानुमति ली जाए।

2. एससी/आरसी कंपनियों के कार्यप्रणाली को सुगम बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि इसके बाद से एससी/आरसी के शेयरधारिता पैटर्न में केवल निम्नलिखित परिवर्तनों के लिए ही भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्वानुमति लेना होगा:

  1. शेयर अंतरण का ऐसा प्रकार जिसके द्वारा अंतरिती प्रायोजक बन जाता है।

  2. शेयर अंतरण का ऐसा प्रकार जिसके द्वारा अंतरणकर्ता का प्रायोजक बने रहना समाप्त हो जाता है।

  3. पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रारंभ होने की तारीख से पांच वर्षों की अवधि के दौरान प्रायोजक द्वारा एससी/आरसी के कुल प्रदत्त शेयर पूंजी का दस प्रतिशत अथवा उससे अधिक का समग्र अंतरण ।

3. एससी/आरसी को पंजीकरण प्रमाण पत्र मंजूर करने के लिए निर्धारित अन्य सभी नियम और शर्तें यथावत लागू रहेंगे।

4. एससी/आरसी कृपया उक्त निदेशों का गहन अनुपालन हेतु नोट करें।

5. प्रतिभूतिकरण कंपनी तथा पुनर्रचना कंपनी (रिज़र्व बैंक) दिशानिदेश तथा निदेश 2003 को संशोधित करने वाला 24 फरवरी 2015 की अधिसूचना गैबैंविवि (नीप्र-एससी/आरसी)सं.01/सीजीएम(सीडीश्री)-2015 इसके साथ संलग्न है।

भवदीय,

(सी डी श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक


भारतीय रिजर्व बैंक
गैर बैंकिंग विनियमन विभाग
केन्द्रीय कार्यालय
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर
मुंबई 400 005

अधिसूचना गैबैंविवि(नीप्र-एससी/आरसी)सं.1/सीजीएम (सीडीश्री)/2015

24 फरवरी 2015

भारतीय रिजर्व बैंक, जन हित में इसे आवश्यक मानते हुए तथा इस बात से संतुष्ट होकर कि वित्तीय प्रणाली को देश के हित में विनियमित करने हेतु रिजर्व बैंक को समर्थ बनाने के प्रयोजन के लिए और किसी भी प्रतिभूतिकरण कंपनी(एससी) या पुनर्निर्माण कंपनी(आरसी) के निवेशकों के हित के लिए हानिकारक ढंग से चलाए जा रहे कार्यकलापों को या ऐसी प्रतिभूतिकरण कंपनी या पुनर्निर्माण कंपनी के हित में किसी भी प्रकार से पक्षपाती ढंग चलाए जा रहे कार्यकलापों को रोकने के लिए "वित्तीय परिसंपत्तियों के प्रतिभूतिकरण तथा पुनर्निर्माण और प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002" की धारा 3, 9, 12 और 13 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 23 अप्रैल 2003 की अधिसूचना सं.डीएनबीएस 2/सीजीएम(सीएसएम)-2003 मे निहित प्रतिभूतिकरण कंपनी और पुनर्निर्माण कंपनी (रिजर्व बैंक) मार्गदर्शी सिद्धांत तथा निदेश, 2003 (जिन्हें इस के बाद मार्गदर्शी सिद्धांत/दिशानिर्देश कहा गया है) को तत्काल प्रभाव से निम्नानुसार संशोधित करने का निदेश देता है:-

2. नया पैराग्राफ 24 शामिल किया जाना

पैराग्राफ 23 के बाद निम्नलिखित पैराग्राफ 24 शामिल किया जाए।

“24. शेयरों के अंतरण द्वारा प्रबंधन में किसी प्रकार का पर्याप्त परिवर्तन हेतु बैंक से पूर्वानुमति लेना”

अधिनियम की धारा 3 के तहत जारी पंजीकरण प्रमाण पत्र में निर्धारित नियम और शर्तों में निहित विपरित तथ्यों के बावजुद भी, एससी/आरसी को अंतरण हेतु भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्वानुमति लेनी होगी जिसके परिणामस्वरूप केवल निम्नलिखित मामलों के प्रबंधन में पर्याप्त परिवर्तन होता है:

  1. शेयर अंतरण का ऐसा प्रकार जिसके द्वारा अंतरिती प्रायोजक बन जाता है।

  2. शेयर अंतरण का ऐसा प्रकार जिसके द्वारा अंतरणकर्ता का प्रायोजक बने रहना समाप्त हो जाता है।

  3. पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रारंभ होने की तारीख से पांच वर्षों की अवधि के दौरान प्रायोजक द्वारा एससी/आरसी के कुल प्रदत्त शेयर पूंजी का द्स प्रतिशत अथवा उससे अधिक का समग्र अंतरण।

स्पष्टीकरण :- इस क्लॉज के प्रयोजनार्थ, एससी/आरसी द्वार कुल प्रदत्त शेयर पूंजी के दस प्रतिशत से अधिक अंतरण को अंतरण माना जाएगा यदि प्रायोजक द्वारा किया गया सभी अंतरण उस अंतरण के पूर्व किया गया हो और जिसमें एससी/आरसी के कुल प्रदत्त शेयर पूंजी का दस प्रतिशत तथा ससे अधिक का अंतरण शामिल हो।

(सी डी श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक

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