चलनिधि मानकों पर बासल III मानदंड – चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर) - आरबीआई - Reserve Bank of India
चलनिधि मानकों पर बासल III मानदंड – चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर)
भारिबैं/2019-20/217 17 अप्रैल 2020 सभी वाणिज्यिक बैंक महोदय/महोदया चलनिधि मानकों पर बासल III मानदंड – चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर) कृपया हमारे दिनांक 09 जून 2014 के परिपत्र बैंपविवि.बीपी.बीसी.सं.120/21.04.098/2013-14 और इससे बाद के संबंधित परिपत्रों का संदर्भ लें। 2. वैश्विक वित्तीय संकट के बाद के सुधारों के भाग के रूप में, बैंकिंग पर्यवेक्षण पर बासल समिति (बीसीबीएस) ने चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर) आरंभ किया था, जिसमें बैंकों से अपेक्षा की गई थी कि दबावग्रस्त स्थितियों में 30 दिन के निवल बहिर्प्रवाह को पूरा करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली तरल आस्तियां (एचक्यूएलए) बनाए रखें। साथ ही, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 के अनुसार भारत में बैंको से सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाए रखने के लिए तरल आस्तियां रखने की अपेक्षा है। इस तथ्य को देखते हुए कि एसएलआर के तहत तरल आस्तियां और एलसीआर के तहत एचक्यूएलए लगभग समान हैं, हम बैंकों को एसएलआर प्रतिभूतियों के उतरोत्तर बढ़ते अनुपात को एलसीआर के लिए एचक्यूएलए के रूप में माने जाने की अनुमति देते रहे हैं ताकि दोनों अपेक्षाओं के लिए तरल आस्तियां रखने की आवश्यकता को इष्टतम बनाया जा सके। 3. वर्तमान में, स्तर 1 उच्च गुणवत्ता वाली तरल आस्तियां (एचक्यूएलए) के रूप में अनुमति प्राप्त आस्तियों में, अन्य के साथ-साथ, अनिवार्य एसएलआर अपेक्षाओं के तहत आने वाली आस्तियों के अंदर, (i) सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) और (ii) चलनिधि कवरेज अनुपात के लिए चलनिधि लेने की सुविधा (एफएएलएलसीआर) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अनुमत सीमा तक सरकारी प्रतिभूतियां शामिल हैं [1 अप्रैल 2020 से बैंक के एनडीटीएल का 15 प्रतिशत]। चूंकि अब 11 अप्रैल 2020 से एसएलआर को घटाकर एनडीटीएल का 18 प्रतिशत कर दिया गया है और एमएसएफ को बैंक के एनडीटीएल के 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 3 प्रतिशत कर दिया गया है (27 मार्च 2020 से शुरु और 30 जून 2020 तक लागू), बैंकों द्वारा धारित सभी एसएलआर- पात्र आस्तियों को एलसीआर के प्रयोजन से एचक्यूएलए के रूप में माने जाने की अनुमति दी जाती है। 4. साथ ही, 1 जनवरी 2019 से बैंकों1 से 100 प्रतिशत का एलसीआर बनाए रखने की अपेक्षा है। कोविड 19 वैश्विक महामारी के कारण बैंकों के नकदी प्रवाह पर भार को संतुलित करने के लिए, बैंकों को निम्नलिखित रूप में एलसीआर बनाए रखने की अनुमति दी जाती है:
उपर्युक्त एलसीआर अपेक्षाओं का उल्लंघन होने पर बैंक, पर्यवेक्षण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जांच किए जाने के लिए एलसीआर पुनः पूर्ण करने की योजना बनाएंगे। भवदीय (सौरभ सिन्हा) 1 एसएफबी से 1 जनवरी 2020 से 90 प्रतिशत का एलसीआर और 1 जनवरी 2021 से 100 प्रतिशत का एलसीआर बनाए रखने की अपेक्षा है। |