चलनिधि मानकों पर बासल III ढांचा – चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर), चलनिधि जोखिम निगरानी साधन तथा एलसीआर प्रकटीकरण मानक - आरबीआई - Reserve Bank of India
चलनिधि मानकों पर बासल III ढांचा – चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर), चलनिधि जोखिम निगरानी साधन तथा एलसीआर प्रकटीकरण मानक
भारिबै/2018-19/164 4 अप्रैल 2019 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदय/महोदया, चलनिधि मानकों पर बासल III ढांचा – चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर), कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 27 सितंबर 2018 का हमारा परिपत्र बैंविवि.बीपी.बीसी.सं.4/21.04.098/2018-19, अन्य संबंधित परिपत्र और दिनांक 4 अप्रैल 2019 को जारी प्रथम द्वैमासिक मौद्रिक नीति 2019-20 का पैरा I (1) देखें। 2. वर्तमान में, बैंकों के लिए एलसीआर की गणना के प्रयोजन से स्तर 1 उच्च गुणवत्ता वाली चलनिधि आस्तियों (एचक्यूएलए) के रूप में अनुमत आस्तियों में, अन्य बातों के साथ-साथ, (क) न्यूनतम एसएलआर अपेक्षा से अधिक सरकारी प्रतिभूतियां और (ख) अनिवार्य एसएलआर अपेक्षाओं के भीतर (i) सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) [वर्तमान में बैंक के एनडीटीएल का 2 प्रतिशत] तथा (ii) चलनिधि कवरेज अनुपात के लिए चलनिधि लेने की सुविधा (एफएएलएलसीआर) [वर्तमान में बैंक के एनडीटीएल का 13 प्रतिशत] के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अनुमत सीमा तक सरकारी प्रतिभूतियां शामिल हैं। 3. यह निर्णय लिया गया है कि बैंकों को एलसीआर की गणना के प्रयोजन से स्तर 1 एचक्यूएलए के रूप में अनिवार्य एसएलआर अपेक्षाओं के भीतर एफएएलएलसीआर के अंतर्गत धारित सरकारी प्रतिभूतियों के 2 प्रतिशत अतिरिक्त की मान्यता देने की अनुमति दी जाएगी। यह नीचे दिए गए अनुसार चरणबद्ध रूप में होगा।
4. एलसीआर के प्रयोजन से बैंकों को एचक्यूएलए के रूप में मान्यता प्राप्त ऐसी सरकारी प्रतिभूतियों का मूल्य निर्धारण ऐसी राशि पर करना जारी रखना चाहिए, जो उनके वर्तमान बाजार मूल्य से अधिक न हो (प्रतिभूति को धारण करने की श्रेणी, अर्थात् एचटीएम, एएफएस या एचएफटी को ध्यान में न रखते हुए) । भवदीय (सौरभ सिन्हा) |