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वायदा संविदाओं को बुक और र िकरना

आरबीआइ/2004-05/500
ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.47

जून 23, 2005

विदेशी मुद्रा में कारोबार करनेवाले प्राधिवफ्त सभी बैंक
महोदया/महोदय

वायदा संविदाओं को बुक और र िकरना

प्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान दिसंबर 21, 2002 के एपी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.63 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार निवासियों द्वारा अपने विदेशी मुद्रा ऋण जोखिम के संबंध में बुक की हुई सभी वायदा संविदाओं को जो वर्ष के भीतर देय हैं स्वतंत्र रूप से र िकरने और पुन: बुक करने की अनुमति दी जाती है, बशर्ते ग्राहक अपने प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों को वार्षिक आधार पर आयात और गैर व्यापार भुगतान जोखिम के ब्यौरे प्रस्तुत करता है। एक वर्ष से अधिक के निर्यात लेनदेनों के हेजिंग हेतु बुक की गयी वायदा संविदाओं को भी स्वतंत्र रूप से र िकरने और पुन: बुक करने की भी अनुमति दी जाती है। एक वर्ष के बाद देय अन्य सभी ऋण जोखिमो को कवर करने के लिए बुक की गयी वायदा संविदाएं एक बार र िहोने के बाद, पुन: बुक नहीं की जा सकती है।

2. निवासियों को उनके ऋण जोखिमों के प्रबंध करने में और अधिक नमनीयता लाने के लिए यह निर्णय किया गया है कि अवधि पर ध्यान दिए बगैर चालू खाता लेनदेनों के बचाव हेतु निवासियों द्वारा बुक की गयी सभी वायदा संविदाओ ंको स्वतंत्र रूप से र िकरने और पुन: बुक करने की अनुमति दी जाए। यह स्पष्ट किया जाता है कि यह छूट दस्तावेजों के बिना पिछले कार्य-निष्पादन आधार पर बुक की गयी वायदा संविदाओं साथ ही विेदेशी मुद्रा मूल्य वर्ग में बुक की गई

किन्तु भारतीय रुपयों में (आइएनआर) भुगतान किए गए वायदा संविदाओं पर, जहां विद्यमान प्रतिबंध लागू रहेंगे, लागू नहीं हैं।

3. वायदा करारों के बुकिंग / र िकरने / पुन: बुकिंग करने से संबंधित 21 दिसंबर के हमारे ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.63 में समाविष्ट अन्य सभी दिशा-निदेश, अनुदेश, जिस में विदेशी मुद्रा में जोखिमों के ब्यौरों के प्रस्तुतीकरण भी शामिल है, अपरिवर्तित रहेंगे। जोखिम की घोषणा किए जानेवाले फार्मेट संशोधित दिशा-निर्देशों के आधार पर आशोधित किया गया है और उसे इस परिपत्र के साथ संलग्न किया गया है। वफ्पया नोट करें कि सभी कंपनी ग्राहकों के जोखिमों का ब्योरा रिपोर्ट में शामिल किया जाना है। फिर भी, उनके द्वारा वर्ष के 1 अप्रैल की स्थिति की अपेक्षित जोखिम सूचना प्रस्तुत किए जाने तक र िकरने और पुन:/ बुक करने की सुविधा उन्हें नहीं दी जानी चाहिए।

 

4. विदेशी मुद्रा विभाग, प्रबंध (विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव संविदा) विनियमावली 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जाएंगे।

5. प्राधिवफ्त व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने ग्राहकों को अवगत कराएं।

6. इस परिपत्र में निहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (99 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत जारी किए है और वह किसी भी आवश्यक कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, अगर कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।

भवदीय

(विनय बैजल )

महा प्रबंधक (प्रभारी अधिकारी)


संलग्नक

 

1 अप्रैल को विदेशी मुद्रा के जोखिम के संबध में जानकारी

कंपनी का नाम :-

रकम एमआइओ समकक्ष के अमेरिकन डॉलर में

कॉलम (1) की राशि की पहले ही हेजिंग की गई है।

(1)

(2)

व)

आयात लेनदेन

@

#

वव)

गैर व्यापार भुगतान

#

#

नोट

प्राधिवफ्त व्यापारी उक्त आंव डों को बैंक के लिए समग्र रूप से समेकित करें और कंपनीवार शेष देते हुए महाप्रबंधक (प्रभारी अधिकारी) विदेशी मुद्रा विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केन्द्रीय कार्यालय, विदेशी बाज़ार प्रभाग, मुंबई 400001 को प्रत्य्ेाक वर्ष के जून 30 तक रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

@पिछले तीन वर्ष के औसत के आधार पर परिकलित, बाद के भारी बदलाव, यदि कोई हो, में यथावत फैक्टरिंग ।

# वास्तविकता के आधार पर

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