RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S1

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79284814

वायदा संविदा करना

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग
केद्रीय कार्यालय
मुंबई

ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिक्रम क्र.98

अप्रैल 29, 2003

सेवा में
विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी

महोदया/महोदय,

वायदा संविदा करना

प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान अप्रैल 4, 2003 के एपी (डीआईआर सिरीज) परिपत्र क्र.92 की ओर आकृष्ट किया जाता है । वायदा संविदा की सीमा को और बढ़ाने का निर्णय किया गया है ताकि निम्नलिखित लेनदेन उसमें समाहित हो सके ।

1. विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के अंतर्गत अंतर्वाह

भारत में विदेशी निवेश हेतु अंतर्वाह के लिए वायदा संविदा वर्तमान में उपलब्ध नहीं है। अब निर्णय किया गया है कि भारत से बाहर निवासियों को भारत में प्रस्तवित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से उत्पन्न होने वाली जोखिम की रक्षा के लिए प्राधिकृत व्यापारियों के साथ वायदा विक्री संविदा कर सकते हैं। ऐसी संविदाएँ करने की अनुमति तब दी जाए जबकी समुद्रपारीय सत्ता ने सभी आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा किया हो और निवेश के लिए (जहाँ कहीं लागू हो) आवश्यक अनुमोदन प्राप्त किया हो।

संविदा की कालवधि छह महीने से अधिक नहीं होनी चाहिए पश्चात् संविदा को लागू रखने के लिए रिज़र्व बैंक का अनुमोदन आवश्यक होगा। यदि वायदा संविदा रद्द की जाती है तो उसी अंतर्वाह के लिए वह दुबारा किए जाने के लिए पात्र नहीं होगी और यदि रद्द करने के कारण कोई विनिमय लाभ प्राप्त हुआ हो तो उसे समुद्रपारीय निवेशक को नहीं भेजा जाएगा।

2. विदेशी मुद्रा में नामित और भारतीय
रुपये में निपटाए गए लेनदेन

मई 3, 2000 की अधिसूचना क्रमांक फेमा.25/आरबी-2000 की अनुसूची 1 के पैराग्राफ अ के अनुसार निवासियों को अधिनियम अथवा विनियम, निदेश अथवा आदेश जारी किए गए अथवा उसके अंतर्गत विदेशी मुद्रा की विक्री/ अथवा खरीद से संबंधित लेनदेनों के लिए भारत में वायदा संविदा की अनुमति दी जाती है।

अब से पहले, विदेशी मुद्रा में नामित परंतु भारतीय रुपये में निपटाए गए लेनदेन के संबंध में वायदा रक्षा उपलब्ध नहीं थी। अब ऐसे लेनदेन की रक्षा के लिए वायदा संविदा करने की अनुमति देने का निर्णय किया गया है । ये संविदाएं परिपक्वता तक जारी रहेंगी और उनका नकद भुगतान परिपक्वता की तारीख पर संविदा के निरस्तीकरण द्वारा किया जाएगा। ऐसे लेनदेन की वायादा संविदाएं एक बार निरस्त करने के बाद दुबारा करने के लिए पात्र होंगी।

सभी वायदा संविदाओं के मामलों के समान, प्राधिकृत व्यापारी अपने ग्राहकों से वायदा करते समय निहित निवेश के लिए पहले रक्षा नहीं की गई है इसकी पुष्टि की घोषणा प्राप्त करें।

3. एफसीएनआर (बैंक) खातों की शेष जमा राशियों
के लिए अंतर मुद्रा वायदा संविदाएं

मई 3, 2000 की अधिसूचना क्रमांक फेमा.25/आरबी-2000 की अनुसूची 2 के पैराग्राफ 2(ख) के अनुसार अनिवासी भारतीय अथवा समुद्रपारीय निगमित निकायों को एफसीएनआर खाते में धारित राशियों की रक्षा के लिए रुपये के रूप में वायदा संविदा करने की अनुमति है।

एफसीएनआर (बैंक) जमा राशियों के धारकों को बेहतर रक्षा के अवसर उपलब्ध कराने के विचार से जमाकर्ताओं को एक विदेशी मुद्रा में धारित जमा राशि को दूसरी विदेशी मुद्रा, जिसमें कि एफसीएनआर (बैंक) जमा की अनुमति है, में परिवर्तन के लिए अंतर मुद्रा (रुपया शामिल नहीं है) वायदा संविदा करने की अनुमति, खाताधारी के विकल्प पर, देने का निर्णय किया गया है। ऐसी संविदाएं एक बार रद्द कर देने पर दुबार करने के लिए पात्र नहीं होंगी।
 
4. विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे है।
 
5. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु की जानकारी अपने सभी संबंधित ग्राहकों को दे दें।

6. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं।

भवदीय,

(ग्रेस कोशी)
मुख्य महाप्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?