पूंजी पर्याप्तता मानंदड - सहायक कंपनियों/सहयोगी कंपनियों में बैंकों के निवेश तथा सहायक कंपनियों /सहयोगी कंपनियों द्वारा अपने मूल बैंकों में किये गये निवेशों के संबंध में कार्रवाई (ट्री - आरबीआई - Reserve Bank of India
पूंजी पर्याप्तता मानंदड - सहायक कंपनियों/सहयोगी कंपनियों में बैंकों के निवेश तथा सहायक कंपनियों /सहयोगी कंपनियों द्वारा अपने मूल बैंकों में किये गये निवेशों के संबंध में कार्रवाई (ट्री
आरबीआइ सं. 2007-08/341 |
बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 88 /21.06.001/2007-08 |
30 मई 2008 |
9 ज्येष्ठ 1930 (शक) |
अध्यक्ष /अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक /प्रबंध निदेशक /मुख्य कार्यपालक अधिकारी |
सभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) |
महोदय |
पूंजी पर्याप्तता मानंदड - सहायक कंपनियों/सहयोगी कंपनियों में |
बैंकों के निवेश तथा सहायक कंपनियों /सहयोगी कंपनियों द्वारा |
अपने मूल बैंकों में किये गये निवेशों के संबंध में कार्रवाई (ट्रीटमेंट) |
कृपया ‘पूंजी पर्याप्तता से संबंधित विवेकपूर्ण मानंदड’ पर 2 जुलाई 2007 के मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 4/21.01.002/2007-08 का पैराग्राफ 2.1.3 तथा ‘नए पूंजी पर्याप्तता ढांचे का कार्यान्वयन’ पर 27 अप्रैल 2007 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 90/ 20.06.001/ 2006-07 का पैराग्राफ 4.4.6 देखें , जो पूंजी पर्याप्तता मानदंडों के प्रयोजन के लिए सहायक /सहयोगी कंपनियों में बैंकों के निवेशों के ट्रीटमेंट से संबंधित हैं। |
2. बैंकों द्वारा अपनी सहायक तथा सहयोगी कंपनियों में किए गए निवेश तथा बैंकों की सहायक तथा सहयोगी कंपनियों द्वारा अपने मूल बैंकों में किए गए निवेश के ट्रीटमेंट से संबंधित मानदंडों की समीक्षा की गई है तथा यह निर्णय लिया गया है कि बासल -I तथा बासल - II दोनों ढांचों के अंतर्गत इन मानदंडों में निम्नानुसार संशोधन किया जाए। |
2.1. सहायक /सहयोगी कंपनी में बैंक का निवेश सहायक कंपनी द्वारा जारी ईक्विटी तथा ईक्विटी से इतर पूंजी लिखत जिन्हें संबंधित विनियामक द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार सहायक कंपनी की विनियामक पूंजी में गिना जाता है, में बैंक के निवेश को बासल - I ढांचे के अंतर्गत ‘एकल आधार’ पर बैंक की पूंजी पर्याप्तता का मूल्यांकन करते समय मूल बैंक की टीयर I तथा टीयर II पूंजी में से प्रत्येक में से 50 प्रतिशत घटाया जाए। (बासल I परिवेश के अंतर्गत मौजूदा अनुदेशों के अनुसार केवल अपनी सहायक कंपनियों में बैंक के केवल ईक्विटी निवेश को बैंक की केवल टीयर I पूंजी में से घटाया जाना है; बैंक की सहयोगी कंपनियों में बैंक के निवेश के लिए इस तरह की कटौती अपेक्षित नहीं है।) |
बासल II ढांचे के अंतर्गत अपनी सहायक /सहयोगी कंपनियों में बैंक के निवेश के लिए ट्रीटमेंट से संबंधित अनुदेशों में कोई परिवर्तन नहीं है। |
2.2 किसी सहायक बैंकिंग कंपनी / सहयोगी बैंकिंग कंपनी द्वारा अपने मूल बैंक में निवेश |
अपने मूल बैंक द्वारा जारी ईक्विटी अथवा ईक्विटी से इतर विनियामक - पूंजी लिखतों में किसी सहायक कंपनी द्वारा किए गए निवेशों को बासल I तथा बासल II ढांचों के अंतर्गत एकल आधार पर उसकी पूंजी पर्याप्तता मूल्यांकन करते समय ऐसी सहायक कंपनी की विनियामक पूंजी में से टीयर I तथा टीयर II पूंजी में से प्रत्येक में से 50 प्रतिशत घटाया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त बासल - II ढांचे के अंतर्गत किसी सहयोगी बैंकिंग कंपनी द्वारा अपने मूल बैंक में किए गए निवेश पर भी इसी तरह का ट्रीटमेंट लागू किया जाएगा । |
तथापि गैर-बैंकिंग वित्तीय सहायक कंपनियों /सहयोगी कंपनियों द्वारा अपने मूल बैंक की विनियामक पूंजी में किये गये निवेश के संबंध में ट्रीटमेंट ऐसी सहयोगी/सहायक कंपनियों के संबंधित विनियामकों के प्रयोज्य विनियामक पूंजी मानदंडों द्वारा निर्धारित होगा। |
3. कृपया नोट करें कि उपर्युक्त मानदंडों के प्रयोजन के लिए ‘सहयोगी कंपनी’ की परिभाषा एक ऐसी संस्था के रूप में की गयी है जिसमें मूल बैंक का निवेश निवेशिती संस्था की प्रदत्त पूंजी के 30 प्रतिशत से अधिक लेकिन 50 प्रतिशत से कम है। |
भवदीय |
(प्रशांत सरन) |
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |