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कार्ड भुगतान - छोटे मूल्य के कार्ड प्रेजेंट लेन-देन के लिए प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक की आवश्यकता में छूट प्रदान करना

आरबीआई/2014-15/601
डीपीएसएस.सीओ.पीडी.सं. 2163/02.14.003/2014-2015

14 मई 2015

अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक/
शहरी सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक/
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक / प्राधिकृत कार्ड भुगतान नेटवर्क

महोदय/महोदया,

कार्ड भुगतान - छोटे मूल्य के कार्ड प्रेजेंट लेन-देन के लिए प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक की आवश्यकता में छूट प्रदान करना

रिजर्व बैंक ने ऑनलाइन अलर्ट और साथ ही प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक पर निर्देशों सहित कार्ड लेन-देन की सुरक्षा और जोखिम कम करने के उपाय, पर विभिन्न निर्देश जारी किए हैं। इन उपायों से कार्ड का उपयोग करने वाले ग्राहकों का विश्वास बढ़ा है।

2. पिछले कुछ समय में प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक (एएफ़ए) की आवश्यकता को समाप्त करने के संबंध में रिज़र्व बैंक को अनुरोध प्राप्त हुए हैं ताकि, नवोन्मेषी भुगतान उत्पादों / प्रक्रियाओं को बढ़ावा दिया जा सके और कुछ प्रकार के कार्ड लेनदेनों में सुविधा कारक को बढ़ाया जा सके। कार्ड लेन-देनों में सुरक्षा और सुविधा के बीच तालमेल की जांच करने के बाद, रिजर्व बैंक ने सार्वजनिक टिप्पणी के लिए एक परिपत्र का मसौदा उपलब्ध कराया गया था जिसमें नियर फील्ड कम्यूनिकेशन (एनएफसी) कोंटेक्टलेस प्रौद्योगिकी का उपयोग कर किए जाने वाले छोटे मूल्य के कार्ड प्रेजेंट लेन-देन के मामले में प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक (एएफ़ए) की आवश्यकता के संबंध में छूट देने के लिए कहा गया था, बशर्ते कि, ईएमवी मानकों का अनुपालन किया जाए।

3. मसौदा परिपत्र के संबंध में मिली टिप्पणियों की जांच की गई है। तदनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि, केवल संपर्क रहित कार्डों का उपयोग कर किए गए छोटे मूल्य के कार्ड प्रेजेंट लेन-देन के लिए प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक (एएफ़ए) की आवश्यकता के संबंध में मौजूदा दिशानिर्देश में छूट प्रदान की गई है। इस संबंध में यह सूचित किया जाता है कि-

  1. प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक (एएफ़ए) की आवश्यकता में छूट प्रति लेन-देन अधिकतम 2,000 रुपये मूल्य के लिए लेन-देन के लिए दी गई है।

  2. प्रति लेन-देन 2000 रुपये की सीमा देश सभी प्रकार के व्यापारियों के लिए होगी जहां इस तरह के संपर्क रहित भुगतान स्वीकार किए जाएंगे;

  3. लेन-देन की इस सीमा के बाद, कार्ड को एक संपर्क भुगतान के रूप में प्रोसेस किया जाएगा और पिन (एएफ़ए) के साथ प्रमाणीकरण अनिवार्य होगा;

  4. इस सीमा से कम मूल्य के लेनदेनों के लिए भी ग्राहक, संपर्क भुगतान के रूप में भुगतान करने का चुनाव कर सकता है जिसे जारीकर्ता और अधिग्राहक बैंक दोनों ही के द्वारा उप्लब्ध कराया जाना चाहिए। अन्य शब्दों में ग्राहक को संपर्क रहित लेनदेन करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।

  5. बैंक अपने ग्राहकों को प्रति लेन-देन की कम सीमा निर्धारित करने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्वतंत्र हैं। इस प्रकार की कार्ड आधारित सीमाओं के आधार पर संपर्क रहित भुगतान के प्रमाणीकरण का उत्तरदायित्व कार्ड जारी करने वाले बैंकों का होगा;

  6. लेनदेनों की यथोचित संख्या नियंत्रण (अर्थात, एक दिन / सप्ताह / माह में इस प्रकार के छोटे मूल्य के कितने लेनदेनों को अनुमति दी जाएगी) बैंकों द्वारा किया जाएगा; और

  7. संपर्क रहित कार्ड आवश्यक रूप से ईएमवी भुगतान मानकों का पालन करने वाले चिप वाले कार्ड होंगे, ताकि वे मौजूदा कार्ड स्वीकृति के बुनियादी ढांचे जो इस संबंध में दिये गए पूर्व अधिदेश के अनुसरण में ईएमवी का अनुपालन करते हों, में सभी जगहों पर स्वीकार किए जा सकें।

4. इसके अलावा, ग्राहक जागरूकता और सुरक्षा के हित में बैंकों को यह भी सूचित किया जाता है कि वे:

  1. ग्राहकों को इस प्रकार के संपर्क रहित कार्ड जारी करते समय स्पष्ट रूप से इसकी प्रौद्योगिकी, इसके उपयोग और जोखिम के बारे में विवरण प्रदान करें;

  2. ग्राहकों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए उन्हें बताएं कि वे कार्ड पर "संपर्क" लोगो को देखें/पहचानें (अन्य कार्ड और इस कार्ड में अंतर समझने के लिए) और साथ ही साथ व्यापारिक स्थान / पीओएस टर्मिनल (यह पहचान करने के लिए कि, संपर्क रहित भुगतान किन स्थानो में स्वीकार किए जाते हैं) की पहचान करें;

  3. ग्राहकों को स्पष्ट रूप यह बताएं कि वे इस कार्ड का उपयोग संपर्क रहित कार्ड मोड में (पिन प्रमाणीकरण के बिना) 2,000 रुपये मूल्य के लेनदेनों तक ऐसे स्थानों में ही कर सकते हैं जहां इस प्रकार के संपर्क रहित भुगतान स्वीकार किए जाते हैं और ग्राहकों को इस बात से भी अवगत कराएं कि वे इस कार्ड का उपयोग एक साधारण चिप कार्ड (पिन प्रमाणीकरण के साथ) के रूप में किसी भी स्थान पर कर सकते हैं चाहे लेनदेन का मूल्य कुछ भी क्यों न हो;

  4. इस प्रकार के कार्ड के खो जाने की स्थिति में बैंक को सूचित करने के साथ – साथ इस प्रकार का कार्ड जारी करते समय यह बात स्पष्ट रूप से बता दें कि अधिकतम देयता ग्राहक की होगी, यदि कोई हो;

  5. खोए हुए / चोरी हुए कार्डों की सरलता से की जा सकने वाली रिपोर्टिंग जिस तक पहुँच कई माध्यमों (वेबसाइट, फोन बैंकिंग, एसएमएस, आईवीआर इत्यादि) से की जा सकती है के लिए मजबूत तंत्र स्थापित करें।

5. तथापि, यह नोट किया जा सकता है कि, ऊपर उल्लिखित छूट निम्नलिखित पर लागू नहीं होंगी:

  1. एटीएम लेनदेन, चाहे लेनदेन का मूल्य कुछ भी क्यों न हो; और

  2. कार्ड नॉट प्रेजेंट लेनदेन (सीएनपी)।

6. यह निर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के साथ पठित धारा 10(2) के अंतर्गत जारी किया जा रहा है।

भवदीय

(नंदा एस. दवे)
मुख्य महाप्रबंधक

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