आदाता के खाते में देय चेकों का संग्रहण - थर्ड पार्टी खाते में चेक की रक्कम जमा करने पर प्रतिबंध - आरबीआई - Reserve Bank of India
आदाता के खाते में देय चेकों का संग्रहण - थर्ड पार्टी खाते में चेक की रक्कम जमा करने पर प्रतिबंध
आरबीआई/2010-11/452 29 मार्च 2011 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय /महोदया आदाता के खाते में देय चेकों का संग्रहण - थर्ड पार्टी कृपया 30 जनवरी 2006 का परिपत्र शबैंवि.बीपीडी.परि.सं.30 /14.01.062 /2005-06 देखें जिसमें शहरी सहकारी बैंकों को सूचित किया था कि वे "आदाता के खाते में देय" रेखित चेक का संग्रहण आदाता ग्राहक से अन्य व्यक्ति के लिए न करे । 2. यह हमारे ध्यान में लाया गया कि चूंकि को-आपरेटिव क्रेडिट सोसायटी समाशाधन गृह के उप सदस्य भी न होने के कारण, इस प्रकार की क्रेडिट सोसाइटियों के सदस्य जिनका कोई बैंक खाता नहीं है, उनके नाम पर आहरित "आदता के खाते में देय" चेको की वसूली में कठिनाई होती है । क्रेडिट सोसाइटियो के सदस्यों द्वारा अकाउंट पेयी चेक की वसूली में होनेवाली कठिनाईयों को ध्यान में रखकर यह स्पष्ट किया जाता है कि कलेक्टिंग बैंक अपने क्रेडिट सोसाइटी ग्राहकों के लिए अकाउंट पेयी चेक का संग्रहण कर सकते है जो रु.50,000 से अधिक न हो यदि ऐसे चेकों के आदाता इस प्रकार की क्रेडिट सोसाइटीयों के ग्राहक हैं । उपर बताए गए अनुसार चेकों का संग्रहण करते हुए बैंक संबंधित क्रेटिड सोसाइटी से लिखित में वचनपत्र प्राप्त करें कि वसूली के बाद राशि केवल को-आपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी के सदस्य के खाते में जमा की जाएगी जिसका नाम चेक पर लिखा गया है । तथापि यह व्यवस्था परक्राम्य लिखित अधिनियम 1881 के प्रावधानों की अपेक्षा तथा धारा 131 के पूर्ण करने के अधीन होगी । 3. कलेक्टिंग बैंक क्रेडिट सोसाइटी पर केवाइसी मानदंड लागू करे तथा सोसाइटी के साथ करार करे कि सोसाइटी के ग्राहकों के केवाइसी दस्तावेज सोसाइटी के रिकार्ड में रहेंगे तथा बैंक को संवीक्षा के लिए उपलब्ध रहेंगे ।तथापि कलेक्टिंग बैंक इस बात से सतर्क रहे कि चेक के सही मालिक के दावे की स्थिति में, सही मालिक के अधिकार, इस परिपत्र से किसी भी प्रकार प्रभावित नहीं होंगे तथा प्रश्नाधीन चेक के संबंध में बैंकों को यह साबित करना आवश्यक है कि उन्होंने सदभाव से और सावधानीपूर्वक कार्य किया है । 4. कृपया परिपत्र की प्राप्ति सूचना शहरी बैंक विभाग के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को दे । भवदीया (उमा श्ांकर) |