विशेष आर्थिक अंचल की किसी सत्ता द्वारा पण्य की हेजिंग - आरबीआई - Reserve Bank of India
विशेष आर्थिक अंचल की किसी सत्ता द्वारा पण्य की हेजिंग
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 44 नवंबर 12, 2002 सेवा में महोदया/महोदय विशेष आर्थिक अंचल की किसी सत्ता द्वारा पण्य की हेजिंग प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 25/आरबी 2000 के पैरा 6 और जनवरी 24, 2002 के एपी (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र क्र. 19 के पैरा अ.6 (i) भाग अ की ओर आकृष्ट किया जाता है । 2. चूंकि 27 जुलाई 2002 की अधिसूचना सं. फेमा 66/2002-आरबी (प्रतिलिपि संलग्न) द्वारा आंशिक रूप से संशोधित कर दिया गया है और तदनुसार निर्णय किया गया है कि विशेष आर्थिक अंचल की सत्ता को कीमत जोखीम की रक्षा के लिए, आयात/निर्यात, की अंतरराष्ट्रीय पण्य एक्सचेंज/बाज़ार में हेजिंग की अनुमति दी जाए बशर्ते कि ऐसे लेनदेन "स्वाश्रयी" आधार पर हों । "स्वाश्रयी" का मतलब विशेष आर्थिक अंचल की ईकाई पूर्ण रूप से अपनी पैतृक अथवा अनुषंगिक कंपनी से मुख्य भूमि में अथवा जहां तक उनका अयात/निर्यात का लेनदेन संबंधित है वहां तक विशेष आर्थिक अंचल के अंतर्गत वित्तीय संविदा से अलग हो जाएगी । 3. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु की जानकारी अपने सभी विशेष आर्थिक क्षेत्र के ग्राहकों को दे दें और परिशिष्ट में दिए गए नियम और शर्तों के अंतर्गत लेनदेन करने की अनुमति दें । 4. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11 (1) के अंतर्गत जारी किए गए है । भवदीया (ग्रेस कोशी) |