RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S1

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79209848

अनुपालन कार्य और मुख्य अनुपालन अधिकारी (सीसीओ) की भूमिका - शहरी सहकारी बैंक

भा.रि.बैंक/2022-2023/118
संदर्भ सं.पवि.कें.का.पीपीजी/एसईसी.04/11.01.005/2022-23

19 सितम्बर 2022

अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक (यूसीबी)

महोदया/प्रिय महोदय,

अनुपालन कार्य और मुख्य अनुपालन अधिकारी (सीसीओ) की भूमिका - शहरी सहकारी बैंक

कॉरपोरेट गवर्नेंस के समग्र ढांचे के हिस्से के रूप में, अनुपालन कार्य एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए, आनुपातिकता के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए, शहरी सहकारी बैंकों में अनुपालन कार्य के लिए कतिपय सिद्धांतों, मानकों और प्रक्रियाओं को आरम्भ करने का निर्णय लिया गया है। तदनुसार, यह परिपत्र टियर 3 और टियर 4 श्रेणियों1 के तहत आने वाले सभी शहरी सहकारी बैंकों पर लागू होगा। सर्व समावेशी निदेशों (एआईडी)2 के तहत आने वाले शहरी सहकारी बैंकों पर इस परिपत्र के दिशानिर्देश लागू नहीं होंगे। टियर 1 और टियर 2 श्रेणियों के तहत आने वाले शहरी सहकारी बैंक मौजूदा दिशानिर्देशों के तहत शासित होते रहेंगे।3

2. टियर 4 श्रेणी के अंतर्गत आने वाले शहरी सहकारी बैंक 1 अप्रैल, 2023 तक अनुबंध में दिए गए ढांचे के आधार पर मुख्य अनुपालन अधिकारी (सीसीओ) की नियुक्ति सहित बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति और अनुपालन कार्य को लागू करेंगे। टियर 3 श्रेणी के तहत आने वाले शहरी सहकारी बैंक 1 अक्टूबर, 2023 तक इसे लागू करेंगे।

3. इस परिपत्र को समयबद्ध तरीके से बोर्ड की देखरेख में सूचना और कार्यान्वयन रणनीति तैयार करने के लिए निदेशक मंडल की शीघ्र होने वाली अगली बैठक में रखा जाएगा।

भवदीय,

(तरुण सिंह)
मुख्य महाप्रबंधक

संलग्नक: अनुबंध


अनुबंध

अनुपालन कार्य के लिए ढांचा और टियर 3 और टियर 4 श्रेणियों के तहत आने वाले प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) में मुख्य अनुपालन अधिकारी की भूमिका4

1. प्रस्तावना

अनुपालन कार्य आंतरिक नियंत्रण और जोखिम प्रबंधन प्रक्रियाओं के साथ-साथ प्रभावी शासन का एक अभिन्न अंग है। टियर 3 और टियर 4 श्रेणियों के तहत आने वाले शहरी सहकारी बैंक परिपत्र में दिए गए दिशानिर्देशों को केवल न्यूनतम दिशानिर्देशों का एक समूह मानेंगे और तदनुसार अपने कॉर्पोरेट गवर्नेंस ढांचे, संचालन स्तर, जोखिम प्रोफ़ाइल, संगठनात्मक संरचना और आचरण संहिता आदि को ध्यान में रखते हुए अपने स्वयं के दिशानिर्देश तैयार करेंगे।

2. अनुपालन जोखिम

अनुपालन जोखिम कानूनी या नियामक प्रतिबंधों, महत्वपूर्ण वित्तीय हानि या प्रतिष्ठा की हानि का जोखिम है, जिसे एक यूसीबी को अपनी गतिविधियों पर लागू कानूनों, विनियमों, नियमों और आचार संहिता आदि का पालन करने में विफलता के परिणामस्वरूप भुगतना पड़ सकता है।

3. अनुपालन कार्य का दायरा और व्याप्ति

अनुपालन कार्य यूसीबी के लिए सभी वैधानिक और नियामक आवश्यकताओं का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करेगा, जिसमें आचरण के मानकों, हितों के टकराव का प्रबंधन, ग्राहकों के साथ उचित व्यवहार करना और ग्राहक सेवा की उपयुक्तता सुनिश्चित करना शामिल है।

4. बोर्ड और वरिष्ठ प्रबंधन की जिम्मेदारी

4.1 बोर्ड/बोर्ड समिति5 यह सुनिश्चित करेगी कि एक उपयुक्त अनुपालन नीति लागू की जाए और कार्यान्वित की जाए। इसके अलावा, बोर्ड/बोर्ड समिति अनुपालन जोखिम की समीक्षा के लिए आवधिकता निर्धारित करेगी।

4.2 वरिष्ठ प्रबंधन के कार्य:

i) शहरी सहकारी बैंक के सामने आने वाले प्रमुख अनुपालन जोखिम की पहचान करने और उसका आकलन करने के लिए वर्ष में कम से कम एक बार अभ्यास करना और इसे प्रबंधित करने के लिए योजना तैयार करना.

ii) बोर्ड/बोर्ड समिति को निर्धारित आवधिकता पर समीक्षा प्रस्तुत करना और अनुपालन की विस्तृत वार्षिक समीक्षा प्रस्‍तुत करना; तथा

iii) उचित उपचारात्मक या अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए किसी भी महत्वपूर्ण अनुपालन विफलता पर बोर्ड/बोर्ड समिति को तुरंत रिपोर्ट करना।

5. अनुपालन कार्य की जिम्मेदारियां

5.1 अनुपालन कार्य कम से कम निम्न गतिविधियों के लिए जिम्मेदार होगा:

  1. नीतियों और प्रक्रियाओं, अनुपालन नियमावली में सुझावों, आंतरिक आचार संहिता आदि सहित अनुपालन नीति के कार्यान्वयन की निगरानी करने में बोर्ड और वरिष्ठ प्रबंधन की सहायता करना।

  2. संगठन में अनुपालन जोखिम के स्तर की पहचान करने में केंद्रीय भूमिका निभाना। मौजूदा / नए उत्पादों और प्रक्रियाओं में अनुपालन जोखिमों का विश्लेषण किया जाएगा और उचित जोखिम शमन उपाय किए जाएंगे। मुख्य अनुपालन अधिकारी (सीसीओ) 'नई उत्पाद' समिति/समितियों6 का सदस्य होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि अनुपालन जोखिम के सांकेतिक मानकों की पर्याप्त रूप से निगरानी की जाती है, सभी नए उत्पादों की कम से कम शुरूआत के पहले छह महीनों के लिए गहन निगरानी की जानी चाहिए।

  3. अनुपालन कार्य पर्याप्त और प्रतिनिधि अनुपालन परीक्षण करके अनुपालन की निगरानी और परीक्षण करेगा, और ऐसे अनुपालन परीक्षण के परिणामों की सूचना वरिष्ठ प्रबंधन को दी जाएगी। यह समय-समय पर आवश्यक निवारक निर्देशों के साथ कर्मचारियों के बीच अनुपालन विफलताओं के मामलों को प्रसारित करेगा। बड़ी अनुपालन विफलताओं के लिए कर्मचारियों की जवाबदेही की जांच की जाएगी।

  4. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दिए गए विनियामक/पर्यवेक्षी निर्देशों का समयबद्ध और स्थायी तरीके से अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित करना। आरबीआई एक प्रभावी अनुपालन कार्यक्रम की अपेक्षा करना जारी रखेगा जहां सभी जोखिम शमन योजना (आरएमपी) / निगरानी योग्य कार्य योजना (एमएपी) बिंदुओं का अनुपालन निर्धारित समय सीमा के भीतर किया जाता है। आरएमपी/एमएपी के असंतोषजनक अनुपालन के लिए आरबीआई दंडात्मक कार्रवाई कर सकता है।

  5. उन मामलों, जहां संस्था की गतिविधियां आरबीआई के विनियमन/पर्यवेक्षण तक सीमित नहीं हैं, में अन्य विनियामकों के निर्देशों का अनुपालन करना। इसके अलावा, अन्य नियामकों द्वारा किसी भी मुद्दे पर यूसीबी को सूचित की गई कमियों और किसी अन्य प्राधिकरण/कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई को आरबीआई के ध्यान में लाया जाएगा।

  6. अनुपालन विभाग विभिन्न विनियामक और सांविधिक दिशानिर्देशों के स्पष्टीकरण/व्याख्या प्राप्त करने के लिए परिचालन विभागों के कर्मचारियों के लिए एक संदर्भ बिंदु के रूप में भी काम कर सकता है।

5.2. सीसीओ, यूसीबी और नियामकों/पर्यवेक्षकों के बीच केन्द्रीय संपर्क बिंदु होगा और आरबीआई के साथ आयोजित होने वाले संरचित या अन्य नियमित चर्चाओं में अनिवार्य रूप से भागीदार होगा। इसके अलावा, भारतीय रिज़र्व बैंक के निरीक्षण रिपोर्ट के अनुपालन के बारे में अनुपालन कार्य के कार्यालय के माध्यम से अनिवार्य रूप से आरबीआई को सूचित किया जाएगा।

5.3 कुछ शहरी सहकारी बैंकों में अलग-अलग सांविधिक और अन्य आवश्यकताओं के अनुपालन की निगरानी करने वाले अलग-अलग विभाग/प्रभाग हो सकते हैं। ऐसे मामलों में, संबंधित विभाग अपने संबंधित क्षेत्रों के लिए प्रमुख जिम्मेदारी संभालेंगे, जिसे स्पष्ट रूप से रेखांकित किया जाएगा। लागू वैधानिक प्रावधानों और विनियमों का पालन करना प्रत्येक स्टाफ सदस्य की जिम्मेदारी है। हालांकि, अनुपालन कार्य को समग्र निरीक्षण सुनिश्चित करना होगा।

6. शहरी सहकारी बैंकों में अनुपालन ढांचे की व्यापक रूपरेखा

ए. अनुपालन नीति

ए. यूसीबी, अपने अनुपालन सिद्धांत, अनुपालन संस्कृति पर अपेक्षाएं, अनुपालन कार्य की संरचना और भूमिका, सीसीओ की भूमिका, अनुपालन जोखिम की पहचान, आकलन, निगरानी, प्रबंधन और रिपोर्टिंग के लिए प्रक्रियाओं की स्पष्ट रूप से व्याख्या करते हुए एक बोर्ड-अनुमोदित अनुपालन नीति निर्धारित करेगा। नीति की वर्ष में कम से कम एक बार समीक्षा की जाएगी।

बी. व्यापक तौर पर, नीति निम्नलिखित पहलुओं की व्‍याप्ति सुनिश्चित करेगी:

  1. अनुपालन कार्य की स्वतंत्रता और वरिष्ठ प्रबंधन, बोर्ड / बोर्ड समिति को निष्कर्षों और विचारों को स्वतंत्र रूप से प्रकट करने की इसकी जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के उपाय;

  2. विभिन्न विनियामक और वैधानिक अनुपालन आवश्यकताओं पर ध्यान देना.

  3. अनुपालन परीक्षण प्रक्रिया के लिए निगरानी तंत्र;

  4. वरिष्ठ प्रबंधन और बोर्ड/बोर्ड समिति को अनुपालन जोखिम मूल्यांकन और जोखिम प्रोफाइल में परिवर्तन आदि सहित रिपोर्टिंग संबंधी आवश्यकताएं.

  5. अनुपालन कार्य प्राधिकारी का नीचे भाग डी में निर्दिष्ट जानकारी तक पहुंच होना;

  6. कर्मचारियों के बीच विनियामक निर्देशों और दिशा-निर्देशों के बारे में जानकारी के प्रसार और परिचालन मैनुअल के आवधिक अद्यतन के लिए एक तंत्र; तथा

  7. सभी नई प्रक्रियाओं और उत्पादों को आरम्भ करने/अपनाने से पहले अनुपालन विभाग द्वारा उनके अनुमोदन की प्रक्रिया।

बी अनुपालन संरचना

अनुपालन विभाग का नेतृत्व मुख्य अनुपालन अधिकारी द्वारा किया जाएगा, जो इस परिपत्र में निर्धारित आवश्यकताओं को पूरा करेगा। शहरी सहकारी बैंक अनुपालन कार्य के लिए अपने स्वयं के संगठनात्मक ढांचे को अपनाने के लिए स्वतंत्र हैं। हालांकि, कार्य स्वतंत्र होगा और इसे पर्याप्त रूप से संसाधित किया जाएगा, इसकी जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट किया जाएगा और इसकी गतिविधियां आवधिक और स्वतंत्र समीक्षा के अधीन होंगी।

सी. अनुपालन कार्यक्रम

शहरी सहकारी बैंक अपने सामने आने वाले प्रमुख अनुपालन जोखिमों की पहचान करने और उनका आकलन करने के लिए वार्षिक अनुपालन जोखिम मूल्यांकन करेंगे और जोखिमों के प्रबंधन के लिए एक योजना तैयार करेंगे। वरिष्ठ प्रबंधन द्वारा की जाने वाली वार्षिक समीक्षा, कम से कम निम्नलिखित पहलुओं की व्‍याप्ति सुनिश्चित करेगी:

  1. पिछले वर्ष के दौरान अनुपालन विफलता, यदि कोई हो, और परिणामस्वरूप होने वाली हानियां और विनियामक कार्रवाई, साथ ही इसकी पुनरावृत्ति से बचने के लिए उठाए गए कदम।

  2. पूर्ववर्ती वर्ष के दौरान जारी किए गए सभी प्रमुख विनियामक दिशानिर्देशों का सूचीकरण और अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदम.

  3. उचित व्यवहार संहिताओं का अनुपालन और स्व-नियामक निकायों और लेखा मानकों द्वारा निर्धारित मानकों का पालन; तथा

  4. विभिन्न लेखापरीक्षाओं और भारतीय रिजर्व बैंक की निरीक्षण रिपोर्टों में इंगित की गई महत्वपूर्ण कमियों के सुधार और सिफारिशों के कार्यान्वयन में प्रगति।

डी. प्राधिकार

सीसीओ और अनुपालन कार्य के पास किसी भी स्टाफ सदस्य के साथ संवाद करने का अधिकार होगा और सभी रिकॉर्ड या फाइलों तक पहुंच होगी जो उसे अनुपालन मामलों के संबंध में सौंपी गई जिम्मेदारियों को पूरा करने में सक्षम बनाने के लिए आवश्यक हैं। यह प्राधिकार यूसीबी की अनुपालन नीति का पालन करेगा।

ई. दोहरी भूमिका

i. कोई 'दोहरी भूमिका' नहीं होगी, अर्थात, सीसीओ को कोई जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी जो हितों के टकराव के तत्वों को लाती है, विशेष रूप से व्यवसाय से संबंधित कोई भी भूमिका। सीसीओ सामान्यतः खरीद / स्वीकृति से संबंधित किसी समिति सहित ऐसे किसी भी समिति का सदस्य नहीं होगा, जिसमें समिति के सदस्य के रूप में उसकी जिम्मेदारी का सीसीओ के रूप में उसकी भूमिका से टकराव हो। यदि सीसीओ ऐसी किसी समिति का सदस्य है, तो यह केवल एक सलाहकार की भूमिका होगी।

ii. अनुपालन विभाग के कर्मचारी मुख्य रूप से अनुपालन कार्य पर ध्यान केंद्रित करेंगे। हालांकि, अनुपालन स्टाफ को यह सुनिश्चित करते हुए कि हितों का टकराव न हो कुछ अन्य कार्य सौंपे जा सकते हैं।

एफ. अनुपालन कार्य की योग्यताएं और स्टाफिंग

व्यवसायिक क्षेत्रों / लेखा परीक्षा और निरीक्षण कार्यों में बुनियादी योग्यता और व्यावहारिक अनुभव वाले कर्मचारियों के अलावा, अनुपालन कार्यों में सांविधिक / विनियामक निर्देशों, कानून, लेखा, जोखिम प्रबंधन, सूचना प्रौद्योगिकी, आदि में ज्ञान रखने वाले पर्याप्त स्टाफ सदस्य होंगे। भविष्य में, कुशल कर्मचारियों की किसी भी कमी से बचने के उपयुक्त उत्तराधिकार योजना सुनिश्चित की जाएगी।

जी. आंतरिक लेखा परीक्षा और अनुपालन कार्य की स्वतंत्र समीक्षा

अनुपालन जोखिम को आंतरिक लेखापरीक्षा कार्य के जोखिम मूल्यांकन ढांचे में शामिल किया जाएगा, और अनुपालन कार्य नियमित आंतरिक लेखापरीक्षा के अधीन होगा। सीसीओ को अनुपालन से संबंधित लेखापरीक्षा निष्कर्षों से अवगत कराया जाएगा, जो अनुपालन विफलताओं के क्षेत्रों का आकलन करने के लिए एक प्रतिक्रिया तंत्र के रूप में कार्य करेगा।

एच. पर्यवेक्षी फोकस

यूसीबी में प्रचलित अनुपालन कठोरता की जांच रिजर्व बैंक की पर्यवेक्षी जोखिम मूल्यांकन प्रक्रिया का एक हिस्सा होगी।

7. सीसीओ की नियुक्ति और कार्यकाल

  1. कार्यकाल: सीसीओ को न्यूनतम निश्चित कार्यकाल के लिए नियुक्त किया जाएगा जो 3 साल से कम नहीं होगा। तथापि, असाधारण मामलों में, बोर्ड/बोर्ड समिति न्यूनतम कार्यकाल में एक वर्ष की छूट दे सकती है, बशर्ते कि उचित उत्तराधिकार योजना बनाई गई हो;

  2. निष्कासन: सीसीओ को कार्यकाल पूरा होने से पहले केवल असाधारण परिस्थितियों में, एक अच्छी तरह से परिभाषित और पारदर्शी आंतरिक प्रशासनिक प्रक्रिया का पालन करने के बाद, बोर्ड / बोर्ड समिति के स्पष्ट पूर्व अनुमोदन के साथ स्थानांतरित किया जाएगा/ हटाया जाएगा;

  3. रैंक: सीसीओ यूसीबी का एक वरिष्ठ कार्यपालक होगा, जिसका पद सीईओ से दो स्तरों से कम नहीं होगा। हालांकि, टियर 3 श्रेणी के अंतर्गत आने वाले शहरी सहकारी बैंकों के मामले में, इस आवश्यकता में एक स्तर की और ढील दी जा सकती है। यदि यूसीबी आवश्यक समझे तो सीसीओ की भर्ती बाहर से भी की जा सकती है।

  4. कौशल - सीसीओ को उद्योग और जोखिम प्रबंधन प्रथाओं की अच्छी समझ होनी चाहिए, विनियमों, विधिक आवश्यकताओं का ज्ञान होना चाहिए और पर्यवेक्षी अपेक्षाओं के प्रति संवेदनशीलता होनी चाहिए;

  5. कद - सीसीओ के पास स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने की क्षमता होगी। उसे विनियामकों/पर्यवेक्षकों के साथ सीधे बातचीत करने और अनुपालन सुनिश्चित करने की स्वतंत्रता और अधिकार होगा;

  6. आचरण - सीसीओ का साफ ट्रैक रिकॉर्ड और निर्विवाद सत्यनिष्ठा होनी चाहिए;

  7. चयन प्रक्रिया - सीसीओ के पद के लिए उम्मीदवार का चयन एक अच्छी तरह से परिभाषित चयन प्रक्रिया और इस उद्देश्य के लिए बोर्ड / बोर्ड समिति द्वारा गठित समिति द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर किया जाएगा। बोर्ड/बोर्ड समिति सीसीओ की नियुक्ति में अंतिम निर्णय लेगी।

  8. रिपोर्टिंग आवश्यकताएँ - सीसीओ की नियुक्ति, समय पूर्व स्थानांतरण, त्यागपत्र, समय से पहले सेवानिवृत्ति, पदच्युति या सीसीओ के कार्यकाल के संबंध में नियम एवं शर्तों में किसी अन्य परिवर्तन से पहले वरिष्ठ पर्यवेक्षी प्रबंधक, पर्यवेक्षण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक को पूर्व सूचना प्रदान की जाएगी। नियुक्ति के मामले में, इस तरह की सूचना को, यह पुष्टि करते हुए कि व्यक्ति निर्धारित पर्यवेक्षी आवश्यकताओं और परिवर्तनों के औचित्य, यदि कोई हो, को पूरा करता है, यूसीबी के एमडी और सीईओ द्वारा जारी किए गए 'उपयुक्त और उचित' प्रमाणीकरण के साथ उम्मीदवार की विस्तृत प्रोफ़ाइल द्वारा समर्थित किया जाएगा। इस ढांचे में वर्णित आवश्यकताओं के आधार पर 'उपयुक्त और उचित' मानदंड की जांच की जा सकती है;

  9. रिपोर्टिंग लाइन - सीसीओ के पास एमडी और सीईओ और / या बोर्ड / बोर्ड समिति तक सीधी रिपोर्टिंग लाइनें होंगी। यदि सीसीओ एमडी और सीईओ को रिपोर्ट करता है, तो बोर्ड / बोर्ड समिति एमडी और सीईओ सहित वरिष्ठ प्रबंधन की उपस्थिति के बिना, त्रैमासिक अंतराल पर सीसीओ से हर एक से अलग अलग मुलाकात करेगी। सीसीओ का व्यावसायिक वर्टिकल के साथ कोई रिपोर्टिंग संबंध नहीं होगा। इसके अलावा, बोर्ड/बोर्ड समिति द्वारा सीसीओ के प्रदर्शन मूल्यांकन की समीक्षा की जाएगी।


1 कृपया शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए संशोधित विनियामक ढांचे पर रिज़र्व बैंक की 19 जुलाई 2022 की प्रेस विज्ञप्ति देखें, जिसके अनुसार शहरी सहकारी बैंकों को विनियामक उद्देश्यों के लिए निम्नलिखित चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है: टियर 1 - सभी इकाई यूसीबी और वेतन पाने वाले यूसीबी (जमा आकार के बावजूद), और अन्य सभी शहरी सहकारी बैंक जिनकी जमा राशि 100 करोड़ तक है; टियर 2 - 100 करोड़ से अधिक और 1000 करोड़ तक की जमा राशि वाले शहरी सहकारी बैंक; टियर 3 - 1000 करोड़ से अधिक और 10,000 करोड़ तक की जमा राशि वाले शहरी सहकारी बैंक; टियर 4 - 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की जमा वाले शहरी सहकारी बैंक।

2 एआईडी के तहत आने वाले ऐसे शहरी सहकारी बैंक जब कभी एआईडी से बाहर निकलेंगे उन्हें इन दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए छह महीने का संक्रमण काल ​​प्रदान किया जाएगा।

3 निदेशक मंडल-यूसीबी पर दिनांक 01 जुलाई 2015 का मास्टर परिपत्र संदर्भ सं. डीसीबीआर.बीपीडी (पीसीबी/आरसीबी) परि.2/14.01.062/2015-16 जो शहरी सहकारी बैंकों में पदनामित अनुपालन अधिकारियों पर दिनांक 16 अगस्त 2002 को रिज़र्व बैंक द्वारा जारी परिपत्र संदर्भ सं. यूबीडी.सं.बीएसडी.I .पीसीबी.11/12.05.01/2002-03 के साथ पठित है, अन्य बातों के साथ-साथ, निदेशकों और बोर्ड की लेखा-परीक्षा समिति की भूमिका निर्धारित करता है, जिसमें अनुपालन को प्रमुख जिम्मेदारियों में से एक के रूप में रेखांकित किया गया है और एक वरिष्ठ अधिकारी को 'अनुपालन अधिकारी' के रूप में नामित किया जाने का निर्देश दिया गया है।

4 सर्व समावेशी निदेशों (एआईडी) के तहत आने वाले शहरी सहकारी बैंकों को छोड़कर। जब कभी ऐसे यूसीबी एआईडी से बाहर निकलेंगे उन्हें इन दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए छह महीने का संक्रमण काल प्रदान किया जाएगा।

5 'बोर्ड समिति' का अर्थ है 'बोर्ड की लेखा परीक्षा समिति'

6 यदि ऐसी कोई समिति अस्तित्व में नहीं है, तो सीसीओ सभी नए उत्पादों को लॉन्च करने से पहले उनका मूल्यांकन करेगा।

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?