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सरकारी व्यवसाय का संचालन - एजेंसी कमीशन - दरों में संशोधन

आरबीआई/2005-06/77
डीजीबीए.जीएडी.सं.379/31.12.010(C)/2005-06

25 जुलाई 2005

अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक /
प्रबंध निदेशक
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और उसके सहयोगी / सभी राष्ट्रीयकृत बैंक /
एचडीएफसी बैंक लिमिटेड / आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड /
यूटीआई बैंक लिमिटेड / आईडीबीआई लिमिटेड /
जम्मू एंड कश्मीर बैंक लिमिटेड

महोदय,

सरकारी व्यवसाय का संचालन - एजेंसी कमीशन - दरों में संशोधन

जैसा कि आपको विदित है कि, वर्तमान में एजेंसी बैंकों को सरकारी लेनदेन (प्राप्तियां और भुगतान) के प्रति 100/- रुपये पर 11.80 पैसे का कमीशन दिया जा रहा है। इस संबंध में, हम अपने 8 जुलाई 2005 के पत्र डीओ.डीजीबीए.जीएडी.नं. 3/31.12.010(सी)/2005-06 के का संदर्भ लेते हैं जिसमें गणना की पद्धति के साथ-साथ एजेंसी कमीशन की दरों में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है और इस संबंध में बैंकों की टिप्पणियां मांगी गई है। विचार-विमर्श के बाद, अब यह निर्णय लिया गया है कि वर्तमान में चल रहे अनुसार लेनदेन के मूल्य के बजाय लेनदेन की संख्या के आधार पर बैंकों को देय एजेंसी कमीशन की दरें निम्नानुसार निर्धारित की जाएं:

a) प्राप्तियां….रु.45/- प्रति लेन-देन

b) पेंशन के अलावा अन्य भुगतान ….रु.50/- प्रति लेन-देन

c) पेंशन भुगतान….रु.60/- प्रति लेन-देन

2. उपरोक्त दरें 1 जुलाई 2005 से और उसके बाद के लेन-देन के संबंध में प्रभावी होंगी। चेक/ड्राफ्ट आदि की उगाही और साथ ही नकद जमा करने की तारीख को लेनदेन की तारीख माना जाएगा। मार्च 2006 के अंत में दरों की समीक्षा की जाएगी। समीक्षा के आधार पर, विश्लेषण के बाद एजेंसी कमीशन दरों को या तो ऊपर या नीचे की ओर संशोधित किया जा सकता है।

3. चूंकि एजेंसी कमीशन प्रति लेनदेन के आधार पर देय है, इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि ऐसे कमीशन का दावा करने के लिए आवश्यक रिकॉर्ड बनाए रखें जो किसी भी समय सत्यापन के लिए रिज़र्व बैंक या इसकी अधिकृत एजेंसियों को उपलब्ध कराया जा सकेगा। लेन-देन की संख्या की गणना के लिए, सरकारी लेखा अधिकारियों को प्रदान की जाने वाली दैनिक शाखा स्क्रॉल की गणना की जाएगी। 'त्रुटि स्क्रॉल' में रिपोर्ट किए गए लेन-देन एजेंसी कमीशन के लिए पात्र नहीं होंगे। आकलनकर्ता के रूप में विभिन्न करों की वसूली/भुगतान के लिए बैंक के अपने वैधानिक दायित्व के संबंध में हमारे द्वारा जारी किए गए निर्देश अपरिवर्तित रहेंगे। कमीशन का दावा करते समय बैंकों द्वारा इस आशय का निर्धारित प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाना चाहिए।

4. लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) लेनदेन के संबंध में एजेंसी कमीशन के भुगतान को जारी रखने के संबंध में, भारत सरकार के परामर्श से एक अलग समीक्षा की जा रही है। इस संबंध में विस्तृत सूचना दी जाएगी।

5. यह ध्यान से नोट किया जाए कि एजेंसी बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा की गुणवत्ता की निगरानी आरबीआई द्वारा की जाएगी जिसमें बैंकों द्वारा पेंशनभोगियों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर विशेष जोर दिया जाएगा।

कृपया पावती दें।

भवदीय


(प्रबल सेन)
मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी

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