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भारतीय लेखांकन मानकों को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मामलों के समरूप करना - शहरी सहकारी बैंक

आरबीआई/2011-12/431
शबैंवि.केंका.बीपीडी सं. 25/12.05.001/ 2011-12

6 मार्च, 2012

मुख्यकार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक(शहरी) सहकारी बैंक

प्रिय महोदय/महोदया,

भारतीय लेखांकन मानकों को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मामलों के समरूप करना- शहरी सहकारी बैंक

भारत सरकार, कारपोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा गठित कोर ग्रुप ने, मार्च 2010 में भारतीय लेखांकन मानकों (आईएएस) को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानकों (आईएफआरएस) के साथ समरूप करने के लिए एक रोड मैप अनुमोदित किया है। 20 अप्रैल, 2010 को जारी रिजर्व बैंक के वार्षिक नीति वक्तव्य 2010-2011 में यह कहा गया था कि रु 300 करोड़ रुपये से अधिक निवल मालियत वाले शहरी सहकारी बैंकों का लेखा, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लिए दी गई समय सीमा में, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानकों (आईएफआरएस) के समरूप तैयार होगा। तदनुसार, 1 अप्रैल 2013 की स्थिति की ओपनिंग बैलन्स शीट अंतरराष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानकों (आईएफआरएस) के समरूप भारतीय लेखांकन मानकों में परिवर्तित करें। 200 करोड़ रुपये से अधिक और 300 करोड़ रुपये से कम निवल मालियत वाले शहरी सहकारी बैंक 1  अप्रैल 2014 का ओपनिंग बैलन्स शीट अंतरराष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग  मानकों के समरूप भारतीय लेखांकन मानकों में परिवर्तित करेंगे। वर्ष 2010-11 के वार्षिक नीति वक्तव्य के संबद्ध पैराग्राफ (92 से 94) का उद्धरण संलग्न है।

2. अत: 200 करोड़ रुपये से अधिक निवल मालियत होनेवाले शहरी सहकारी बैंकों को यह सुनिश्चित करने के लिए सूचित किया जाता है कि वे 1 अप्रैल 2013 या 1 अप्रैल 2014 से जैसी भी स्थिति हो, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग  मानकों के समरूप भारतीय लेखांकन मानकों को अपनाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।

3. कृपया इस विभाग के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को इस परिपत्र की प्राप्ति सूचना दें।

भवदीय,

(ए.उदगाता)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक


भारतीय रिज़र्व बैंक वार्षिक नीति वक्तव्य 2010-11 - भारतीय लेखांकन मानकों को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मामलों के समरूप बनाना

92. भारतीय लेखांकन मानकों को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानकों के समरूप बनाना सुनिश्चित किए जाने के प्रयासों के एक भाग के रूप मे। कारपोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा रिज़र्व बैंक के परामर्श से बैंकिंग कम्पनियों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों के लिए एक भावी योजना को अंतिम रूप दिया गया है। इस भावी योजना के अनुसार, सभी अनुसूचित वणिज्य बैंक 01 अप्रैल 2013 की स्थिति के अनुसार अपने प्रारंभिक तुलनपत्र को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानकों के अनुरूप संपरिवर्तित भारतीय लेखांकन मानकों के अनुसार परिवर्तित करेंगे।

93. तथापि, शहरी सहकारी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के मामले में क्रमिक रूप से आगे बढ़ने के नजरिये को सही माना गया है। 300 करोड़ रुपये से अधिक निवल मालियत वाले शहरी सहकारी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों जो एनएसई-निफ्टी 50 और बीएसई-सेन्सेक्स 30 का हिस्सा होने के साथ साथ, जिनकी निवल मालियत 1,000 करोड़ रुपये से अधिक है, को अनुसूचित वणिज्यिक बैंकों के लिए निर्धारित समय सीमा में ही अंतरराष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानकों (आईएफआरएस) के साथ समरूप होने की योजना तैयार की गयी है। 200 करोड़ रुपये से अधिक और 300 करोड़ रुपये से कम निवल मालियत वाली और 500 करोड़ रुपये से अधिक निवल मलियत वाली अन्य सूचीबद्ध गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के साथ-साथ गैर-सूचीबद्ध गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को 1 अप्रैल 2014 की स्थिति के अनुसार अपने प्रारंभिक शेष तुलनपत्र को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानकों (आईएफआरएस) के अनुरूप भारतीय लेखांकन मानकों मे परिवर्तित करना होगा। इन श्रेणियों में न आने वाले शहरी सहकारी बैंकों और गैर-सूचीबद्ध गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए केवल ऐसे अधिसूचित भारतीय लेखांकन मानकों का अनुपालन करना होगा जो अंतरराष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानकों (आईएफआरएस) के समरूप नहीं हैं।

94. समरूप करने की प्रक्रिया में लगने वाले काम की मात्रा देखते हुए, बैंकों और अन्य संस्थाओं से यह आशा है कि वे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानकों (आईएफआरएस) की जटिलताओं और चुनौतियों से निपटने के लिए साथ-साथ अपने कौशल, प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआइएस) और सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) को उन्नत करने के लिए उचित कदम उठाएंगे। अंतरराष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानकों (आईएफआरएस) को लागू करने में अतिरिक्त चुनौतियां सामने आयेंगी क्योंकि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानकों (आईएफआरएस) के कुछ पहलू विशेषकर, वित्तीय लिखतों के मानकों की समीक्षा चल रही है और इसे अंतिम रूप देने में और वक्त लगेगा। अंतरराष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानकों (आईएफआरएस) को सहजता से अपनाने के लिए यह प्रस्ताव है कि:

  • अंतरराष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानकों (आईएफआरएस) को अपनाने की प्रक्रिया की जटिलताओं का अध्ययन किया जाए और उचित परिचालनगत दिशानिर्देश भी जारी किए जाएं।

  • बैंकों और अन्य संस्थाओं को इस योजना का पालन करने के लिए तैयार करने की दृष्टि से शिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से सूचना का प्रचार-प्रसार किया जाए।

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