कंपनी ऋण का पुनर्विन्यास - आरबीआई - Reserve Bank of India
कंपनी ऋण का पुनर्विन्यास
कंपनी ऋण का पुनर्विन्यास
संदर्भ : बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 101/21.01.002/2001-02
9 मई 2002
19 वैशाख 1924(शक)
सभी वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)
प्रिय महोदय,
कंपनी ऋण का पुनर्विन्यास
कृपया 29 अप्रैल 2002 के गवर्नर महोदय के पत्र सं. एमपीडी. बीसी. 214 /07.01.279/ 2001-02 के साथ संलग्न ‘‘वर्ष 2002-03 के लिए मौद्रिक और ऋण नीति संबंधी वक्तव्य’’ का पैराग्राफ 132 देखें।
2. बी आइ एफ आर, डी आर टी के दायरे से बाहर के ढांचे और वित्तीय समस्याओं का सामना करने वाली अर्थक्षम कंपनी संस्थाओं के ऋण के पुनर्विन्यास के लिए अन्य कानूनी प्रक्रिया को सन्निविष्ट करने के लिए 23 अगस्त 2001 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 15/21.04.114/2000-01 के अंतर्गत कंपनी ऋण के पुनर्विन्यास (सी डी आर) के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये गये थे । जैसा कि केन्द्रीय बजट 2002-03 में प्रस्तावित है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने योजना के सुचारू रूप से कार्यान्वयन में परिचालनात्मक कठिनाइयों, यदि कोई हो, की पहचान करने के लिए सी डी आर योजना के परिचालनों की समीक्षा करने तथा इस योजना को और अधिक कारगर बनाने के लिए सुझाव देने के लिए एक उच्च स्तरीय दल (अध्यक्ष : श्री वेपा कामेसम, उप गवर्नर) का गठन किया था । एक अंतरिम उपाय के रूप में, यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय रिज़र्व बैंक सी डी आर ‘स्थायी दल’ (कोर-ग्रुप) की विशिष्ट सिफारिशों के आधार पर कंपनी ऋण पुनर्विन्यास के लिए अनुमति प्रदान करे बशर्तें कम से कम 75 प्रतिशत (मूल्य के अनुसार) उधारदाता, जिनमें बैंक और वित्तीय संस्थाएं हैं, सी डी आर के लिए सहमत हों भले ही बैंकों / वित्तीय संस्थाओं में आस्ति वर्गीकरण की स्थिति में अंतर हो ।
3. कृपया प्राप्ति-सूचना दें ।
भवदीय
(एम. आर. श्रीनिवासन)
प्रभारी मुख्य महा प्रबंधक